नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने 'नशामुक्त दिल्ली 2027 अभियान' के तहत उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा की उपस्थिति में लगभग 11 टन नशीले पदार्थों को नष्ट किया. इनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 1700 करोड़ रुपए आंकी गई है. इस अभियान में गांजा, हेरोइन, कोकीन, एलएसडी और अन्य नशीले पदार्थ नष्ट किए गए.
इस मौके पर उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस को बधाई दी. उन्होंने युवाओं और पत्रकारों से अपील की कि दिल्ली पुलिस की आंख व कान बनें और नशीले पदार्थों के सेवन से बचें. साथ ही कहीं भी नशीले पदार्थों की जानकारी मिले तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें. उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस को नशीली दवाओं के खतरे के प्रति जीरो-टॉलरेंस की नीति अपनाने और 2027 तक दिल्ली को नशा-मुक्त बनाने का निर्देश दिया गया है.
सुरक्षित और स्वस्थ दिल्ली के लिए प्रतिबद्धता: उन्होंने ये भी कहा कि राजधानी में नशा बेचने वालों को सबक सिखाना है, इसको लेकर युद्धस्तर पर दिल्ली पुलिस व अन्य विभागों द्वारा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि भारत से सटे कई छोटी-छोटी सीमाएं हैं, जहां से ड्रग्स तस्कर आ रहे हैं. इनको भी रोकने का काम किया जा रहा है. नशा मुक्ति का अभियान जो प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू किया, इसमें सभी का सहयोग जरूरी है.
Set in motion the destruction of nearly 11 tonnes of seized drugs worth nearly ₹1700 crore, marking a major step towards making a “Drug-free Delhi.
— LG Delhi (@LtGovDelhi) December 17, 2024
This is the fourth large-scale destruction of seized narcotics in the past two years. A total of nearly 29,000 kg of seized drugs… pic.twitter.com/lyzvCIeGB0
नशे के खतरे के प्रति जागरूकता: दिसंबर 2022 से अब तक 4300 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 29,000 किलोग्राम जब्त की गई दवाओं को नष्ट किया जा चुका है. इससे पहले दिल्ली पुलिस एसएसआई औद्योगिक क्षेत्र जीटी करनाल रोड स्थित बायोटिक वेस्ट सॉल्यूशंस के परिसर में ड्रग्स को नष्ट की गई थी. बता दें, नशा मुक्ति अभियान के तहत स्कूल, कॉलेज, होटल और पब्लिक स्थानों पर व्यापक छापेमारी और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
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