वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में साइबर सिक्योरिटी का कोर्स शुरू होने वाला है. जिसको लेकर एडमिशन ओपन है. जो भी छात्र एडमिशन लेना चाहते हैं वह आवेदन कर सकते हैं. BHU से एफिलेटेड डीएवी पीजी कॉलेज में साइबर क्राइम को ध्यान में रखते हुए 3 माह के साइबर सिक्योरिटी कोर्स की शुरुआत हो रही है, जिसमें अगले सप्ताह के बाद से कक्षाएं शुरू होंगी.
BHU तैयार करेगा साइबर एक्सपर्ट: सोसाइटी में हो रहे साइबर क्राइम को देखते हुए डीएवी पीजी कॉलेज में साइबर कोर्स को शुरू करने का निर्णय लिया गया है. जिनको तीन भागों में डिवाइड किया गया है. इस बारे में डीएवी कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर शांतनु सौरभ ने बताया कि, यह एक वैल्यू एडेड कोर्स है जो प्रतिदिन 2 से लेकर के शाम 4 बजे तक संचालित होगा.
कोर्स का संचालन यूजीडीसीए कंप्यूटर सेंटर के तत्वावधान में हो रहा है और नई शिक्षा नीति के तहत इसका आगाज किया जाएगा. इसमें बच्चे साइबर क्राइम एक्सपर्ट बन सकेंगे. इसके साथ ही यदि उनके घर में या फिर उनके साथ किसी भी तरीके का साइबर फ्रॉड होता है तो वह इससे तुरंत सुरक्षित रह सकते हैं.
साइबर एक्सपर्ट बनने की कितनी होगी फीस: असिस्टेंट प्रोफेसर शांतनु सौरभ ने बताया कि इसमें एडमिशन लेने का तरीका बेहद आसान है. इसके लिए विद्यार्थियों को डीएवी पीजी कॉलेज जाना होगा. वहां से ऑफलाइन इस कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन पत्र लेना होगा. जिसे भरके जमा करने के बाद वह इसमें एडमिशन ले सकते हैं. फिलहाल इसे मेरिट के आधार पर नहीं बल्कि पहले आओ पहले पाओ के आधार पर शुरू किया जा रहा है. 50 सीट पहले सत्र में रखी गई हैं, जो भी विद्यार्थी पहले आएगा उसे एडमिशन मिलेगा. कोर्स की फीस 3500 से लेकर के 4500 रुपए तक है.
इन विषयों की होगी पढ़ाई: कोर्स समन्वयक प्रो.नजमुलजमा बताते हैं कि, इस कोर्स में छात्रों को प्रैक्टिकल भी कराया जाएगा, प्रोजेक्ट तैयार कराया जाएगा, जिससे वह साइबर सिक्योरिटी के बारे में अच्छे से जान सकें. कोर्स के दौरान अलग-अलग साइबर फील्ड के एक्सपर्ट को बुलाया जाएगा. इसमें ईमेल स्पूलिंग, स्पेमिंग, साइबर डिफेमेशन, हार्समेंट एंड साइबर स्टॉकिंग, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी क्राइम, इंटरनेट टाइम थेफ्ट, साइबर क्राईम अगेंस्ट ऑर्गेनाइजेशन, वायरस अटैक, ई मेल बोबिंग,सलामी अटैक, लॉजिक बम्ब, टार्जन हॉर्स, डेटा डेडलिंग, फोर्जरी,साइबर टेररिज्म, वेबजैकिंग ,अनऑथराइज्ड एसेसरीज इत्यादि.
ये भी पढ़ेंः बनारस के मठों की नई परंपरा; शास्त्र ज्ञान, वेद-मंत्र के साथ जनेऊ-धोती में जूडो-ताइक्वांडो की ट्रेनिंग ले रहे बटुक