इटावा : जिला अस्पताल परिसर की मोर्चरी के डीप फ्रीजर का कंप्रेशर खराब हो गया है. शव सुरक्षित रखने के लिए नगर पालिका के डीप फ्रीजर का सहारा लेना पड़ रहा है. मृतक के परिजन नगर पालिका से डीप फ्रीजर लाने को मजबूर हैं. यह समस्या पिछले कई महीनों से बताई जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, अस्पताल की मोर्चरी में लगाए गए डीप फ्रीजर कई माह से खराब पड़े हैं. जिसके चलते खुले में रखे गए शव से दो घंटे बाद ही बदबू आना शुरू हो जाती है. ये हालात कई महीने से हैं. लापरवाही की हद तो ये है कि अस्पताल प्रशासन खराब डीप फ्रीजर को ठीक तक नहीं करवा रहा.
जिला अस्पताल प्रशासन की लापरवाही : आरोप है कि फ्रीजर को ठीक कराने में अस्पताल प्रशासन की ओर से लापरवाही बरती जा रही है. फ्रीजर के खराब होने के बावजूद कई लावारिस शव बिना जांच के फ्रीजर में रखवा दिए जाते हैं. जिसके चलते शव से बदबू निकलनी शुरू हो जाती है तथा गर्मी के चलते शव की हालत बहुत ही खराब हो जाती है, इससे पारिवारिक सदस्यों को परेशानी झेलनी पड़ती है. इसके साथ ही जिला अस्पताल में स्पेशलिस्ट डाक्टरों और स्टाफ सदस्यों की कमी है, जिसके चलते मरीजों को सेहत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. वहीं, जिला अस्पताल में आईसीयू और वेंटीलेटर तक नहीं है, जिसके चलते गंभीर मरीजों को सैफई पीजीआई या निजी अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है.
सीएमएस एमएम आर्या ने बताया कि इस प्रकरण को संबंधित जिम्मेदारों से पूछा जाएगा. फ्रीजर क्यों खराब है इसकी मॉनिटरिंग भी करवाई जाएगी और जल्द ही डीप फ्रीजर सही कराए जाएंगे.
यह भी पढ़ें : लापरवाही की हद: 25 दिन तक डीप फ्रीजर में रखा रहा शव
यह भी पढ़ें : मथुरा के पोस्टमार्टम हाउस में चूहों का निवाला बन रहे शव