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Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट ने MCD पार्षदों के लिए फंड 15 करोड़ करने की मांग पर सुनवाई से किया इनकार - FUNDS OF MCD COUNCILLORS

-एमसीडी पार्षदों के लिए निधि बढ़ाने पर जनहित याचिका - फंड के अभाव से संचालित स्कूलों पर पड़ेगा बुरा असर

दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट (File Photo)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 5, 2024, 8:29 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें पार्षदों का फंड एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15 करोड़ करने के लिए संबंधित प्राधिकारों को निर्देश देने की मांग की गई थी. चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक पार्षद द्वारा मामले को कोर्ट में उठाने पर सवाल उठाया और उसे उचित प्राधिकार के पास जाने की सलाह दी.

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि हम खुद हाईकोर्ट के लिए फंड मिलने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में हम आपको फंड बढ़ाने का आदेश कैसे दे सकते हैं. आप दिल्ली नगर निगम में अपनी बात रखिए. याचिका दक्षिण पूर्वी दिल्ली के सिद्धार्थनगर वार्ड से बीजेपी पार्षद सोनाली ने दायर किया था. याचिकाकर्ता की ओर से वकील शलभ गुप्ता और प्राची गुप्ता ने कहा था कि दिल्ली नगर निगम के पार्षदों के लिए अपर्याप्त फंडिंग की वजह से उन्हें अपने कर्तव्यों को पूरा करने में बाधा आ रही है. इसकी वजह से जरुरी सार्वजनिक सेवाओं में गिरावट हो रही है.

याचिका में कहा गया था कि अपर्याप्त फंड के अभाव में नगर निगम की ओर से संचालित स्कूलों पर बुरा असर पड़ रहा है. नगर निगम के स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर, सफाई इत्यादि पर असर पड़ रहा है. ऐसा होना शिक्षा के अधिकार और संविधान के अनुच्छेद 21ए का उल्लंघन है. याचिका में कहा गया था कि फंड की कमी की वजह से पार्कों में पानी की कमी हो रही है, जिससे हरियाली को बनाए रखना मुश्किल हो रहा है. फंड की कमी की वजह से डिस्पेंसरी, आउटडोर जिम और कम्युनिटी सेंटर में रखरखाव का काम ढंग से नहीं हो रहा है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें पार्षदों का फंड एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15 करोड़ करने के लिए संबंधित प्राधिकारों को निर्देश देने की मांग की गई थी. चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक पार्षद द्वारा मामले को कोर्ट में उठाने पर सवाल उठाया और उसे उचित प्राधिकार के पास जाने की सलाह दी.

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि हम खुद हाईकोर्ट के लिए फंड मिलने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में हम आपको फंड बढ़ाने का आदेश कैसे दे सकते हैं. आप दिल्ली नगर निगम में अपनी बात रखिए. याचिका दक्षिण पूर्वी दिल्ली के सिद्धार्थनगर वार्ड से बीजेपी पार्षद सोनाली ने दायर किया था. याचिकाकर्ता की ओर से वकील शलभ गुप्ता और प्राची गुप्ता ने कहा था कि दिल्ली नगर निगम के पार्षदों के लिए अपर्याप्त फंडिंग की वजह से उन्हें अपने कर्तव्यों को पूरा करने में बाधा आ रही है. इसकी वजह से जरुरी सार्वजनिक सेवाओं में गिरावट हो रही है.

याचिका में कहा गया था कि अपर्याप्त फंड के अभाव में नगर निगम की ओर से संचालित स्कूलों पर बुरा असर पड़ रहा है. नगर निगम के स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर, सफाई इत्यादि पर असर पड़ रहा है. ऐसा होना शिक्षा के अधिकार और संविधान के अनुच्छेद 21ए का उल्लंघन है. याचिका में कहा गया था कि फंड की कमी की वजह से पार्कों में पानी की कमी हो रही है, जिससे हरियाली को बनाए रखना मुश्किल हो रहा है. फंड की कमी की वजह से डिस्पेंसरी, आउटडोर जिम और कम्युनिटी सेंटर में रखरखाव का काम ढंग से नहीं हो रहा है.

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