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द‍िल्‍ली में प्रदूषण फैलाने वाली 140 अवैध डाइंग इंडस्ट्रीज सील, ऑन द स्‍पॉट काटे गए ब‍िजली-पानी कनेक्‍शन - Yamuna Cleanning Project - YAMUNA CLEANNING PROJECT

दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में उन सभी प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रीज के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जो अवैध तरीके से चल रही है. दिल्ली सरकार और न‍िगम की ओर से ये कार्रवाई की जा रही है.

प्रदूषण फैलाने वाली अवैध फैक्‍ट्र‍ियों पर बड़ा एक्‍शन!
प्रदूषण फैलाने वाली अवैध फैक्‍ट्र‍ियों पर बड़ा एक्‍शन! (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 17, 2024, 5:17 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की तरफ से राजधानी में चल रही नॉन कंफर्मिंग एरिया की इंडस्ट्रीज के रीडेवलपमेंट करने की योजना पर काम किया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार ऐसी इंडस्ट्रीज के खिलाफ जोर-जोर से कार्रवाई कर रही है, जो अवैध तरीके से रेजिडेंशियल एरिया में संचालित हो रही है. यह इंडस्‍ट्रीज हवा और पानी दोनों तरह के प्रदूषण फैलाने का बड़ा कारण बन रही है. दिल्ली सरकार और न‍िगम की ओर से यह कार्रवाई कोर्ट आदेश के अनुपालन में की जा रही है.

दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर दिल्ली की उन सभी प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रीज के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जो अवैध तरीके से चल रही हैं. दिल्ली की यह इंडस्‍ट्रीज ओपन ड्रेन में अनुपचारित अपशिष्ट यानी अनट्रीटेड एफ्लुएंट को इन खुले नालों में बहाती है. यह इंडस्ट्रियल यूनिट्स लगातार चेतावनी और निर्देशों के बावजूद उन सभी मानकों का अनुपालन नहीं कर रही, जिनका करना अनिवार्य है. इन सभी आदेशों के बाद दिल्ली सरकार और नगर निगम की जॉइंट टीमों की तरफ से ऐसे इंडस्ट्रियल यूनिट्स के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

सूत्र बताते हैं कि निगम की ओर से एक एक्शन टेकन रिपोर्ट और एक्शन प्लान अनऑथराइज्ड पोल्यूटिंग इंडस्ट्रीज को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में भी पेश किया गया है. इस पूरे मामले में सख्‍ती से निपटने के लिए दिल्लीभर में अलग-अलग 12 जॉइंट टीमों का भी गठन क‍िया गया. इनमें एमसीडी, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, बीएसईएस, दिल्ली जल बोर्ड आदि व‍िभाग प्रमुख रूप से शामिल है. यह सभी टीम उन सभी इलाकों का सर्वे कर रही है जहां पर अवैध तरीके से इंडस्ट्रियल यूनिट ऑपरेट की जा रही है.

यमुना में प्रदूषि‍त करने का बड़ा कारक बन रही ऐसी इंडस्‍ट्रीज: इस तरह की उद्योगों के संचालन का पता लगने के बाद उनके खिलाफ सीलिंग जैसी कार्रवाई भी की जा रही है. साथ ही इन सभी इंडस्ट्रियल यूनिट्स को सील करने के बाद ऑन द स्पॉट इलेक्ट्रिसिटी और वॉटर कनेक्शन को भी डिस्कनेक्ट संबंधित एजेंसियों की विभागीय जॉइंट टीमों की तरफ से किया जा रहा है. इन जॉइंट टीमों की तरफ से अब तक 140 डाइंग यूनिट्स (रंगाई वाली इंडस्ट्रियल यूनिट्स) को सील किया गया है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में इस तरह के अवैध तरीके से संचाल‍ित उद्योगों पर और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

नरेला और बवाना में लगे दो सीईपीटी को DSIIDC करेगी अपग्रेड: आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि दिल्ली भर की इंडस्ट्रियल यूनिट्स से निकलने वाले प्रदूषित पानी को ट्रीट (उपचार‍ित) करने के लिए 13 सीईटीपी यानी कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स लगे हैं. यह सीईपीटी सभी निर्धारित मानकों को पूरा करते हुए इंडस्ट्रियल पानी को ट्रीट करने का काम भी कर रहे हैं ज‍िससे क‍ि इंडस्‍ट्रीज से न‍िकलने वाला जहरीला या कैम‍िकलयुक्‍त पानी सीधा ओपन ड्रेन या यमुना में नहीं जा सके. सरकार नरेला और बवाना में लगाए गए दो सीईपीटी को आने वाले समय में अपग्रेड करने जा रही है. इसको लेकर दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DSIIDC) की ओर से अपग्रेड करने की योजना तैयार की गई है.

