देहरादूनः 24 मई को राजधानी देहरादून के मशहूर बिल्डर सतेंद्र साहनी ने राजपुर रोड पर निर्माणाधीन बिल्डिग मेंआत्महत्या कर ली थी. मामले में देहरादून पुलिस ने 25 मई को अनिल गुप्ता और अजय गुप्ता को गिरफ्तार करते हुए कोर्ट में पेश किया था. सुसाइड केस में 7 जून को गुप्ता बंधुओं की जमानत भी कोर्ट ने खारिज कर दी थी. ऐसे में पुलिस मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए गुप्ता बंधुओं के खिलाफ सहारनपुर या अन्य राज्यों में दर्ज मुकदमों का खाका तैयार कर रही है, जिससे ठोस सबूतों के आधार पर गुप्ता बंधुओं को जमानत न मिल सके.
खाते की जांच और अन्य पहलू: अभी तक देहरादून पुलिस ने गुप्ता बंधुओं के खाते की जांच की है. जहां पता चला है कि गुप्ता बंधुओं की कंपनी के खातों में अन्य माध्यमों से बड़ी धनराशि का लेनदेन हुआ है. इस लेनदेन का रिकॉर्ड स्पष्ट रूप से दर्शाया नहीं गया है. देहरादून पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय से इस पूरे मामले की जानकारी साझा की है.
देहरादून एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि साहनी मामले में पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है. पुलिस को सुसाइड के बाद प्रोजेक्ट कंपनी के खातों से बड़ी धनराशि के लेनदेन की जानकारी मिली है. इसलिए पुलिस अन्य एजेंसियों की भी सहायता ले रही है. हमारा पहला मकसद यही है कि किसी तरह से भी इस पूरे मामले का पटाक्षेप किया जा सके.
दर्ज अन्य मुकदमे भी खोज रही पुलिस: इस पूरे मामले में पुलिस ने कई धाराओं को भी बढ़ाया है. अब तक 306, 420, 385 के तहत मुकदमा दर्ज करके उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भिजवाया है. पुलिस की माने तो अब गुप्ता बंधु से संबंधित दूसरे मामलों की भी जांच की जा रही है. पुलिस की जांच में सामने आया है कि सहारनपुर में तीन से चार मुकदमे गुप्ता बंधुओं के खिलाफ दर्ज हैं. लेकिन अब उनमें फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है. लिहाजा, पुलिस उन लोगों तक पहुंच रही है जिन लोगों ने गुप्ता बंधुओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए थे. इसके साथ ही गुप्ता बंधुओं के मोबाइल और घर से लिए गए सीसीटीवी फुटेज भी इलेक्ट्रॉनिक सबूत के तौर पर मजबूत कर रही है.
ऑनलाइन सुनवाई: बता दें कि गुप्ता बंधु के मामले की सुनवाई पहले देहरादून कोर्ट में फिजिकली रूप से हो रही थी. जहां पर दोनों को कोर्ट के सामने पेश होना पड़ रहा था. लेकिन बीते दिनों उनके ऊपर स्याही फेंकने के मामले को देखते हुए पुलिस ने इस पूरे मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करवाने का आग्रह किया था. जिसके बाद कोर्ट ने मानते हुए तमाम सुनवाई को ऑनलाइन करने की इजाजत दी है. हालांकि, पुलिस ने उन लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया था. जिन्होंने गुप्ता बंधुओं के ऊपर स्याही फेंकी थी.
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