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CBI और FBI का फर्जी लेटर जारी कर NRI डॉक्टर को डराया, जालसाजों ने 3 दिन में ठग लिए 80 लाख - Cyber ​​Fraud Kanpur

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 7, 2024, 4:20 PM IST

यूपी के कानपुर में रह रहे वृद्ध एनआरआई डॉक्टर को साइबर ठगों ने इंटरनेशनल मनी लॉन्ड्रिंग का केस में फंसे होने की धमकी देकर बड़ी रकम ठग ली. इतना ही नहीं जालसाजों ने सीबीआई और एफबीआई का फेक लेटर भी जारी किया था.

साइबर ठगी.
साइबर ठगी. (CYBER ​​FRAUD KANPUR)

कानपुर: जिले में ठगी का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. साइबर ठगों ने एक बुजुर्ग डॉक्टर से सीबीआई और एफबीआई का लेटर जारी कर 80 लाख रुपए की ठगी की घटना को अंजाम दिया. आरबीआई का गवर्नर बनकर भी काफी धमकाया और तीन खातों में पैंसे ट्रांसफर करवा लिए. डॉक्टर ने साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

इंटरनेशनल मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर ठगीः काकादेव थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले संजय टंडन ने साइबर थाने को दी शिकायत में बताया कि उनके साथ अमेरिका से लौट कर आए 85 वर्षीय चाचा डॉ. रमेश टंडन रहते हैं. अमेरिका में वह डॉक्टर थे. बीते कुछ समय वह उन्हीं के साथ रह रहे हैं. 25 अगस्त को रमेश चंद्र टंडन व्हाट्सएप पर कॉल आया था. कॉल करने वाले अपना नाम अजय बंसल बताया और कहा कि आपके खिलाफ इंटरनेशनल मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है. जिसकी जांच सीबीआई कर रही है और इस जांच के अधिकारी आईपीएस राहुल यादव है. कॉल करने वाले ने कहा कि सीबीआई ऑफिसर विराज कुमार की ओर से यह लेटर जारी किया गया है और इसके बाद उसने लेटर भी व्हाट्सएप पर भेज दिया. लेटर मिलने के बाद से डॉक्टर उनका परिवार काफी ज्यादा दहशत में आ गया.

आरबीआई का लेटर भेजकर पहले दिन जमा कराए 25 लाख 43 हजारः 26 अगस्त को डॉ रमेश के पास फिर से व्हाट्सएप पर एक कॉल आया और कॉल करने वाले ने कहा कि आपका बैंक अकाउंट वेरीफाई किया जाना है. जिसके लिए आपको बैंक जाना होगा. डॉक्टर ने कहा कि वह चलने फिरने में असमर्थ है, वह कहीं नहीं जा सकते. मेरे भतीजे संजय टंडन का जॉइंट अकाउंट है और वही बैंक का सारा काम भी देखता है. इसके 27 अगस्त को फिर कॉल आया और इस बार कॉल करने वाले ने कॉल कट करने से मना किया और तुरंत बैंक पहुंचने को कहा. इस बीच उसने आरबीआई का एक पत्र भी भेजा और कहा कि जब तक जांच होगी तब तक यह रकम सरकार की अंडर टेकिंग में रहेगी. इसके बाद उसने कुल जमा धनराशि का 30% 25 लाख 43 हजार रुपए विंड पावर एनर्जी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड में चेक से जमा कराया.

दूसरे दिन सीबीआई का लेटर भेजकर ट्रांसफर कराए पैसेः 28 अगस्त को फिर से उनके पास कॉल आया कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई का जांच अधिकारी बताया और दोबारा भारत सरकार का लेटर जारी करके फिर से जमा धनराशि का 30% यानी 25 लाख 43 हजार रुपए फ्रोजनमन वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स के अकाउंट के खाते में जमा कराया. उन्होंने बताया कि 29 अगस्त को फिर से उनके पास एक कॉल आया और कॉल करने उनसे बिल्कुल इसी तरह से 30 लाख रुपए चेक से ट्रांसफर कराए. ठगों ने 30 अगस्त को सीबीआई और एफबीआई के नाम पर एक जांच पत्र जारी किया और विश्वास दिलाने के लिए ट्रांसफर कराई गई रकम 80.86 लाख में से 2.70 लाख रुपए वापस भी किया.