दिल्ली में यह है नॉन कन्फॉर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया: दिल्ली सरकार की ओर से नॉन कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया के रीडेवलपमेंट करने की योजना पर भी काम किया जा रहा है. इनमें शाहदरा, आनंद पर्वत, समयपुर बादली, सुल्तानपुर माजरा, जवाहर नगर, हस्तसाल पॉकेट-ए, नरेश पार्क एक्सटेंशन, लिबासपुर, ख्याला, पीरागढ़ी गांव, हस्तसाल पॉकेट-डी, न्यू मंडोली, नवादा, रिठाला, शालीमार बाग, स्वर्ण पार्क मुंडका, हैदरपुर, करावल नगर, बसई दारापुर, पहलादपुर बांगर, डाबड़ी, मुंडका उद्योग नगर साउथ, फिरनी रोड मुंडका, टिकरी कला, नांगली सकरावती और रणहौला आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं.

सरकार इन सभी इंडस्ट्रियल एरिया के रीडेवेल्पमेंट के लिए द‍िल्‍ली मास्टर प्लान-2041 (एमपीडी-2041) की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सभी सेफ्टी और अपग्रेड फैसिलिटी को सुनिश्चित करने को लेकर तैयार एक लेआउट प्लान पर काम रही है. इससे इन सभी एरिया में जरूरत के मुताबिक तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकेंगी. एक आंकड़े के मुताबिक इन सभी नॉन कंफर्मिंग एरिया में करीब 50000 से ज्यादा इंडस्ट्रियल यूनिट्स चल रही हैं जिसमें बड़ी संख्या में लोग काम भी करते हैं. बावजूद इसके इन सभी यूनिट्स पर आमतौर पर सीलिंग की तलवार भी लटकी रहती है. द‍िल्ली भर में कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया 29 है जबकि नॉन कंफर्मिंग एरिया की संख्या 26 है.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की तरफ से राजधानी में चल रही नॉन कंफर्मिंग एरिया की इंडस्ट्रीज के रीडेवलपमेंट करने की योजना पर काम किया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार ऐसी इंडस्ट्रीज के खिलाफ जोर-जोर से कार्रवाई कर रही है, जो अवैध तरीके से रेजिडेंशियल एरिया में संचालित हो रही है. यह इंडस्‍ट्रीज हवा और पानी दोनों तरह के प्रदूषण फैलाने का बड़ा कारण बन रही है. दिल्ली सरकार और न‍िगम की ओर से यह कार्रवाई कोर्ट आदेश के अनुपालन में की जा रही है.

दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर दिल्ली की उन सभी प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रीज के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जो अवैध तरीके से चल रही हैं. दिल्ली की यह इंडस्‍ट्रीज ओपन ड्रेन में अनुपचारित अपशिष्ट यानी अनट्रीटेड एफ्लुएंट को इन खुले नालों में बहाती है. यह इंडस्ट्रियल यूनिट्स लगातार चेतावनी और निर्देशों के बावजूद उन सभी मानकों का अनुपालन नहीं कर रही, जिनका करना अनिवार्य है. इन सभी आदेशों के बाद दिल्ली सरकार और नगर निगम की जॉइंट टीमों की तरफ से ऐसे इंडस्ट्रियल यूनिट्स के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

सूत्र बताते हैं कि निगम की ओर से एक एक्शन टेकन रिपोर्ट और एक्शन प्लान अनऑथराइज्ड पोल्यूटिंग इंडस्ट्रीज को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में भी पेश किया गया है. इस पूरे मामले में सख्‍ती से निपटने के लिए दिल्लीभर में अलग-अलग 12 जॉइंट टीमों का भी गठन क‍िया गया. इनमें एमसीडी, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, बीएसईएस, दिल्ली जल बोर्ड आदि व‍िभाग प्रमुख रूप से शामिल है. यह सभी टीम उन सभी इलाकों का सर्वे कर रही है जहां पर अवैध तरीके से इंडस्ट्रियल यूनिट ऑपरेट की जा रही है.

