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MCD कर्मियों के वेतन और बकाए का भुगतान नहीं होने पर हाई कोर्ट सख्त, नगर निगम बंद करने की चेतावनी

Delhi High Court To Mcd: दिल्ली हाई कोर्ट ने MCD कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं करने पर दिल्ली नगर निगम को बंद करने की चेतावनी दी है. कोर्ट ने 4 सप्ताह में फैसला करने को कहा है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 9, 2024, 7:28 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा अपने पूर्व और सेवारत कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और बकाया का भुगतान करने में विफलता पर कड़ी नाराजगी जताई. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि यदि एमसीडी कर्मचारियों के भुगतान करने में विफल रही है, तो न्यायालय नगर निगम को बंद करने का आदेश देने पर विचार कर सकता है.

सुनवाई के दौरान कोर्ट के सख्त रुख को देखने के बाद नगर निगम की ओर से पेश वकील दिव्य प्रकाश पांडे ने कहा कि, "कर्मचारियों के वेतन का भुगतान दस दिनों के अंदर कर दिया जाएगा." वहीं कोर्ट ने साफ किया कि वह दिल्ली नगर निगम के संसाधनों की बढ़ोतरी का इंतजार नहीं करेगा. कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन देना दिल्ली नगर निगम की वैधानिक जवाबदेही है. अगर दिल्ली नगर निगम इस स्थिति में नहीं है कि वह वेतन का भुगतान कर सके तो उसे इसके नतीजे भुगतने होंगे.

नगर निगम के तरफ से वकील ने कहा कि निगम बकाया भुगतान की कोशिश कर रहा है. दिल्ली नगर निगम पर वेतन भुगतान का बकाया एक हजार करोड़ रुपये था जो घटकर चार सौ करोड़ रह गया है. दिल्ली नगर निगम के वकील की इस दलील पर गौर करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि आप निगमायुक्त से कहिए कि कोर्ट कड़ी कार्रवाई करेगा. हम चार साल तक इंतजार नहीं करेंगे. आप चार हफ्ते में फैसला कीजिए.

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील सत्यकाम ने कहा कि 24 जनवरी को दिल्ली सरकार ने दिल्ली नगर निगम के लिए 803 करोड़ रुपये स्वीकृत किया है जो नगर निगम को मिल चुके हैं. दरअसल दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और बकाये के भुगतान की मांग को लेकर कई याचिकाओं पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा अपने पूर्व और सेवारत कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और बकाया का भुगतान करने में विफलता पर कड़ी नाराजगी जताई. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि यदि एमसीडी कर्मचारियों के भुगतान करने में विफल रही है, तो न्यायालय नगर निगम को बंद करने का आदेश देने पर विचार कर सकता है.

सुनवाई के दौरान कोर्ट के सख्त रुख को देखने के बाद नगर निगम की ओर से पेश वकील दिव्य प्रकाश पांडे ने कहा कि, "कर्मचारियों के वेतन का भुगतान दस दिनों के अंदर कर दिया जाएगा." वहीं कोर्ट ने साफ किया कि वह दिल्ली नगर निगम के संसाधनों की बढ़ोतरी का इंतजार नहीं करेगा. कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन देना दिल्ली नगर निगम की वैधानिक जवाबदेही है. अगर दिल्ली नगर निगम इस स्थिति में नहीं है कि वह वेतन का भुगतान कर सके तो उसे इसके नतीजे भुगतने होंगे.

नगर निगम के तरफ से वकील ने कहा कि निगम बकाया भुगतान की कोशिश कर रहा है. दिल्ली नगर निगम पर वेतन भुगतान का बकाया एक हजार करोड़ रुपये था जो घटकर चार सौ करोड़ रह गया है. दिल्ली नगर निगम के वकील की इस दलील पर गौर करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि आप निगमायुक्त से कहिए कि कोर्ट कड़ी कार्रवाई करेगा. हम चार साल तक इंतजार नहीं करेंगे. आप चार हफ्ते में फैसला कीजिए.

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील सत्यकाम ने कहा कि 24 जनवरी को दिल्ली सरकार ने दिल्ली नगर निगम के लिए 803 करोड़ रुपये स्वीकृत किया है जो नगर निगम को मिल चुके हैं. दरअसल दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और बकाये के भुगतान की मांग को लेकर कई याचिकाओं पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है.

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