रामनगरः विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेस्क्यू सेंटर में एक मादा बाघ की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. अचानक बाघ की मौत से पार्क प्रशासन सकते में है. मादा बाघ को उम्रदराज भी माना जा रहा है. पार्क प्रशासन ने बाघ की विसरा रिपोर्ट आईवीआरआई बरेली को भेज दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही बाघ की मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेंज स्थित ढेला रेस्क्यू सेंटर में 9 मार्च की सुबह एक मादा बाघ की मौत से अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया. मादा बाघिन को 2021 में रेस्क्यू करके रेस्क्यू सेंटर लाया गया था. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक दिगंत नायक ने बताया कि मादा बाघ की उम्र 10 वर्ष से ज्यादा थी. मौत का कारण प्रथम दृष्टया उम्र अधिक होना माना जा रहा है. बाघ के सैंपल भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) बरेली भेजने की कार्रवाई की जा रही है. पशु चिकित्सकों की देखरेख में बाघ का पोस्टमॉर्टम करने की कार्रवाई भी की जा रही है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा.
दिगंत नायक ने बताया कि वर्ष 2021-22 में धनगढ़ी क्षेत्र के समीप स्थित गर्जिया क्षेत्र में लगातार राहगीरों और आसपास के आबादी क्षेत्र में मवेशियों पर हमला करने के बाद मादा बाघ को उच्चाधिकारियों की अनुमति के बाद ट्रेंकुलाइज किया गया था. बाघ ने मार्ग पर गुजरने वाले बाइक सवारों पर भी हमला किया था. ट्रेंकुलाइज के बाद से ही बाघ को रेस्क्यू सेंटर में रखा गया था.
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