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23 महीने बाद विजय नायर को मिली जमानत, AAP नेता बोले- सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं... - SC Grants Bail To Vijay Nair

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 2, 2024, 6:00 PM IST

Updated : Sep 2, 2024, 10:13 PM IST

Vijay Nair gets bail after 23 month: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में 23 महीने बाद विजय नायर को जमानत दे दी है. नायर आम आदमी पार्टी के संचार प्रभारी रहे हैं. उन्हें दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में साउथ ग्रुप के सदस्यों के साथ गिरफ्तार किया गया था.

विजय नायर को मिली जमानत, AAP नेताओं का बयान सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं
विजय नायर को मिली जमानत, AAP नेताओं का बयान सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं (ETV BHARAT)

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी. कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्रता "पवित्र" है और कड़े कानूनों से जुड़े मामलों में भी इसका सम्मान किया जाना चाहिए. न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की पीठ ने "जमानत नियम है और जेल अपवाद है" के कानूनी सिद्धांत का भी सहारा लिया. कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 21 (संविधान के) के तहत स्वतंत्रता का अधिकार एक पवित्र अधिकार है. जिसका सम्मान उन मामलों में भी किया जाना चाहिए जहां कड़े प्रावधान लागू होते हैं. याचिकाकर्ता 23 महीने से हिरासत में है और विचाराधीन कैदी के रूप में कैद है.

न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय ने कहा कि मुकदमा शुरू किए बिना सजा का कोई तरीका नहीं हो सकता. जमानत नियम है और जेल अपवाद है' का सार्वभौमिक प्रस्ताव पूरी तरह से विफल हो जाएगा यदि याचिकाकर्ता को इतने लंबे समय तक विचाराधीन कैदी के रूप में हिरासत में रखा जाएगा. जबकि, सजा दोषसिद्धि की स्थिति में अधिकतम 7 साल ही हो सकती है. हमारा मानना ​​है कि याचिकाकर्ता जमानत का हकदार है.

23 माह बाद जेल से बाहर आएगा विजय नायर.
23 माह बाद जेल से बाहर आएगा विजय नायर. (ETV Bharat)

जमानत देने पर प्रतिबंध लगाने वाली दोहरी शर्तों पर विचार होना चाहिएः सुनवाई समाप्त होने के बाद खुली अदालत में आदेश सुनाते हुए पीठ ने कहा कि उसके निर्देश मुकदमे के संचालन में बाधा नहीं बनेंगे. इसने इस दलील पर गौर किया कि नायर 13 नवंबर, 2022 से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में है और दोषसिद्धि की स्थिति में अधिकतम सजा सात साल है. याचिकाकर्ता की ओर से यह दलील दी गई है कि याचिकाकर्ता की जमानत पर भी अनुकूल तरीके से विचार किया जाना चाहिए. इसने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत देने पर प्रतिबंध लगाने वाली दोहरी शर्तों पर विचार किया जाना चाहिए.

नायर की जमानत पर AAP ने कहा- सत्यमेव जयतेः नायर को जमानत मिलने के बाद AAP नेताओं ने कहा कि धीरे-धीरे भाजपा की पूरी साज़िश धराशायी हो रही है. सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं. अब भाजपा की साजिशों का लगातार खुलासा हो रहा है. पहले सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत दी और अब विजय नायर को जमानत दी है. अब केंद्र सरकार के तमाम षड्यंत्रों को ध्वस्त करके जल्द अरविंद केजरीवाल भी बाहर आएंगे.

मनीष सिसोदिया ने एक्स पर कहा कि भाजपा के मनगढ़ंत शराब घोटाले की कहानी का एक और ग़ुब्बारा आज फूट गया. बिना सबूत, बिना कोई बरामदगी हुए विजय नायर को 23 महीने जेल में रखा. इनका मकसद सिर्फ़ एक है कि अरविंद केजरीवाल को चुनावों में नहीं रोक सकते तो उनकी पूरी टीम और उन्हें ईडी-सीबीआई से गिरफ्तार करवाकर जेल में रखो. देर लग सकती है लेकिन अंत में जीत तो सत्य को ही होती है.

भाजपा के मनगढ़ंत शराब घोटाले का एक और भंडाफोड़ः पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन एवं सांसद संदीप पाठक ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा के मनगढ़ंत शराब घोटाले का एक और भंडाफोड़ हुआ है. विजय नायर को 23 महीने बिना सबूत जेल में क्यों रखा गया? सिर्फ केजरीवाल को रोकने के लिए? दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ षड़यंत्र रचा और पार्टी के अनेकों नेताओं को जेल में डाला. लेकिन मनीष सिसोदिया और विजय नायर को ज़मानत मिलने के बाद यह साबित हो जाता है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं हो सकता.

