नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक अंतरराज्यीय अवैध हथियार सप्लाई गिरोह का भंडाफोड़ किया है. ट्रांस यमुना रेंज की टीम ने एक अवैध हथियार तस्कर को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी के कब्जे से 32 बोर की 10 अवैध पिस्तौल बरामद किया गया है. आरोपी मध्य प्रदेश के खरगोन से अवैध हथियार खरीदता था और मोटे दामों में बेचता था. बरामद हथियारों को आरोपी दिल्ली एनसीआर में बदमाशों को सप्लाई करने वाला था
स्पेशल सेल के डीसीपी अमित कौशिक के मुताबिक, स्पेशल सेल (ट्रांस यमुना रेंज) के एसीपी कैलाश सिंह बिष्ट और सुनील कुमार की टीम को सूचना मिली कि एक हथियार तस्कर आर्म्स की डिलीवरी के लिए द्वारका लिंक रोड समालखा बस स्टैंड (दिल्ली) पर आने वाला है. इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और एक हथियार सप्लायर सिंडिकेट के सदस्य को धरदबोचा. गिरफ्तार आरोपी की पहचान राजस्थान के हनुमानगढ़ के रहने वाले के रूप में की गई है.
पुलिस के मुताबािक, आरोपी पिछले 4 साल से हथियारों की तस्करी कर रहा था. हाल ही में वह जेल से जमानत पर रिहा हुआ था. जेल से छूटने के बाद उसने इस गोरखधंधे को छोड़ने की बजाय मध्य प्रदेश के खरगोन स्थित अवैध हथियार मैन्युफैक्चरर से कांटेक्ट किया. फिर हथियार सप्लाई करने लगा. आरोपी 12,000 रुपये में अवैध हथियार खरीदता था और उसे 30,000 से लेकर 40,000 रुपये प्रति हथियार बेचता था. गिरफ्तारी से पहले वह मध्य प्रदेश के खरगोन से हथियार खरीद कर दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान राज्यों में अलग-अलग लोगों को अवैध हथियारों की सप्लाई कर चुका है.
आरोपी गैंगस्टरों की लाइफस्टाइल से बेहद ही प्रभावित था, जिसके बाद वह दोस्तों से खुद को कुख्यात गैंगस्टर के नाम से बुलवाना पसंद करता था. साल 2021 में उसने बैंक मैनेजर की मिलीभगत से मुथूट गोल्ड लोन ब्रांच, हनुमानगढ़ (राजस्थान) में भी दिनदहाड़े डकैती की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दे चुका है. आरोपी के खिलाफ पहले से ही आर्म्स एक्ट, डकैती सहित 6 मामले राजस्थान के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं. इस मामले में स्पेशल टीम ने अवैध फायर आर्म्स सप्लायर को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है और उसके नेटवर्क के आगे और पीछे के संबंधों को खंगालने में जुट गई है.
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