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दुर्ग बना साइबर क्राइम का गढ़, ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचें - CYBER CRIME AWARENESS PROGRAM

दुर्ग पुलिस ने साइबर फ्रॉड के प्रति जागरुकता के "प्रेस से मिलिए" कार्यक्रम आयोजित किया. जिसमें बताया कि कैसे साइबर फ्रॉड से बच सकते हैं.

Cyber Crime Awareness Program
ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के तरीके (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 16, 2024, 9:43 PM IST

दुर्ग : साइबर फ्रॉड के प्रति जागरुकता के लिए "प्रेस से मिलिए" कार्यक्रम आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग शामिल हुए. इस दौरान दुर्ग आईजी ने बताया कि कैसे साइबर फ्रॉड से बचा जा सकता है.

इंटरनेट पर स्टोरेज डेटा से धोखाधड़ी : प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में दुर्ग पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग ने कहा, आज के दौर में सभी लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं, जिसके चलते सारा डेटा इंटरनेट पर स्टोरेज रहता है. हैकर्स इसी डाटा को हासिल कर लिंक के माध्यम से लोक लुभावनी लॉटरी, गिफ्ट, पैसा डबल करने, शेयर इन्वेस्टमेंट, आनलाइन छूट का लालच देते हैं. ठग अनजान लिंक पर क्लिक कराकर पूरी डिटेल पाते हैं और धोखाधड़ी करते हैं.

दुर्ग रेंज आईजी ने बताया फ्रॉड से बचने का तरीका (ETV Bharat)

साइबर स्टाकिंग, फेक अकाउंटस, बाडी शेमिंग, डी फेक, सोशल एक्सक्लूसन, ऑनलाइन सेक्चुअल एक्सटोर्न, हनी ट्रैप आदि साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरुकता जरूरी है. सावधानी से ऐसे फ्राड से बच सकते हैं. समाज में कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं है. हमारी सोच पॉजिटिव होनी चाहिए. सीखने की इच्छा हमेशा होनी चाहिए. : रामगोपाल गर्ग, पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज

पासवर्ड पर टू स्टेप सिक्योरिटी जरूरी : दुर्ग रेंज आईजी ने बताया, हैकर्स जानी मानी कंपनियों की सोशल एकाउंट से मिलती जुलती एकाउंट बनाते हैं. जिसके बाद लोग जल्दबाजी में उस पर ध्यान न देते हुए भेजे गए लिंक पर क्लिक कर देते हैं. फिर उनके फोन में मौजूद पूरा डेटा अपराधियों तक पहुंच जाता है. फिर वह लोग साइबर ठगी, धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के शिकार हो जाते है.

साइबर अपराध से बचने ई मेल आइडी, पासवर्ड व सोशल एकाउंट पासवर्ड पर टू स्टेप सिक्योरिटी लगाना जरूरी है. लोगों से पासवर्ड के रूप में जन्मतिथि और शादी की सालगिरह की डेट डालने से बचना चाहिए. साथ ही समय समय पर पासवर्ड बदलते रहना चाहिए. : रामगोपाल गर्ग, पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज

साइबर फ्राड से बचने अलर्ट रहना जरूरी : दुर्ग आईजी ने कहा, अभी तक छत्तीसगढ़ में जितने भी साइबर अपराध हुए हैं, उसमें छत्तीसगढ़ के लोगों की संलिप्तता नहीं के बराबर है. साइबर फ्राड से बचने अलर्ट रहना जरूरी है. ठग पहले आपका भरोसा जीतते हैं, उसके बाद बड़ी फ्रॉड को अंजाम देते हैं. फ्रॉड आपके डर का फायदा उठाते हैं. किसी भी तरह के साइबर अपराध होने पर सूचना 1930 पर जरूर दें.

दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने कहा कि पैसा आसानी से नहीं बनता. पैसा कमाने के लिए मेहनत करना पड़ता है. कोई भी आदमी मुफ्त में पैसा नहीं देता. जितने भी फ्रॉड हो रहे हैं, यह सब लालच का ही परिणाम है. अगर साइबर अपराध हुआ है तो जितनी जल्दी थाना में सूचना देंगे, अपराध को रोका जा सकता है. देरी करने पर ऑनलाइन ठगी की रकम को लीगल प्रूफ करने में दिक्कत होती है. पूरी दुनिया इंटरनेट पर कनेक्ट है, लेकिन सुरक्षा हमारे हाथ में है.