ये भी पढ़ें : AAP विधायक अमानतुल्लाह खान को ED ने गिरफ्तार किया, साढ़े 5 घंटे तक चली सर्चिंग

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ईडी मामले में पहले मनीष सिसोदिया को बेल मिली, फिर बीआरएस नेता के. कविता को बेल मिली और अब विजय नायर को भी बेल मिल गई है. यह पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और केंद्र सरकार और उसकी ईडी-सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों की बड़ी हार है, जो अब लगातार सुप्रीम कोर्ट और पूरे देश के सामने बेनकाब होते जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें : दिल्ली आबकारी घोटाला मामलाः आरोपियों को दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश; केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह कोर्ट में हुए पेश

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी. कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्रता "पवित्र" है और कड़े कानूनों से जुड़े मामलों में भी इसका सम्मान किया जाना चाहिए. न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की पीठ ने "जमानत नियम है और जेल अपवाद है" के कानूनी सिद्धांत का भी सहारा लिया. कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 21 (संविधान के) के तहत स्वतंत्रता का अधिकार एक पवित्र अधिकार है. जिसका सम्मान उन मामलों में भी किया जाना चाहिए जहां कड़े प्रावधान लागू होते हैं. याचिकाकर्ता 23 महीने से हिरासत में है और विचाराधीन कैदी के रूप में कैद है.

न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय ने कहा कि मुकदमा शुरू किए बिना सजा का कोई तरीका नहीं हो सकता. जमानत नियम है और जेल अपवाद है' का सार्वभौमिक प्रस्ताव पूरी तरह से विफल हो जाएगा यदि याचिकाकर्ता को इतने लंबे समय तक विचाराधीन कैदी के रूप में हिरासत में रखा जाएगा. जबकि, सजा दोषसिद्धि की स्थिति में अधिकतम 7 साल ही हो सकती है. हमारा मानना ​​है कि याचिकाकर्ता जमानत का हकदार है.

23 माह बाद जेल से बाहर आएगा विजय नायर.
23 माह बाद जेल से बाहर आएगा विजय नायर. (ETV Bharat)

जमानत देने पर प्रतिबंध लगाने वाली दोहरी शर्तों पर विचार होना चाहिएः सुनवाई समाप्त होने के बाद खुली अदालत में आदेश सुनाते हुए पीठ ने कहा कि उसके निर्देश मुकदमे के संचालन में बाधा नहीं बनेंगे. इसने इस दलील पर गौर किया कि नायर 13 नवंबर, 2022 से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में है और दोषसिद्धि की स्थिति में अधिकतम सजा सात साल है. याचिकाकर्ता की ओर से यह दलील दी गई है कि याचिकाकर्ता की जमानत पर भी अनुकूल तरीके से विचार किया जाना चाहिए. इसने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत देने पर प्रतिबंध लगाने वाली दोहरी शर्तों पर विचार किया जाना चाहिए.

नायर की जमानत पर AAP ने कहा- सत्यमेव जयतेः नायर को जमानत मिलने के बाद AAP नेताओं ने कहा कि धीरे-धीरे भाजपा की पूरी साज़िश धराशायी हो रही है. सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं. अब भाजपा की साजिशों का लगातार खुलासा हो रहा है. पहले सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत दी और अब विजय नायर को जमानत दी है. अब केंद्र सरकार के तमाम षड्यंत्रों को ध्वस्त करके जल्द अरविंद केजरीवाल भी बाहर आएंगे.

मनीष सिसोदिया ने एक्स पर कहा कि भाजपा के मनगढ़ंत शराब घोटाले की कहानी का एक और ग़ुब्बारा आज फूट गया. बिना सबूत, बिना कोई बरामदगी हुए विजय नायर को 23 महीने जेल में रखा. इनका मकसद सिर्फ़ एक है कि अरविंद केजरीवाल को चुनावों में नहीं रोक सकते तो उनकी पूरी टीम और उन्हें ईडी-सीबीआई से गिरफ्तार करवाकर जेल में रखो. देर लग सकती है लेकिन अंत में जीत तो सत्य को ही होती है.

भाजपा के मनगढ़ंत शराब घोटाले का एक और भंडाफोड़ः पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन एवं सांसद संदीप पाठक ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा के मनगढ़ंत शराब घोटाले का एक और भंडाफोड़ हुआ है. विजय नायर को 23 महीने बिना सबूत जेल में क्यों रखा गया? सिर्फ केजरीवाल को रोकने के लिए? दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ षड़यंत्र रचा और पार्टी के अनेकों नेताओं को जेल में डाला. लेकिन मनीष सिसोदिया और विजय नायर को ज़मानत मिलने के बाद यह साबित हो जाता है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं हो सकता.

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मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ईडी मामले में पहले मनीष सिसोदिया को बेल मिली, फिर बीआरएस नेता के. कविता को बेल मिली और अब विजय नायर को भी बेल मिल गई है. यह पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और केंद्र सरकार और उसकी ईडी-सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों की बड़ी हार है, जो अब लगातार सुप्रीम कोर्ट और पूरे देश के सामने बेनकाब होते जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें : दिल्ली आबकारी घोटाला मामलाः आरोपियों को दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश; केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह कोर्ट में हुए पेश

Last Updated : Sep 2, 2024, 10:13 PM IST
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