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दुबई-थाइलैंड चीन में ठगी के लिए भारतीय प्री एक्टिवेटेड SIM हो रहे इस्तेमाल, STF के रडार पर कंपनियां - Cheating Abroad with Indian SIM

भारतीय सिम से विदेश में ठगी का नेटवर्क (Cheating Abroad with Indian SIM) तोड़ने में यूपी एसटीएफ को सफलता मिली है. गिरफ्तार आरोपियों ने कई बड़े खुलासे किए हैं. एसटीएफ के अनुसार साइबर जालसाज के लिए आरोपी भारत के प्री एक्टिवेटेड सिम दुबई, थाइलैंड, चीन में भेजते थे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 26, 2024, 4:57 PM IST

लखनऊ : दुबई में बैठ कर जालसाज क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, हॉर्स राइडिंग, इलेक्शन आदि पर अवैध तरीके से आनलाइन बेटिंग और कसीनो, तीन पत्ती, कैरम, लूडो जैसे गेम खिलाकर ठगी कर रहे हैं. ठगी करने के लिए जालसाज भारत से प्री एक्टिवेटेड सिम मंगवा रहे हैं. यूपी एसटीएफ ने विदेशों में सिम भेजने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब मोबाइल नेटवर्क कम्पनियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है.

यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ा साइबर अपराधी.
यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ा साइबर अपराधी.
भारतीय सिम की तस्करी.
भारतीय सिम की तस्करी.





यूपी एसटीएफ के एडिशनल एसपी विशाल विक्रम ने बताया कि बीते दिनों दो आरोपियों सुनील खड़का और ऋतिक राज को गिरफ्तार किया गया था. दोनों आरोपी भारत में विभिन्न कंपनियों के सिम एक्टिवेट करवा कर दुबई, थाइलैंड, मलेशिया, चीन और म्यांमार भेजते थे. ऐसे प्री एक्टिवेटेड सिम का इस्तेमाल ऑनलाइन बेटिंग एप्लीकेशन के लिए किया जाता है. पूछताछ में सामने आया था कि बिना किसी वेरिफिकेशन के एक्टिवेट किए जा रहे सिम से जालसाज विदेश में बैठ इन सिम से व्हाट्सएप, टेलीग्राम अकाउंट बनाते थे. इसके अलावा यूपीआई आईडी भी बनाई जाती थी. जिससे भारत के लोगों के साथ ठगी होती थी. गुरुवार को लखनऊ से दो आरोपियों अभय और संजीव को गिरफ्तार किया गया. ये आरोपी भी भारत में सामान्य और कॉरपोरेट सिम एक्टिवेट करवा कर दुबई भेज रहे थे. जहां महादेव एप, रेड्डी अन्ना बुक, फेयर प्ले, लोट्स 365, मैजिकविन, गोल्डन 444, दमन बुक, विनबज्ज व आईपीएलविन 365 के जरिए लोगों के बैंक अकाउंट खाली किए जा रहे थे.

भारतीय सिम की तस्करी.
भारतीय सिम की तस्करी.
यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़े साइबर अपराधी.
यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़े साइबर अपराधी.



सिम कंपनियों को नोटिस : विशाल विक्रम ने बताया कि जांच व पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों को ठगी के लिए सिम एक्टिवेट कराने में ज्यादा समस्या नहीं आती थी. ये सिम आसानी से एक्टिवेट हो जाते हैं और फिर इनका दुबई, चीन, थाइलैंड समेत कई देशों में इस्तेमाल किया जाता था. जांच में यह भी सामने आया कि सिम एक्टिवेट करने के लिए जो वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होती है उसे बिना पूरा लिए ही सिम एक्टिवेट किए जा रहे थे. एएसपी एसटीएफ ने बताया कि भारत के लोगों के साथ हो रही ठगी के पीछे मोबाइल कंपनियों की भी लापरवाही सामने आई है. ऐसे में यूपी एसटीएफ सभी नेटवर्क कंपनियों को नोटिस जारी कर रही है.




सेक्सटॉर्शन, लोन ऐप से ठगी करने के लिए नेपाल का युवक कर रहा था सिम की तस्करी

यूपी एसटीएफ ने अप्रैल में ही नेपाल के रहने वाले सुनील खड़का और दिल्ली के ऋतिक राज को भी सिम तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपी भारत से प्री ऐक्टिवेट सिम थाईलैंड, चीन और म्यांमार भेज रहे थे. इन देशों में बैठे जालसाज इन भारतीय प्री एक्टिवेटेड सिम की मदद से भारत के लोगों को लोन ऐप और सेक्सटॉर्शन के जरिए ठगते थे. ये सभी आरोपी भी सिम को पहले आसानी से फर्जी आईडी के आधार पर एक्टिवेट करते, फिर उन्हें विदेश भेज देते. जहां इन्हीं सिम के माध्यम से शिकार को कॉल की जाती थी. दोनों आरोपी करीब 9 हजार प्री एक्टिवेटेड सिम विदेश भेज चुके हैं.








