नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल 67वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया में हैं. यह सम्मेलन 3 से 8 नवंबर तक सिडनी में आयोजित किया जा रहा है. बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष ने अपना भाषण दिया और कई विषयों पर अपने विचार साझा किए. इन मुद्दों में राष्ट्रमंडल में सांसदों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली हिंसा और अपमानजनक भाषा, बेंचमार्किंग, मानक और दिशानिर्देश, संसद की संस्था को मजबूत बनाना और दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के लिए चुनाव को विशेष बनाने जैसे मुद्दे शामिल हैं.
दरअसल, राष्ट्रमंडल देशों से संसद और विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारी राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. सम्मेलन में बोलते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विकलांग व्यक्तियों को चुनाव लड़ने और देश के विभिन्न सदनों के लिए नामांकित होने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
पिछले 10 वर्षों से विधानसभा अध्यक्ष हैं गोयल: रामनिवास गोयल पिछले 10 साल से दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं. वर्ष 2015 में उन्हें आम आदमी पार्टी की प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया था. उसके बाद फिर वर्ष 2020 में रामनिवास गोयल को आम आदमी पार्टी सरकार में विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया. गोयल दिल्ली की शाहदरा विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं.
जानिए क्या है राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन का उद्देश्य: बता दें, राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन का उद्देश्य संपर्क सूत्र का निर्माण, मूल निवासियों के साथ सार्थक रूप से जुड़ने के लिए संसदीय फ्रेमवर्क, संसदीय प्रक्रियाओं और प्रथाओं में एआई का उपयोग, अवसर और चुनौतियां, सांसदों के विरुद्ध हिंसा और दुर्व्यवहार, राष्ट्रमंडल से केस स्टडीज, विधानमंडल एलजीबीटीक्यू भागीदारी का सर्वोत्तम समर्थन और प्रचार कैसे कर सकते हैं, इस पर चर्चा करना है.
इन विषयों पर भी होगा मंथन: जानकारी के अनुसार, राष्ट्रमंडल देशों में मानव तस्करी, शरणार्थी और आप्रवासनः चुनौती अथवा अवसर, मानक और दिशा-निर्देश, सर्वोत्तम अभ्यास को अपनाने के माध्यम से लोकतांत्रिक संस्था को मजबूत करना, भेदभावपूर्ण कानून का मुकाबला, लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ सक्रियता, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समावेशी निर्वाचन प्रक्रिया आदि विषयों पर मंथन किया जाएगा.
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