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दुर्ग : साइबर फ्रॉड के प्रति जागरुकता के लिए "प्रेस से मिलिए" कार्यक्रम आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग शामिल हुए. इस दौरान दुर्ग आईजी ने बताया कि कैसे साइबर फ्रॉड से बचा जा सकता है.

इंटरनेट पर स्टोरेज डेटा से धोखाधड़ी : प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में दुर्ग पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग ने कहा, आज के दौर में सभी लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं, जिसके चलते सारा डेटा इंटरनेट पर स्टोरेज रहता है. हैकर्स इसी डाटा को हासिल कर लिंक के माध्यम से लोक लुभावनी लॉटरी, गिफ्ट, पैसा डबल करने, शेयर इन्वेस्टमेंट, आनलाइन छूट का लालच देते हैं. ठग अनजान लिंक पर क्लिक कराकर पूरी डिटेल पाते हैं और धोखाधड़ी करते हैं.

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साइबर स्टाकिंग, फेक अकाउंटस, बाडी शेमिंग, डी फेक, सोशल एक्सक्लूसन, ऑनलाइन सेक्चुअल एक्सटोर्न, हनी ट्रैप आदि साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरुकता जरूरी है. सावधानी से ऐसे फ्राड से बच सकते हैं. समाज में कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं है. हमारी सोच पॉजिटिव होनी चाहिए. सीखने की इच्छा हमेशा होनी चाहिए. : रामगोपाल गर्ग, पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज

पासवर्ड पर टू स्टेप सिक्योरिटी जरूरी : दुर्ग रेंज आईजी ने बताया, हैकर्स जानी मानी कंपनियों की सोशल एकाउंट से मिलती जुलती एकाउंट बनाते हैं. जिसके बाद लोग जल्दबाजी में उस पर ध्यान न देते हुए भेजे गए लिंक पर क्लिक कर देते हैं. फिर उनके फोन में मौजूद पूरा डेटा अपराधियों तक पहुंच जाता है. फिर वह लोग साइबर ठगी, धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के शिकार हो जाते है.

साइबर अपराध से बचने ई मेल आइडी, पासवर्ड व सोशल एकाउंट पासवर्ड पर टू स्टेप सिक्योरिटी लगाना जरूरी है. लोगों से पासवर्ड के रूप में जन्मतिथि और शादी की सालगिरह की डेट डालने से बचना चाहिए. साथ ही समय समय पर पासवर्ड बदलते रहना चाहिए. : रामगोपाल गर्ग, पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज

साइबर फ्राड से बचने अलर्ट रहना जरूरी : दुर्ग आईजी ने कहा, अभी तक छत्तीसगढ़ में जितने भी साइबर अपराध हुए हैं, उसमें छत्तीसगढ़ के लोगों की संलिप्तता नहीं के बराबर है. साइबर फ्राड से बचने अलर्ट रहना जरूरी है. ठग पहले आपका भरोसा जीतते हैं, उसके बाद बड़ी फ्रॉड को अंजाम देते हैं. फ्रॉड आपके डर का फायदा उठाते हैं. किसी भी तरह के साइबर अपराध होने पर सूचना 1930 पर जरूर दें.

दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने कहा कि पैसा आसानी से नहीं बनता. पैसा कमाने के लिए मेहनत करना पड़ता है. कोई भी आदमी मुफ्त में पैसा नहीं देता. जितने भी फ्रॉड हो रहे हैं, यह सब लालच का ही परिणाम है. अगर साइबर अपराध हुआ है तो जितनी जल्दी थाना में सूचना देंगे, अपराध को रोका जा सकता है. देरी करने पर ऑनलाइन ठगी की रकम को लीगल प्रूफ करने में दिक्कत होती है. पूरी दुनिया इंटरनेट पर कनेक्ट है, लेकिन सुरक्षा हमारे हाथ में है.

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