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हाईकोर्ट की बेंच आईडीपीएल ऋषिकेश शिफ्ट करने के समर्थन में देहरादून बार एसोसिएशन, वोटिंग को लेकर की शिकायत - Nainital High Court Bench Shifting - NAINITAL HIGH COURT BENCH SHIFTING

Dehradun Bar Association in favor of Nainital High Court bench shifting नैनीताल हाईकोर्ट ने उच्च न्यायालय की बेंच शिफ्ट करने को लेकर जनमत संग्रह शुरू किया है. इसका मिलाजुला रेस्पॉन्स देखने को मिल रहा है. नैनीताल बार काउंसिल के सदस्य जहां आईडीपीएल ऋषिकेश में हाईकोर्ट की बेच शिफ्ट करने का विरोध कर रहे हैं, वहीं देहरादून बार एसोसिएशन ने इसका स्वागत कर रहे हैं. बुधवार को आईडीपीएल में एचसी की बेंच शिफ्टिंग के समर्थन में बार एसोसिएशन के वकील कार्य बहिष्कार पर भी रहे. वहीं बार एसोसिएशन ने वोटिंग में गड़बड़ी का आरोप भी लगाया है.

Dehradun Bar Association
देहरादून बार एसोसिएशन समाचार (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 16, 2024, 11:44 AM IST

देहरादून: हाईकोर्ट बेंच आईडीपीएल ऋषिकेश शिफ्टिंग को लेकर देहरादून बार एसोसिएशन के सभी वकील कार्य बहिष्कार पर रहे. इस दौरान न्यायालय में कोई काम नहीं हुआ और स्टांप, वेंडर लेखक, बस्ती आदि सब बंद रहे. हाईकोर्ट ने जनमत संग्रह भी शुरू कर दिया है. देहरादून सहित गढ़वाल के सभी अधिवक्ता आईडीपीएल में बार स्थापित करने के पक्ष में हैं.

इसी के लिए विचार विमर्श के लिए बैठक भी अधिवक्ताओं ने की थी. वहीं देहरादून बार एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में कुछ अधिवक्ताओं ने वेबसाइट का लिंक खोल कर मत देने का प्रयास किया तो पता चला कि मत पहले ही दे दिया गया था. ऐसे में रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट को मौखिक शिकायत की गई है.

चीफ जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस राकेश थपियाल की खंडपीठ के आदेश के क्रम में हाईकोर्ट की शिफ्टिंग को लेकर वेबसाइट पर लिंक दिया है. जिसके माध्यम से अधिवक्ता और आम जनता अपनी हां या ना दर्ज कर सकते हैं. पोर्टल में विकल्प के चुनाव के लिए अधिवक्ता और नागरिकों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है. हाईकोर्ट की शिफ्टिंग को लेकर मत दर्ज करने के लिए 31 मई 2024 तक का समय दिया गया है. इस अवधि को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा.

बता दें कि 08 मार्च 2024 को हाईकोर्ट को नैनीताल जैसी जगह से क्यों शिफ्ट किया जाना, चाहिए इसी आदेश से हाईकोर्ट की शिफ्टिंग के लिए हल्द्वानी के गौलापार की 26 हेक्टेयर भूमि के विकल्प को खारिज भी कर दिया गया है. क्योंकि पीठ ने स्पष्ट किया है कि वह उस भूमि में इस शिफ्टिंग के पक्ष में नहीं है, जिसके 75 प्रतिशत भाग पर वन है. पीठ ने हाईकोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट करने की दिशा में सीधे कोई आदेश जारी करने की जगह लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया है.

देहरादून बार एसोसिएशन के सचिव राजवीर बिष्ट ने बताया कि पिछले कई सालों से हाईकोर्ट शिफ्ट करने की मांग चल रही थी. वहीं हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने माना है कि नैनीताल में हाईकोर्ट के लिए जगह कम है, जिसके चलते आदेश जारी किए गए थे. आदेश के अनुसार पहले प्रस्ताव पास हुआ था कि हल्द्वानी के गौलापार में हाईकोर्ट शिफ्ट किया जाए. लेकिन उसका प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया था. साथ ही बताया है कि बैठक में हाईकोर्ट की बेंच नैनीताल से दूसरी जगह शिफ्ट करने को लेकर चल रही तैयारी पर चर्चा की. बैठक में नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के समर्थन में रणनीति तैयार की गई और सभी अधिवक्ताओं ने ऋषिकेश में नैनीताल हाईकोर्ट की बेंच शिफ्टिंग के फैसले का समर्थन किया है.
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इसी के लिए विचार विमर्श के लिए बैठक भी अधिवक्ताओं ने की थी. वहीं देहरादून बार एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में कुछ अधिवक्ताओं ने वेबसाइट का लिंक खोल कर मत देने का प्रयास किया तो पता चला कि मत पहले ही दे दिया गया था. ऐसे में रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट को मौखिक शिकायत की गई है.

चीफ जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस राकेश थपियाल की खंडपीठ के आदेश के क्रम में हाईकोर्ट की शिफ्टिंग को लेकर वेबसाइट पर लिंक दिया है. जिसके माध्यम से अधिवक्ता और आम जनता अपनी हां या ना दर्ज कर सकते हैं. पोर्टल में विकल्प के चुनाव के लिए अधिवक्ता और नागरिकों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है. हाईकोर्ट की शिफ्टिंग को लेकर मत दर्ज करने के लिए 31 मई 2024 तक का समय दिया गया है. इस अवधि को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा.

बता दें कि 08 मार्च 2024 को हाईकोर्ट को नैनीताल जैसी जगह से क्यों शिफ्ट किया जाना, चाहिए इसी आदेश से हाईकोर्ट की शिफ्टिंग के लिए हल्द्वानी के गौलापार की 26 हेक्टेयर भूमि के विकल्प को खारिज भी कर दिया गया है. क्योंकि पीठ ने स्पष्ट किया है कि वह उस भूमि में इस शिफ्टिंग के पक्ष में नहीं है, जिसके 75 प्रतिशत भाग पर वन है. पीठ ने हाईकोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट करने की दिशा में सीधे कोई आदेश जारी करने की जगह लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया है.

देहरादून बार एसोसिएशन के सचिव राजवीर बिष्ट ने बताया कि पिछले कई सालों से हाईकोर्ट शिफ्ट करने की मांग चल रही थी. वहीं हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने माना है कि नैनीताल में हाईकोर्ट के लिए जगह कम है, जिसके चलते आदेश जारी किए गए थे. आदेश के अनुसार पहले प्रस्ताव पास हुआ था कि हल्द्वानी के गौलापार में हाईकोर्ट शिफ्ट किया जाए. लेकिन उसका प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया था. साथ ही बताया है कि बैठक में हाईकोर्ट की बेंच नैनीताल से दूसरी जगह शिफ्ट करने को लेकर चल रही तैयारी पर चर्चा की. बैठक में नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के समर्थन में रणनीति तैयार की गई और सभी अधिवक्ताओं ने ऋषिकेश में नैनीताल हाईकोर्ट की बेंच शिफ्टिंग के फैसले का समर्थन किया है.
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