आरबीआई का गर्वनर बनकर किया फोनः पीड़ित डॉक्टर के भतीजे संजय टंडन ने बताया कि 3 सितंबर को फिर से उनके पास व्हाट्सएप पर एक कॉल आया. इस बार कॉल करने वाले ने न्यूयॉर्क सिटी बैंक में जमा 50% राशि मांगने का प्रयास किया और धमकाते हुए कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करेंगे तो ट्रांसफर की गई 80 लाख रुपए की रकम को सीबीआई जब्त कर लेगी. इसके बाद उन्हें कुछ संदेह हुआ. अमेरिका की सिटी बैंक में जमा धन राशि एसबीआई कानपुर में ट्रांसफर करने की कोई प्रक्रिया नहीं है. इसके बाद में उन्हें अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ. इसके बाद बुजुर्ग के पास फिर से एक नंबर पर कॉल आई और कॉल करने वाले ने खुद को आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास बताते हुए कहा कि अगर आप मिस्टर यादव के दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करेंगे तो आपके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद से वह काफी ज्यादा डर गया और उन्होंने इसके शिकायत साइबर थाने में दर्ज कराई. पुलिस ने इस मामले में जाँच पड़ताल शुरू कर दी है.

साइबर ठगों को पैसे के बारे में पता थाः एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर ने बताया कि पीड़ित डॉक्टर के द्वारा ठगी के मामले को लेकर साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पीड़ित डॉक्टर अमेरिका में रहकर प्रैक्टिस करते थे. अभी वह भारत में अपने भतीजे संजय के साथ रहते हैं. ठगों को उनके खाते में करोड़ रुपए होने की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने फर्जी सीबीआई आरबीआई का लेटर जारी करके दबाव में लिया. क्योंकि पीड़ित डॉक्टर ने अमेरिका में प्रैक्टिस की और उसके खाते में करोड़ों रुपए जमा है. ठगों के दबाव में आकर डॉक्टर ने 80 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिया है. पुलिस द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है.

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कानपुर: जिले में ठगी का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. साइबर ठगों ने एक बुजुर्ग डॉक्टर से सीबीआई और एफबीआई का लेटर जारी कर 80 लाख रुपए की ठगी की घटना को अंजाम दिया. आरबीआई का गवर्नर बनकर भी काफी धमकाया और तीन खातों में पैंसे ट्रांसफर करवा लिए. डॉक्टर ने साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

इंटरनेशनल मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर ठगीः काकादेव थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले संजय टंडन ने साइबर थाने को दी शिकायत में बताया कि उनके साथ अमेरिका से लौट कर आए 85 वर्षीय चाचा डॉ. रमेश टंडन रहते हैं. अमेरिका में वह डॉक्टर थे. बीते कुछ समय वह उन्हीं के साथ रह रहे हैं. 25 अगस्त को रमेश चंद्र टंडन व्हाट्सएप पर कॉल आया था. कॉल करने वाले अपना नाम अजय बंसल बताया और कहा कि आपके खिलाफ इंटरनेशनल मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है. जिसकी जांच सीबीआई कर रही है और इस जांच के अधिकारी आईपीएस राहुल यादव है. कॉल करने वाले ने कहा कि सीबीआई ऑफिसर विराज कुमार की ओर से यह लेटर जारी किया गया है और इसके बाद उसने लेटर भी व्हाट्सएप पर भेज दिया. लेटर मिलने के बाद से डॉक्टर उनका परिवार काफी ज्यादा दहशत में आ गया.

