नई दिल्ली: दिल्ली एम्स के डायरेक्टर ने रिश्वत के बदले इलाज मामले में एक सुरक्षाकर्मी को नौकरी से निकाल दिया. दरअसल, रिश्वत के बदले इलाज को लेकर एम्स डायरेक्टर इस पर कड़ी नजर रखे हुए हैं. एम्स में कार्यरत सभी कर्मचारियों खासकर सुरक्षा गार्ड्स और एमटीएस को रडार पर रखा है. क्योंकि हजारों की संख्या में मरीज एम्स में इलाज के लिए आते हैं तो ओपीडी कार्ड बनाने के लिए सबसे पहले इन्हीं से मदद लेने का प्रयास करते हैं.
सूत्रों के अनुसार, बुधवार को डायरेक्टर डॉक्टर की व्हाइट एप्रन उतार कर और चेहरे पर सर्जिकल मास्क पहनकर एम्स परिसर में गश्त कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने एक सुरक्षाकर्मी की ईमानदारी की परीक्षा ले ली. हालांकि, इस परीक्षा में सुरक्षाकर्मी फेल हो गया और उसे तत्काल नौकरी से हाथ भी धोनी पड़ गई.
लालच में दोनों गए, नौकरी रही ना बचा काम: सूत्रों के अनुसार, बुधवार को एम्स परिसर में राउंड के दौरान डायरेक्टर प्रो. एम श्रीनिवास डेंटल क्लिनिक के पास सुरक्षा में तैनात एक सुरक्षाकर्मी के पास भेष बदलकर सुबह के समय पहुंचे. उन्होंने सुरक्षाकर्मी से कहा कि एम्स में मरीजों की काफी भीड़ है. इसलिए वह ओपीडी कार्ड नहीं बनवा पा रहे हैं. वह यदि ओपीडी कार्ड बनवा देगा तो उसे वह पांच सौ रुपये दे देंगे. भेष बदले डायरेक्टर को गार्ड पहचान नहीं पाया. वह तुरंत पांच सौ रुपये पाने के लालच में थोड़ी देर बाद ओपीडी कार्ड बनवा कर ला दिया.
कार्ड मिलते ही उन्होंने गार्ड को एक हाथ से पांच सौ रुपये थमाया और दूसरे से उसे हाथों से पकड़ते हुए अपने चेहरे से मास्क हटा दिया. उन्होंने तुंरत गुस्से में उसके इंचार्ज को फोन पर गार्ड की करतूत बताते हुए उसे तत्काल नौकरी से निकालने के लिए कह दिया. वहीं, जिस स्टाफ के साथ मिलकर गार्ड ने कार्ड बनवाया, उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई इसके बारे में अभी पता नहीं चल पाया है.
बता दें, दो साल पहले स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी ऐसे ही भेष बदलकर सफदरजंग अस्पताल में पहुंचे थे. वहां एक सुरक्षा गार्ड से उलझना उन्हें भारी पड़ा था. पहचानने में नाकाम सुरक्षकर्मी ने उन पर डंडा चला दिया था. इस घटना के बाद स्वास्थ्य मंत्री इतने नाराज हो गए थे कि अस्पताल में गार्ड की मौजूदगी उन्हें उचित नहीं लगा और वह अस्पताल से सभी सुरक्षा गार्ड को निकालने को आतूर हो गए थे.