नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली एम्स में कार्डियो न्यूरो के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखकर कैथलैब की संख्या बढ़ाने का फैसला किया गया है. कैथलैब की संख्या कम होने के कारण कई क्रिटिकल मरीजों के इलाज में भी अनावश्यक देरी होती है. इमरजेंसी में अलग से कैथलैब की सुविधा नहीं होने पर डायरेक्टर प्रो. एम श्रीनिवास के संज्ञान में इसे लाया गया तो उन्होंने तत्काल इसे गंभीरता से लेते हुए नए कैथलैब की संख्या बढ़ाने का निर्देश जारी कर दिया है.
एम्स के फैकल्टी भी इस समस्या की ओर डायरेक्टर का ध्यान बार-बार ला रहे थे. इस संबंध में डायरेक्टर ने सोमवार को संंबंधित विभाग के फैकल्टी के साथ मीटिंग बुलाई और उसमें कैथलैब की समस्या को देखते हुए इसकी संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया. कार्डियो न्यूरो डिपार्टमेंट के फैकल्टी की यह शिकायत थी कि कैथ लैब की जितनी आवश्यकता है उतनी है नहीं. इसके कारण न्यूरो-कार्डियो के गंभीर और क्रिटिकल मरीजों के भी प्रोसिजर करने के लिए काफी लंबी प्रतीक्षा सूची में रखा गया था. हैरानी की बात है कि इमरजेंसी के मरीजों के लिए अलग से कोई कैथलैब की सुविधा नहीं है. इससे यहां आने वाले मरीजों की परेशानी काफी बढ़ जाती है.
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इन समस्याओं को देखते हुए कार्डियो न्यूरो सेंटर में जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी आवश्यकता के अनुसार कैथलैब की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया. साथ ही इमरजेंसी विभाग के लिए समर्पित अलग कैथलैब की व्यवस्था करने को कहा गया है ताकि इमरजेंसी के मरीजों को कोई परेशानी ना हो. डायरेक्टर ने मीटिंग में इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर की कि इमरजेंसी में कर्डियो न्यूरो के वैसे मरीज इलाज के लिए आते हैं. जिन्हें शुरुआती जांच के लिए ही कैथलैब की आवश्यकता होती है.
उनके इलाज में थोड़ी देरी भी घातक हो सकती है. न्यूरो कार्डियो और इंडोवैस्क्यूलर इंटरवेंशन के लिए शुरुआती कुछ समय ही गोल्डन ऑवर होते हैं. समय पर इलाज मिलने पर ही उन्हें लाभ मिल सकता है. इसलिए इसकाम को प्राथमिकता स्तर पर पूरा करने को कहा गया है.
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