नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हुई हत्या मामले में पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर पिछले 67 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही कुछ डॉक्टरों ने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है. आज भूख हड़ताल का 11वां दिन है. लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जूनियर डॉक्टरों की मांगे पूरी नहीं की गई है, इसलिए डॉक्टरों का अनशन जारी है.
पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में आज दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने आईटीओ हेडक्वार्टर पर धरना प्रदर्शन किया. साथ ही बंगाल सरकार से वहां के जूनियर डॉक्टरों की मांगों को जल्द पूरा करने की अपील की. आईएमए एक्शन कमेटी के अध्यक्ष और आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय अग्रवाल ने बताया कि कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी को 2 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार ने अभी तक डॉक्टरों की मांगों को नहीं सुना.
पांच डॉक्टरों की हालत गंभीर: डॉ. विनय अग्रवाल ने कहा कि डॉक्टर पूरे धैर्य के साथ न्याय और इंसाफ की मांग कर रहे हैं. वहीं, बंगाल सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. मजबूरन जूनियर डॉक्टरों को भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा है, जिसमें से पांच डॉक्टरों की हालत गंभीर है. दो से ज्यादा डॉक्टर आईसीयू में भर्ती हैं. इसलिए दिल्ली यूनिट दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन, आईएमए जूनियर डॉक्टर नेटवर्क दिल्ली यूनिट और आईएमए मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क (एमएसएन) ने आज आईएमए हेडक्वार्टर पर धरना दिया और पश्चिम बंगाल सरकार से मामले में जल्द सुनवाई की मांग की है.
आंदोलन के लिए किया गया मजबूर: डॉ. विनय अग्रवाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल की घटना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वत संज्ञान लिया. राष्ट्रपति ने भी चिंता व्यक्त की. प्रधानमंत्री ने भी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की. लेकिन, इसके बावजूद मामले में अभी इंसाफ मिलता नहीं दिख रहा है. डॉक्टर के सब्र का इम्तिहान लिया जा रहा है. हम लोग पहले भी 12 घंटे तक गैर जरूरी सेवाओं को ठप कर चुके हैं. फिर आंदोलन के लिए मजबूर किया जा रहा है.
डॉक्टर को चाहिए भय मुक्त वातावरण: डॉ. विनय अग्रवाल ने कहा कि डॉक्टर को अपने कार्यस्थल पर काम करने के लिए भय मुक्त वातावरण की बहुत जरूरत है. अगर उन्हें वह माहौल नहीं मिलेगा तो वह पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ अपना काम नहीं कर पाएंगे. इसलिए आईएमए एक्शन कमेटी के बतौर अध्यक्ष मैं पश्चिम बंगाल सरकार से मांग करता हूं कि जल्दी से जल्दी डॉक्टरों की बात सुनी जाए. साथी उन्होंने कहा कि डॉक्टर को देशभर में सुरक्षा प्रदान करने के लिए सेंट्रल हेल्थ प्रोटेक्शन एक्ट भी लागू करना बहुत जरूरी है.
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