यह भी पढ़ें : UP Cyber Crime : एक साल में दर्ज हुए 528 केस, मात्र 126 का ही हुआ खुलासा

यह भी पढ़ें : 400 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से देश में बढ़ रहा साइबर क्राइम

लखनऊ : दुबई में बैठ कर जालसाज क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, हॉर्स राइडिंग, इलेक्शन आदि पर अवैध तरीके से आनलाइन बेटिंग और कसीनो, तीन पत्ती, कैरम, लूडो जैसे गेम खिलाकर ठगी कर रहे हैं. ठगी करने के लिए जालसाज भारत से प्री एक्टिवेटेड सिम मंगवा रहे हैं. यूपी एसटीएफ ने विदेशों में सिम भेजने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब मोबाइल नेटवर्क कम्पनियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है.

यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ा साइबर अपराधी.
यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ा साइबर अपराधी.
भारतीय सिम की तस्करी.
भारतीय सिम की तस्करी.





यूपी एसटीएफ के एडिशनल एसपी विशाल विक्रम ने बताया कि बीते दिनों दो आरोपियों सुनील खड़का और ऋतिक राज को गिरफ्तार किया गया था. दोनों आरोपी भारत में विभिन्न कंपनियों के सिम एक्टिवेट करवा कर दुबई, थाइलैंड, मलेशिया, चीन और म्यांमार भेजते थे. ऐसे प्री एक्टिवेटेड सिम का इस्तेमाल ऑनलाइन बेटिंग एप्लीकेशन के लिए किया जाता है. पूछताछ में सामने आया था कि बिना किसी वेरिफिकेशन के एक्टिवेट किए जा रहे सिम से जालसाज विदेश में बैठ इन सिम से व्हाट्सएप, टेलीग्राम अकाउंट बनाते थे. इसके अलावा यूपीआई आईडी भी बनाई जाती थी. जिससे भारत के लोगों के साथ ठगी होती थी. गुरुवार को लखनऊ से दो आरोपियों अभय और संजीव को गिरफ्तार किया गया. ये आरोपी भी भारत में सामान्य और कॉरपोरेट सिम एक्टिवेट करवा कर दुबई भेज रहे थे. जहां महादेव एप, रेड्डी अन्ना बुक, फेयर प्ले, लोट्स 365, मैजिकविन, गोल्डन 444, दमन बुक, विनबज्ज व आईपीएलविन 365 के जरिए लोगों के बैंक अकाउंट खाली किए जा रहे थे.

भारतीय सिम की तस्करी.
भारतीय सिम की तस्करी.
यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़े साइबर अपराधी.
यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़े साइबर अपराधी.



सिम कंपनियों को नोटिस : विशाल विक्रम ने बताया कि जांच व पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों को ठगी के लिए सिम एक्टिवेट कराने में ज्यादा समस्या नहीं आती थी. ये सिम आसानी से एक्टिवेट हो जाते हैं और फिर इनका दुबई, चीन, थाइलैंड समेत कई देशों में इस्तेमाल किया जाता था. जांच में यह भी सामने आया कि सिम एक्टिवेट करने के लिए जो वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होती है उसे बिना पूरा लिए ही सिम एक्टिवेट किए जा रहे थे. एएसपी एसटीएफ ने बताया कि भारत के लोगों के साथ हो रही ठगी के पीछे मोबाइल कंपनियों की भी लापरवाही सामने आई है. ऐसे में यूपी एसटीएफ सभी नेटवर्क कंपनियों को नोटिस जारी कर रही है.




सेक्सटॉर्शन, लोन ऐप से ठगी करने के लिए नेपाल का युवक कर रहा था सिम की तस्करी

यूपी एसटीएफ ने अप्रैल में ही नेपाल के रहने वाले सुनील खड़का और दिल्ली के ऋतिक राज को भी सिम तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपी भारत से प्री ऐक्टिवेट सिम थाईलैंड, चीन और म्यांमार भेज रहे थे. इन देशों में बैठे जालसाज इन भारतीय प्री एक्टिवेटेड सिम की मदद से भारत के लोगों को लोन ऐप और सेक्सटॉर्शन के जरिए ठगते थे. ये सभी आरोपी भी सिम को पहले आसानी से फर्जी आईडी के आधार पर एक्टिवेट करते, फिर उन्हें विदेश भेज देते. जहां इन्हीं सिम के माध्यम से शिकार को कॉल की जाती थी. दोनों आरोपी करीब 9 हजार प्री एक्टिवेटेड सिम विदेश भेज चुके हैं.








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