आरबीआई का लेटर भेजकर पहले दिन जमा कराए 25 लाख 43 हजारः 26 अगस्त को डॉ रमेश के पास फिर से व्हाट्सएप पर एक कॉल आया और कॉल करने वाले ने कहा कि आपका बैंक अकाउंट वेरीफाई किया जाना है. जिसके लिए आपको बैंक जाना होगा. डॉक्टर ने कहा कि वह चलने फिरने में असमर्थ है, वह कहीं नहीं जा सकते. मेरे भतीजे संजय टंडन का जॉइंट अकाउंट है और वही बैंक का सारा काम भी देखता है. इसके 27 अगस्त को फिर कॉल आया और इस बार कॉल करने वाले ने कॉल कट करने से मना किया और तुरंत बैंक पहुंचने को कहा. इस बीच उसने आरबीआई का एक पत्र भी भेजा और कहा कि जब तक जांच होगी तब तक यह रकम सरकार की अंडर टेकिंग में रहेगी. इसके बाद उसने कुल जमा धनराशि का 30% 25 लाख 43 हजार रुपए विंड पावर एनर्जी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड में चेक से जमा कराया.

दूसरे दिन सीबीआई का लेटर भेजकर ट्रांसफर कराए पैसेः 28 अगस्त को फिर से उनके पास कॉल आया कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई का जांच अधिकारी बताया और दोबारा भारत सरकार का लेटर जारी करके फिर से जमा धनराशि का 30% यानी 25 लाख 43 हजार रुपए फ्रोजनमन वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स के अकाउंट के खाते में जमा कराया. उन्होंने बताया कि 29 अगस्त को फिर से उनके पास एक कॉल आया और कॉल करने उनसे बिल्कुल इसी तरह से 30 लाख रुपए चेक से ट्रांसफर कराए. ठगों ने 30 अगस्त को सीबीआई और एफबीआई के नाम पर एक जांच पत्र जारी किया और विश्वास दिलाने के लिए ट्रांसफर कराई गई रकम 80.86 लाख में से 2.70 लाख रुपए वापस भी किया.

आरबीआई का गर्वनर बनकर किया फोनः पीड़ित डॉक्टर के भतीजे संजय टंडन ने बताया कि 3 सितंबर को फिर से उनके पास व्हाट्सएप पर एक कॉल आया. इस बार कॉल करने वाले ने न्यूयॉर्क सिटी बैंक में जमा 50% राशि मांगने का प्रयास किया और धमकाते हुए कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करेंगे तो ट्रांसफर की गई 80 लाख रुपए की रकम को सीबीआई जब्त कर लेगी. इसके बाद उन्हें कुछ संदेह हुआ. अमेरिका की सिटी बैंक में जमा धन राशि एसबीआई कानपुर में ट्रांसफर करने की कोई प्रक्रिया नहीं है. इसके बाद में उन्हें अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ. इसके बाद बुजुर्ग के पास फिर से एक नंबर पर कॉल आई और कॉल करने वाले ने खुद को आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास बताते हुए कहा कि अगर आप मिस्टर यादव के दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करेंगे तो आपके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद से वह काफी ज्यादा डर गया और उन्होंने इसके शिकायत साइबर थाने में दर्ज कराई. पुलिस ने इस मामले में जाँच पड़ताल शुरू कर दी है.

साइबर ठगों को पैसे के बारे में पता थाः एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर ने बताया कि पीड़ित डॉक्टर के द्वारा ठगी के मामले को लेकर साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पीड़ित डॉक्टर अमेरिका में रहकर प्रैक्टिस करते थे. अभी वह भारत में अपने भतीजे संजय के साथ रहते हैं. ठगों को उनके खाते में करोड़ रुपए होने की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने फर्जी सीबीआई आरबीआई का लेटर जारी करके दबाव में लिया. क्योंकि पीड़ित डॉक्टर ने अमेरिका में प्रैक्टिस की और उसके खाते में करोड़ों रुपए जमा है. ठगों के दबाव में आकर डॉक्टर ने 80 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिया है. पुलिस द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है.

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