नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने कैंसर कीमोथेरेपी में उपयोग होने वाली नकली दवाओं की सप्लाई करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें से दो आरोपी प्रतिष्ठित कैंसर अस्पतालों में काम कर चुके हैं. इनके पास से 4 करोड़ रुपए मूल्य की नकली कैंसर दवाई बरामद हुए हैं.
गिरफ्तार आरोपी दिल्ली के अलावा अन्य जगहों पर भी नकली दवाओं की सप्लाई करता था. जिन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है उनके नाम विफल जैन सूरज निवासी दिल्ली, नीरज चौहान निवासी गुरुग्राम हरियाणा, प्रवेश निवासी उत्तर पूर्वी दिल्ली, कमल तिवारी निवासी दिल्ली, अभिनय कोहली निवासी दिल्ली और तुषार चौहान निवासी दिल्ली शामिल है. क्राइम ब्रांच की टीम इस मामले में बिहार में भी छापेमारी कर रही है.
दिल्ली क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि नकली कैंसर दवा की आपूर्ति मामले में क्राइम ब्रांच को एक सूचना प्राप्त हुई. मिली जानकारी के आधार पर टीम ने डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स, मोती नगर सहित दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की. इस दौरान रैकेट के सरगना विफिल जैन को डीएलएफ ग्रीन मोती नगर के फ्लैट से गिरफ्तार किया गया. जहां वह कैंसर की नकली दवाओं को बनाते थे. छापेमारी के दौरान नामी ब्रांड के नकली कैंसर इंजेक्शन की 140 शीशियां बरामद हुई. इसके साथ ही एक हिटगन मशीन, पैकेजिंग सामग्री, 89 लाख रुपए की नकदी और 19 हजार यूएस डॉलर बरामद किया गया.
डीसीपी के अनुसार, आरोपी विफिल जैन जो कि इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड है. वह पहले सीलमपुर के स्थानीय मेडिकल स्टोर में मेडिकल स्टोर बॉय के रूप में काम करता था. इस मामले में उसकी दोस्ती नीरज से हुई. नीरज 10 साल से अधिक दिल्ली के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में काम कर चुका है. पुलिस के मुताबिक, इस मामले के तार बिहार से भी जुड़े हैं.