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संजीवनी 108 के कर्मचारी मरीजों के लिए बने देवदूत, कांवड़ में 5 किलोमीटर ढोकर एंबुलेंस तक पहुंचाया - Sanjeevani 108 employees

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 28, 2024, 8:52 AM IST

Dantewada Sanjeevani 108, Sanjeevani 108 employees छत्तीसगढ़ में संजीवनी 108 और उसके कर्मचारी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मरीजों के लिए भगवान से कम नहीं है. एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंचने पर संजीवनी के कर्मचारी मरीजों को कांवड़ पर ढोकर गाड़ी तक पहुंचा रहे हैं. दंतेवाड़ा में डायरिया पीड़ित दो मरीजों को कर्मचारियों ने कांवड़ में 5 किलोमीटर पैदल ढोकर अस्पताल पहुंचाया.

Dantewada Sanjeevani 108
संजीवनी 108 के कर्मचारी मरीजों के बने देवदूत (ETV Bharat Chhattisgarh)

दंतेवाड़ा: बस्तर के नक्सल प्रभावित अंदरूनी क्षेत्रों में अधिकांश गांव में सड़क नहीं है. बरसात के दिनों में इन गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से पूरी तरह टूट जाता है. ऐसे में जब भी गांव में कोई बीमार पड़ता है तो मरीज और उसके घर वालों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. सड़क नहीं होने से एंबुलेंस भी गांव तक नहीं पहुंच पाती और मरीज को कई किलोमीटर पैदल ढोकर एंबुलेंस तक लाना पड़ता है. ऐसे इलाकों में कई बार संजीवनी 108 के कर्मचारी मरीजों और उनके परिजनों के लिए किसी दूत से कम नहीं होते.

Sanjeevani 108 employees carried patients on Kanwar
संजीवनी 108 के कर्मचारियों ने कावड़ के जरिए मरीज को एंबुलेंस तक पहुंचाया (ETV Bharat Chhattisgarh)

गांव तक नहीं पहुंची संजीवनी 108 एंबुलेंस: मंगलवार को दंतेवाड़ा के कुआकोंडा ब्लॉक में ऐसा ही देखने को मिला. यहां बुरगुम हीरा पारा में 2 ग्रामीण डायरिया से पीड़ित थे. गांव वालों ने 108 नंबर पर डायल कर मरीजों की हालत खराब होने की जानकारी दी. तुरंत जिला अस्पताल से एंबुलेंस भिजवाया गया लेकिन नाला उफान पर होने से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाया.

संजीवनी 108 के कर्मचारी कांवड़ में मरीजों को ढोकर ले गए: 108 एंबुलेंस गांव में नहीं पहुंचने पर कर्मचारी पैदल गांव पहुंचे और 5 किलोमीटर पैदल कांवड़ में ढोकर दोनों मरीजों को एंबुलेंस तक पहुंचाया. दोनों मरीजों का नाम हूंगाराम (65) और बुधरी (30) है. जिनकी हालत काफी चिंताजनक थी और तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाने की जरूरत थी. 108 एंबुलेंस के कर्मचारी ईएमटी प्रमिका नाग और पायलट शिवचरण ने प्राथमिक उपचार किया और फिर दोनों मरीजों को नकुनार कुआंकोंडा अस्पताल में एडमिट कराया. डॉक्टर ने बताया कि दोनों मरीज की हालत बेहतर है, और इलाज जारी है.

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Sanjeevani 108 employees carried patients on Kanwar
संजीवनी 108 के कर्मचारियों ने कावड़ के जरिए मरीज को एंबुलेंस तक पहुंचाया (ETV Bharat Chhattisgarh)

गांव तक नहीं पहुंची संजीवनी 108 एंबुलेंस: मंगलवार को दंतेवाड़ा के कुआकोंडा ब्लॉक में ऐसा ही देखने को मिला. यहां बुरगुम हीरा पारा में 2 ग्रामीण डायरिया से पीड़ित थे. गांव वालों ने 108 नंबर पर डायल कर मरीजों की हालत खराब होने की जानकारी दी. तुरंत जिला अस्पताल से एंबुलेंस भिजवाया गया लेकिन नाला उफान पर होने से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाया.

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