नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में कार्यरत हजारों कर्मचारियों के हित में रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसाइटीज की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है. वेतनभोगी कर्मचारियों को दी जाने वाली लोन राशि की लिमिट बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. वेतनभोगियों को थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटीज की ओर से पिछले 10 सालों से अब तक अधिकतम 2 से 3 लाख का लोन ही दिया जाता था, जिसकी लिमिट को अब रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव की तरफ से बढ़ाकर 5 लाख तक किया गया है. इसको लेकर जल्द थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के उपनियमों में संशोधन भी किया जाएगा.
दिल्ली सरकार के रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के असिस्टेंट रजिस्ट्रार (पॉलिसी) की तरफ से इस संबंध में 9 सितंबर को एक सर्कुलर भी जारी किया गया. इस परिपत्र को सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार की पूर्व अनुमति के साथ जारी किया गया है. सर्कुलर में कहा गया है कि यूनाइटेड थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटीज फेडरेशन की ओर से अपने सदस्यों को दिए जाने वाले लोन की लिमिट में बढ़ोतरी करने को कई रिप्रेजेंटेशन प्राप्त हुए थे.
इन सब रिप्रेजेंटेशन को गंभीरता से लेते हुए रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव की तरफ से अब साफ किया गया, कि फेडरेशन का कहना है कि पिछले करीब 10 साल से ऋण सीमा की जस की तस बनी हुई है. यह लोन थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटीज के सदस्यों की ओर से कई जरूरी कार्यों और उद्देश्यों जैसे विवाह समारोह, मेडिकल ट्रीटमेंट, कंज्यूमेबल आइटम्स आदि के लिए लिया जाता है. पिछले 10 सालों के दौरान में देश की उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति औसतन 5.5 फीसदी रिकॉर्ड की जाती रही है. इसके चलते सोसाइटी मैंबर्स (सामान्य और वेतनभोगी) को दिए जाने वाले लोन की रकम की लिमिट 2-3 लाख रुपए मुद्रास्फीति दर के मुताबिक काफी कम है. इन 10 सालों के दौरान में को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के मैंबर्स की आमदनी में भी वृद्धि हुई है.
2015 में जारी सर्कुलर के आधार पर तय की गई थी ऋण राशि: इसके बाद अब रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसाइटीज ने 7 अक्टूबर 2015 को पूर्व में जारी किए गए सर्कुलर के बाद अब नया परिपत्र जारी किया है. इस परिपत्र के जरिए लोन लिमिट को बढ़ाने संबंधी तय की गई लिमिट के बारे में कहा कि सामान्य थ्रिफ्ट और क्रेडिट सहकारी समितियों के मामले में ऋण की मौजूदा सीमा, सदस्यों के भुगतान किए गए शेयरों का मूल्य बीस गुना होगा. सोसाइटी के 4 सदस्यों की जमानत पेश करने पर एक मैंबर सोसायटी से अधिकतम 4 लाख रुपये का ऋण प्राप्त करने का पात्र बन जाएगा.
लोन रकम भुगतान किए गए शेयरों के मूल्य के 25 गुना तक बढ़ाने का निर्णय: पत्र में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि वेतनभोगी थ्रिफ्ट और क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के लिए व्यक्तिगत ऋण की सीमा बांड के निष्पादन और चार सदस्यों की जमानत प्रस्तुत करने के अधीन सदस्यों के भुगतान किए गए शेयरों के मूल्य के 25 गुना तक बढ़ाई जा सकती है. एक सदस्य सोसायटी से अधिकतम 5 लाख रुपये का ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र हो जाएगा.'
कोऑपरेटिव सोसाइटी के उपनियमों में होगा संशोधन: वेतनभोगी थ्रिफ्ट और क्रेडिट सहकारी समितियों में ज्यादा ऋण सीमा की वास्तविकता यह है कि इन सोसाइटजी में लोगों को दी जाने वाली लोन रकम (ऋण राशि) सुरक्षित है. किसी भी डिफ़ॉल्ट के मामले में संबंधित विभाग के डीडीओ के जरिए उनके वेतन से आसानी से इस लोन की रकम की वसूली की जा सकती है. इस सबके चलते अब थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के उपनियमों (Bye-Laws) में संशोधन किया जाएगा.
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