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देहरादून पुलिस का बड़ा एक्शन, पहली बार ड्रग्स माफिया की अवैध संपत्ति की फ्रीज

देहरादून पुलिस ने ड्रग्स माफिया की अवैध संपत्ति की फ्रीज, इसी साल मार्च में पुलिस के हत्थे चढ़ा था कोबरा गैंग का तस्कर

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ड्रग्स माफिया पर देहरादून पुलिस का बड़ा एक्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 8, 2024, 8:19 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून में पुलिस ने पहली ड्रग्स माफिया के खिलाफ फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन करते हुए आरोपी की अवैध संपत्ति की फ्रीज कराया है. जानकारी के मुताबिक आरोपी फ्रीज की गई संपत्ति की कीमत करीब एक करोड़ है, जिसमें (जमीन, वाहन व बैंक अकाउंट) में जमा धन राशि है. हालांकि फ्रीज की गई संपत्ति की मार्केट वैल्यू अनुमानित कीमत से काफी अधिक बताई जा रही है.

देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने मार्च साल 2024 में कोबरा गैंग के तस्कर शिवम गुप्ता को अवैध मादक पदार्थों के साथ पटेलनगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया था. आरोपी के खिलाफ पहले भी मादक पदार्थों की तस्करी के कई मुकदमें दर्ज थे. वहीं पहले भी करीब 9 महीने तक एनडीपीएस एक्ट के आरोप में देहरादून की सुद्धोवाला जेल में सजा काट चुका है.

देहरादून में आरोपी के नाम पर कई प्लाट: वहीं, देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने आरोपी की अवैध संपत्ति को चिन्हित कर उसे फ्री करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद टीम ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में फाइनेंशियल इनवेस्टीगेशन शुरू की. फाइनेंशियल इनवेस्टीगेशन के दौरान पुलिस को आरोपी की देहरादून में अलग-अलग स्थानों पर स्थित चल अचल संपत्ति की जानकारी मिली. जिसमें आरोपी के नाम पर देहराखास में 25 लाख रुपए कीमत का प्लाट, मेहूवाला माफी में लगभग 45 लाख और 15 लाख रुपए कीमत के दो प्लाट, 11 लाख रुपए कीमत के तीन वाहन और अलग-अलग बैंक खातों में करी तीन लाख बीस हजार रुपए होने की जानकारी मिली.

एनडीपीएस एक्ट के तहत जनपद देहरादून में किसी भी नशा तस्कर की अवैध सम्पत्ति के जब्तीकरण की यह पहली कार्रवाई है. इससे पहले एसएसपी एसटीएफ रहते हुए आईपीएस अजय सिंह ने उत्तराखंड में पहली बार एनडीपीएस एक्ट धारा 68 (एफ) के तहत बरेली गैंग के खिलाफ फाइनेंशियल इनवेस्टिगेशन शुरू कराई थी.

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपी के अवैध संपत्ति के चिन्हिकरण की रिपोर्ट पुलिस ने Competent Authority And Administrator SAFEM (FOP) Act And NDPS Act Delhi को भेजी गई थी, जिस पर समबन्धित अथॉरिटी ने आरोपी द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति को फ्रीज करने के आदेश दिये. जिसकी रिपोर्ट पुलिस द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय, आरटीओ आफिस, बैंकों और अन्य सम्बन्धित विभागों को भेजी गयी है, जिससे आरोपी अवैध सम्पत्ति का उपयोग अथवा क्रय विक्रय न कर सके.

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देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून में पुलिस ने पहली ड्रग्स माफिया के खिलाफ फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन करते हुए आरोपी की अवैध संपत्ति की फ्रीज कराया है. जानकारी के मुताबिक आरोपी फ्रीज की गई संपत्ति की कीमत करीब एक करोड़ है, जिसमें (जमीन, वाहन व बैंक अकाउंट) में जमा धन राशि है. हालांकि फ्रीज की गई संपत्ति की मार्केट वैल्यू अनुमानित कीमत से काफी अधिक बताई जा रही है.

देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने मार्च साल 2024 में कोबरा गैंग के तस्कर शिवम गुप्ता को अवैध मादक पदार्थों के साथ पटेलनगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया था. आरोपी के खिलाफ पहले भी मादक पदार्थों की तस्करी के कई मुकदमें दर्ज थे. वहीं पहले भी करीब 9 महीने तक एनडीपीएस एक्ट के आरोप में देहरादून की सुद्धोवाला जेल में सजा काट चुका है.

देहरादून में आरोपी के नाम पर कई प्लाट: वहीं, देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने आरोपी की अवैध संपत्ति को चिन्हित कर उसे फ्री करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद टीम ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में फाइनेंशियल इनवेस्टीगेशन शुरू की. फाइनेंशियल इनवेस्टीगेशन के दौरान पुलिस को आरोपी की देहरादून में अलग-अलग स्थानों पर स्थित चल अचल संपत्ति की जानकारी मिली. जिसमें आरोपी के नाम पर देहराखास में 25 लाख रुपए कीमत का प्लाट, मेहूवाला माफी में लगभग 45 लाख और 15 लाख रुपए कीमत के दो प्लाट, 11 लाख रुपए कीमत के तीन वाहन और अलग-अलग बैंक खातों में करी तीन लाख बीस हजार रुपए होने की जानकारी मिली.

एनडीपीएस एक्ट के तहत जनपद देहरादून में किसी भी नशा तस्कर की अवैध सम्पत्ति के जब्तीकरण की यह पहली कार्रवाई है. इससे पहले एसएसपी एसटीएफ रहते हुए आईपीएस अजय सिंह ने उत्तराखंड में पहली बार एनडीपीएस एक्ट धारा 68 (एफ) के तहत बरेली गैंग के खिलाफ फाइनेंशियल इनवेस्टिगेशन शुरू कराई थी.

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपी के अवैध संपत्ति के चिन्हिकरण की रिपोर्ट पुलिस ने Competent Authority And Administrator SAFEM (FOP) Act And NDPS Act Delhi को भेजी गई थी, जिस पर समबन्धित अथॉरिटी ने आरोपी द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति को फ्रीज करने के आदेश दिये. जिसकी रिपोर्ट पुलिस द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय, आरटीओ आफिस, बैंकों और अन्य सम्बन्धित विभागों को भेजी गयी है, जिससे आरोपी अवैध सम्पत्ति का उपयोग अथवा क्रय विक्रय न कर सके.

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