यमुना में प्रदूषि‍त करने का बड़ा कारक बन रही ऐसी इंडस्‍ट्रीज: इस तरह की उद्योगों के संचालन का पता लगने के बाद उनके खिलाफ सीलिंग जैसी कार्रवाई भी की जा रही है. साथ ही इन सभी इंडस्ट्रियल यूनिट्स को सील करने के बाद ऑन द स्पॉट इलेक्ट्रिसिटी और वॉटर कनेक्शन को भी डिस्कनेक्ट संबंधित एजेंसियों की विभागीय जॉइंट टीमों की तरफ से किया जा रहा है. इन जॉइंट टीमों की तरफ से अब तक 140 डाइंग यूनिट्स (रंगाई वाली इंडस्ट्रियल यूनिट्स) को सील किया गया है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में इस तरह के अवैध तरीके से संचाल‍ित उद्योगों पर और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

नरेला और बवाना में लगे दो सीईपीटी को DSIIDC करेगी अपग्रेड: आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि दिल्ली भर की इंडस्ट्रियल यूनिट्स से निकलने वाले प्रदूषित पानी को ट्रीट (उपचार‍ित) करने के लिए 13 सीईटीपी यानी कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स लगे हैं. यह सीईपीटी सभी निर्धारित मानकों को पूरा करते हुए इंडस्ट्रियल पानी को ट्रीट करने का काम भी कर रहे हैं ज‍िससे क‍ि इंडस्‍ट्रीज से न‍िकलने वाला जहरीला या कैम‍िकलयुक्‍त पानी सीधा ओपन ड्रेन या यमुना में नहीं जा सके. सरकार नरेला और बवाना में लगाए गए दो सीईपीटी को आने वाले समय में अपग्रेड करने जा रही है. इसको लेकर दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DSIIDC) की ओर से अपग्रेड करने की योजना तैयार की गई है.

दिल्ली में यह है नॉन कन्फॉर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया: दिल्ली सरकार की ओर से नॉन कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया के रीडेवलपमेंट करने की योजना पर भी काम किया जा रहा है. इनमें शाहदरा, आनंद पर्वत, समयपुर बादली, सुल्तानपुर माजरा, जवाहर नगर, हस्तसाल पॉकेट-ए, नरेश पार्क एक्सटेंशन, लिबासपुर, ख्याला, पीरागढ़ी गांव, हस्तसाल पॉकेट-डी, न्यू मंडोली, नवादा, रिठाला, शालीमार बाग, स्वर्ण पार्क मुंडका, हैदरपुर, करावल नगर, बसई दारापुर, पहलादपुर बांगर, डाबड़ी, मुंडका उद्योग नगर साउथ, फिरनी रोड मुंडका, टिकरी कला, नांगली सकरावती और रणहौला आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं.

सरकार इन सभी इंडस्ट्रियल एरिया के रीडेवेल्पमेंट के लिए द‍िल्‍ली मास्टर प्लान-2041 (एमपीडी-2041) की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सभी सेफ्टी और अपग्रेड फैसिलिटी को सुनिश्चित करने को लेकर तैयार एक लेआउट प्लान पर काम रही है. इससे इन सभी एरिया में जरूरत के मुताबिक तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकेंगी. एक आंकड़े के मुताबिक इन सभी नॉन कंफर्मिंग एरिया में करीब 50000 से ज्यादा इंडस्ट्रियल यूनिट्स चल रही हैं जिसमें बड़ी संख्या में लोग काम भी करते हैं. बावजूद इसके इन सभी यूनिट्स पर आमतौर पर सीलिंग की तलवार भी लटकी रहती है. द‍िल्ली भर में कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया 29 है जबकि नॉन कंफर्मिंग एरिया की संख्या 26 है.

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