नई दिल्ली: दिल्ली में आए दिन साइबर क्राइम से जुड़े धोखाधड़ी, जालसाजी, ऑनलाइन ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी करने से जुड़े मामलों सामने आ रहे हैं. दिल्ली पुलिस की ओर से इन मामलों को रोकने और कार्रवाई करने लिए हर जिले में अलग से एक-एक साइबर थाने भी बनाए हुए हैं. जिले की साइबर पुलिस इन साइबर क्रिमिनल को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी भी कर रही है. इस कड़ी में दिल्ली पुलिस के साइबर साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की तरफ से सप्ताहभर के लिए 'स्पेशल साइबर ऑपरेशन' भी चलाया गया है जिसमें उसको बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. साइबर टीम ने खासकर 6 अलग-अलग मामलों को लेकर कई राज्यों में छापेमारी की जिसमें 18 साइबर क्रिमिनलों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है.
आरोपियों को ट्रेन के जरिए लाया जाएगा दिल्ली
दिल्ली पुलिस के साउथ वेस्ट जिला डीसीपी रोहित मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि, "अगस्त माह की शुरुआत में साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन फर्जीवाड़े को रोकने के लिए स्पेशल साइबर ऑपरेशन चलाया गया. कई राज्यों खासकर पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र आदि राज्यों में साइबर क्रिमिनल्स के खिलाफ कार्रवाई की जा रही हैं. गिरफ्तार आरोपियों के लिंक्स को भी तलाश जा रहा है. 18 आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक अलग-अलग राज्यों से की जा चुकी है. वहीं, इन राज्यों से और गिरफ्तारी भी हुईं जिनको ट्रेन के जरिए दिल्ली का लाने का काम किया जा रहा है.
ग्राहकों से कैसे बात करनी हैं इसकी करते हैं तैयारी
डीसीपी मीणा ने बताया कि आरोपियों में ज्यादातर अंडर ग्रेजुएट और हाल फिलहाल में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने वाले ज्यादा शामिल हैं. वहीं, तीसरी से लेकर 12वीं कक्षा की पढ़ाई करने वाले लोग भी इस ठगी के गोरखधंधे में संलिप्त हैं जोकि ग्राहकों से किस तरह से बात करनी हैं, उसके लिए खुद को पेश करने के लिए तैयार करते हैं. इस तरह के सिंडिकेट में हाइली टेक्निकल लोगों के शामिल होने की बात भी सामने आई हैं.
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बैंक कांट्रेक्चुअल एम्पलाई भी भूमिका भी आई सामने
डीसीपी ने बताया कि सोशल इंजीनियरिंग मेकैनिज्म के जरिए यह शातिर जलसाज एकाउंट्स डिटेल, उनके फोन नंबर्स और तमाम तरह की जानकारियां एकत्र कर लेते हैं. उसके बाद यह सभी अपने शिकार बनाते हैं और इसकी एक्सेल शीट स्पेशल ऑपरेशन के दौरान साइबर टीम को भी मिली हैं. उन्होंने बताया कि इन सभी का एक डाटा सोर्स और एक्सेल शीट है. उन्होंने यह भी बताया कि इन सब का एक सोर्स है, उसको लेकर अभी इन्वेस्टिगेशन की जा रही है. कई बार इन्वेस्टिगेशन के दौरान और छापेमारी में बैंक के कांट्रेक्चुअल एम्पलाई पकड़े गए हैं जोकि कई बार रकम पाने के चक्कर में इस तरह के लोगों को कस्टमर का डाटा शेयर करने में मदद करते हैं.
99 एकड़ ऐप और क्विक ऐप के जरिए करते थे धोखाधड़ी
डीसीपी ने बताया कि यह छापेमारी खासकर ऑनलाइन शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट, टेलीग्राम के जरिए घर से ऑनलाइन काम करने के नाम पर ठगी करने, फर्जी कस्टमर केयर नंबर चलाकर ठगी करने, 99 एकड़ ऐप और क्विक ऐप के जरिए धोखाधड़ी करने और ड्राइव ट्रेक प्लस कार्ड (डीटीपी कार्ड- नया मोडसऑपरेंडी) जालसाजी से जुड़े 6 मामलों को लेकर की गई.
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