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Delhi: सोनम वांगचुक के समर्थन में लद्दाख भवन जा रहे आइसा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया

Activist Sonam Wangchuk: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के आइसा कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के गेट पर हिरासत में लिया.

आइसा कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया
आइसा कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 20, 2024, 5:10 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने लद्दाख भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे आइसा के सदस्यों को हिरासत में ले लिया है. वे जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे, जो लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने और अन्य मांगों को लेकर शीर्ष नेतृत्व से मिलने की मांग कर रहे हैं. आइसा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को समर्थन देने और धरने में शामिल होने जा रहे थे. इसलिए उन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया. पुलिस ने आइसा जेएनयू इकाई के अध्यक्ष रणविजय को भी हिरासत में लिया.

दरअसल, सोनम वांगचुक के नेतृत्व में लद्दाख के पदयात्री पिछले 17 दिनों से लद्दाख भवन में शांतिपूर्ण अनशन पर बैठे हैं. आइसा की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आइसा ने जलवायु न्याय तथा लद्दाख में लोकतंत्र की बहाली के लिए भूख हड़ताल का समर्थन किया. लद्दाख भवन के बाहर पुलिस की तैनाती ने कुछ लोगों को अनशन पर बैठे लोगों के साथ शामिल होने से रोक दिया. ये लोग शांतिपूर्वक बैरिकेड्स पर एकत्र हुए थे, फिर उन्हें पुलिस ने हिंसक तरीके से हिरासत में लिया और मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया. उसी समय जेएनयू के अन्य छात्र जो लद्दाख भवन आ रहे थे, उन्हें उत्तरी गेट पर हिरासत में लिया गया और वसंत कुंज पुलिस स्टेशन ले जाया गया.

आइसा की जेएनयू इकाई ने आरोप लगाया कि सरकार विकास के नाम पर शोषण के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए लोगों की वास्तविक मांगों की अनदेखी करती है. सरकार अपने कॉरपोरेट मित्रों के लाभ के लिए चुप्पी साधे रखती है और लद्दाख के संसाधनों का बेलगाम दोहन होने देती है.

लद्दाख छात्र संघ के उपाध्यक्ष गलदान ने जोर देकर कहा कि छठी अनुसूची के लिए संघर्ष केवल लद्दाख के लाभ के लिए नहीं है, बल्कि भारत से लेकर भारत के पड़ोसियों तक सभी के लिए है. गलदान ने लोगों के बीच अधिक एकजुटता का आह्वान करते हुए कहा कि उत्तराखंड से लेकर हिमाचल तक कई गंभीर संकट, जहां हम भयंकर बाढ़ देखते हैं, अवैध खनन और अनियंत्रित वनों की कटाई का प्रत्यक्ष परिणाम है. लद्दाख के लोग शांतिपूर्वक अपने राज्य और पर्यावरण अधिकारों की मांग कर रहे हैं.

आइसा कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया (ETV BHARAT)

आइसा एयूडी सचिव सैयद ने लद्दाख के लोगों से भाजपा सरकार द्वारा किए गए वादे तोड़ने पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर के राज्य के दर्जे पर हमला और राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का वादा लद्दाख के लोगों से प्रतिनिधित्व और विकास के बड़े-बड़े वादों के साथ किया गया था. हालांकि, आज हम देखते हैं कि ये सभी वादे टूट गए हैं और लोगों की सभी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं के साथ विश्वासघात किया गया है. आइसा लोकतंत्र के लिए लद्दाख के संघर्ष और विकास के नाम पर इसके संसाधनों के अनियंत्रित दोहन के खिलाफ़ उनके साथ खड़ी है.

ये भी पढ़ें:

  1. सोनम वांगचुक का 8वें दिन भी अनशन जारी, समर्थन करने आए 61 लोगों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया
  2. सोनम वांगचुक को प्रदर्शन की इजाजत देने की मांग पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने लद्दाख भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे आइसा के सदस्यों को हिरासत में ले लिया है. वे जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे, जो लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने और अन्य मांगों को लेकर शीर्ष नेतृत्व से मिलने की मांग कर रहे हैं. आइसा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को समर्थन देने और धरने में शामिल होने जा रहे थे. इसलिए उन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया. पुलिस ने आइसा जेएनयू इकाई के अध्यक्ष रणविजय को भी हिरासत में लिया.

दरअसल, सोनम वांगचुक के नेतृत्व में लद्दाख के पदयात्री पिछले 17 दिनों से लद्दाख भवन में शांतिपूर्ण अनशन पर बैठे हैं. आइसा की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आइसा ने जलवायु न्याय तथा लद्दाख में लोकतंत्र की बहाली के लिए भूख हड़ताल का समर्थन किया. लद्दाख भवन के बाहर पुलिस की तैनाती ने कुछ लोगों को अनशन पर बैठे लोगों के साथ शामिल होने से रोक दिया. ये लोग शांतिपूर्वक बैरिकेड्स पर एकत्र हुए थे, फिर उन्हें पुलिस ने हिंसक तरीके से हिरासत में लिया और मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया. उसी समय जेएनयू के अन्य छात्र जो लद्दाख भवन आ रहे थे, उन्हें उत्तरी गेट पर हिरासत में लिया गया और वसंत कुंज पुलिस स्टेशन ले जाया गया.

आइसा की जेएनयू इकाई ने आरोप लगाया कि सरकार विकास के नाम पर शोषण के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए लोगों की वास्तविक मांगों की अनदेखी करती है. सरकार अपने कॉरपोरेट मित्रों के लाभ के लिए चुप्पी साधे रखती है और लद्दाख के संसाधनों का बेलगाम दोहन होने देती है.

लद्दाख छात्र संघ के उपाध्यक्ष गलदान ने जोर देकर कहा कि छठी अनुसूची के लिए संघर्ष केवल लद्दाख के लाभ के लिए नहीं है, बल्कि भारत से लेकर भारत के पड़ोसियों तक सभी के लिए है. गलदान ने लोगों के बीच अधिक एकजुटता का आह्वान करते हुए कहा कि उत्तराखंड से लेकर हिमाचल तक कई गंभीर संकट, जहां हम भयंकर बाढ़ देखते हैं, अवैध खनन और अनियंत्रित वनों की कटाई का प्रत्यक्ष परिणाम है. लद्दाख के लोग शांतिपूर्वक अपने राज्य और पर्यावरण अधिकारों की मांग कर रहे हैं.

आइसा कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया (ETV BHARAT)

आइसा एयूडी सचिव सैयद ने लद्दाख के लोगों से भाजपा सरकार द्वारा किए गए वादे तोड़ने पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर के राज्य के दर्जे पर हमला और राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का वादा लद्दाख के लोगों से प्रतिनिधित्व और विकास के बड़े-बड़े वादों के साथ किया गया था. हालांकि, आज हम देखते हैं कि ये सभी वादे टूट गए हैं और लोगों की सभी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं के साथ विश्वासघात किया गया है. आइसा लोकतंत्र के लिए लद्दाख के संघर्ष और विकास के नाम पर इसके संसाधनों के अनियंत्रित दोहन के खिलाफ़ उनके साथ खड़ी है.

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  1. सोनम वांगचुक का 8वें दिन भी अनशन जारी, समर्थन करने आए 61 लोगों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया
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