मुरादाबाद: यूपी के मुरादाबाद में मुस्लिम बीजेपी कार्यकर्ता के जनाजे की नमाज बड़ी मस्जिद के इमाम ने पढ़ने से सिर्फ इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि मृतक का पूरा परिवार भाजपा समर्थक है. इतना ही नहीं परिवार का आस पास के लोगों ने सामाजिक बहिष्कार भी कर रखा है. इस पूरे मामले का खुलासा तब हुए जब मृतक के बेटे ने डीएम ऑफिस पहुंचकर शिकायती पत्र सौंपा. वहीं मस्जिद के इमाम का कहना है कि, वह मुस्लिम धर्म की बुराई करते थे मृतक मुस्लिम धर्म को नही मानता था. मृतक के बेटे की शिकायत पर इमाम सहित पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.
5 लोगो पर मुकदमा दर्ज: बीजेपी समर्थक मृतक अलीदाद खान के बेटे दिलशाद ने 29 जुलाई को जिलाधिकारी अनुज सिंह से शिकायत की थी. जिसमें दिलशाद ने बताया कि, उनके पिता की मृत्यु हार्टअटैक से 23 जुलाई को हुई थी. जिसके बाद इमाम ने जनाजे की नमाज पढ़ने को इसलिए मना किया कि, हम लोग भाजपा को वोट देतें हैं. इतना ही नहीं उनकी ओर से कहा गया कि, तुम्हारा परिवार भाजपा को वोट देता है, तुम हिन्दू पार्टी को वोट देते हो हम तुम्हारे किसी काम में नहीं आएंगे.
सपा नेताओं पर भी धमकाने का आरोप: मोहल्ले के 4 से 5 सपा के नेताओं का भी यही कहना है कि, तुम अपने आप को नहीं बचा पाओगे क्योंकि तुमने भाजपा को वोट दिया है. हम तुझे जान से मार देंगें या किसी झूठे केस में फंसा कर जेल में सड़ा देंगें और अब कुंदरकी में विधानसभा सीट पर उपचुनाव है. अपने बाप की तरह करेगा तो मारा जायेगा, नहीं तो भाजपा को कभी वोट नहीं देना.
जिलाधिकारी अनुज सिंह और एसएसपी सतपाल अंतिल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 5 नामजद लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए. जिस पर कुंदरकी थाने में 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मोहल्ला कायस्थान निवासी असलम(पूर्व चैयरमैन), शमीम खां, सराफत खां, मतीन खां और मस्जिद कस्बा निवासी इमाम राशिद खान के खिलाफ धारा 171/351(2)/(3) बीएनएस में दर्ज किया गया है.
सपा नेता ने आरोपों को बताया झूठा: वहीं सपा लोहिया वाहिनी का पूर्व अध्यक्ष नाजिम सैफी ने सोशल मीडिया पर मृतक भाजपा कार्यकर्ता अलीदाद खान के बेटे दिलनवाज खान का नाम लेकर एक वीडियो वायरल किया है. जिसमें उसने कहा कि मस्जिद के इमाम सहित 5 लोगो के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज किया गया है, वह झूठा है. जनाजे की नमाज को राजनीति से ना जोड़ा जाए. मस्जिद के इमाम का काम मस्जिद में नमाज पढ़ाना है, उनका किसी भी राजनीतिक पार्टी से क्या मतलब है. मस्जिद के इमाम को राजनीति के चक्कर में झूठा फंसाया जा रहा है.
इमाम ने नमाज नहीं पढ़ाने को धार्मिक मसला बताया: कुंदरकी की बड़ी मस्जिद आला हजरत के इमाम राशिद ने कहा की, जनाजे की नमाज इसलिए नहीं पढ़ाई क्योंकि अलीदाद खान हमेशा हमारे नवी को गलत बोलते थे. यह धार्मिक मसला है. उनके जनाजे की नमाज में शामिल नहीं हुआ क्योंकि मैं मस्जिद की नमाज पढ़ने का इमाम हूं. जनाजे की नमाज कोई परिवार का सदस्य भी पढ़ा सकता है. उन्हीं के परिवार के सदस्य ने जनाजे की नमाज पढ़वाई है.
जिलाधिकारी ने जांच रिपोर्ट पर एक्शन लेने की कही बात : जिलाधिकारी अनुज कुमार ने बताया कि, जनाजे की नमाज नहीं पढ़ने का प्रकरण सामने आया है. इस पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है. जो तथ्य जांच में सामने आएंगे उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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