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Delhi: 'शीशमहल' पर बढ़ सकती हैं अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें, अब लोक निर्माण विभाग करेगा जांच

दिल्ली सीएम आवास मामले में अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बीजेपी के मुताबिक, सीवीसी ने आरोप की जांच के लिए सीपीडब्ल्यूडी से रिपोर्ट मांगी है.

शीशमहल मामले में सीवीसी ने सीपीडब्ल्यूडी को सौंपा जांच का जिम्मा
शीशमहल मामले में सीवीसी ने सीपीडब्ल्यूडी को सौंपा जांच का जिम्मा (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 6, 2024, 1:54 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने उनके सरकारी आवास जिसे 'शीश महल' का बीजेपी ने नाम दिया है, कथित अवैध निर्माण और वित्तीय अनियमितताओं के मामले की जांच करने का आदेश दिया है. यह मामला भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता द्वारा की गई शिकायत के बाद सीवीसी के संज्ञान में आया. बीजेपी के मुताबिक सीवीसी ने दिल्ली के सीएम हाउस को शीशमहल जैसा बनाने के आरोप की जांच के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) से रिपोर्ट मांगी है.

विजेंदर गुप्ता ने दी सीवीसी के कदम की जानकारी : बीजेपी के नेता विजेंदर गुप्ता ने कहा है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग यानी सीवीसी ने दिल्ली के सीएम हाउस में अवैध निर्माण और वित्तीय अनियमितताओं के बारे में रिपोर्ट सौंपने के लिए सीपीडब्ल्यूडी को लिखा है. विजेंदर गुप्ता का ये भी कहना है कि सीवीसी ने आश्वासन दिया है कि तथ्यात्मक रिपोर्ट आने के बाद जरूरी एक्शन लिया जाएगा. बता दें कि दिल्ली के सीएम हाउस में सौंदर्यीकरण को शीशमहल का नाम देकर अरविंद केजरीवाल को बीजेपी लगातार घेरती रही है.

शीशमहल मामले में बढ़ी केजरीवाल की मुसीबत
शीशमहल मामले में बढ़ी केजरीवाल की मुसीबत (ETV BHARAT)

आवास के सौंदर्यीकरण पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप : भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के आवास के सौंदर्यीकरण पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिसमें वित्तीय अनियमितता की गई है. भाजपा ने इस मामले को उठाते हुए केजरीवाल से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की थी. वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) ने इन आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा पर राजनीतिक दुर्भावना का आरोप लगाया है. 'शीश महल' घोटाले में ये मामला है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास की रूपरेखा को बड़े स्तर पर बदला गया, जिसमें करीब 44.78 करोड़ रुपये का खर्च आया था. जबकि स्वीकृत राशि 43.70 करोड़ रुपये थी, लेकिन दस्तावेजों के मुताबिक इसमें 1.08 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च किया गया.

शिकायत के आधार पर सीपीडब्ल्यूडी को सौंपा गया जांच का जिम्मा : सीवीसी ने कहा है कि शिकायत के आधार पर सीपीडब्ल्यूडी को जांच का जिम्मा सौंपा गया है, जिससे इस मामले में वास्तविक तथ्यों का पता चल सके और अगर कोई अनियमितताएं पाई जाती हैं, तो उचित कार्रवाई की जा सके. देखने वाली बात यह होगी कि सीपीडब्ल्यूडी की जांच से इस मामले में क्या नए तथ्य सामने आते हैं और क्या इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं.

सीएम हाउस निजी संपत्ति नहीं -AAP : दिल्ली के सीएम हाउस में करोड़ रुपए खर्च किए जाने के मसले पर अरविंद केजरीवाल ने तो अब तक खुद कोई जवाब नहीं दिया लेकिन उनकी आम आदमी पार्टी ने जरूर ये बयान दिया कि दिल्ली का सीएम हाउस निजी संपत्ति नहीं है. आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया था.


आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, इस खर्च का विवरण कुछ इस प्रकार है:
- आंतरिक सजावट पर 11.30 करोड़ रुपये खर्च किये गए.
- पत्थर और संगमरमर के फर्श पर 6.02 करोड़ रुपये खर्च किए.
- आंतरिक परामर्श पर 1 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
- विद्युत फिटिंग और उपकरणों पर 2.58 करोड़ रुपये खर्च.
- अग्निशमन प्रणाली पर 2.85 करोड़ रुपये खर्च किए.
- अलमारी और सामान फिटिंग पर 2.51 करोड़ रुपये खर्च किए.
- मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय पर 8.11 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किए गए,

जबकि इसके लिए स्वीकृत राशि 9.99 करोड़ रुपये थी.

ये भी पढ़ें :

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने उनके सरकारी आवास जिसे 'शीश महल' का बीजेपी ने नाम दिया है, कथित अवैध निर्माण और वित्तीय अनियमितताओं के मामले की जांच करने का आदेश दिया है. यह मामला भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता द्वारा की गई शिकायत के बाद सीवीसी के संज्ञान में आया. बीजेपी के मुताबिक सीवीसी ने दिल्ली के सीएम हाउस को शीशमहल जैसा बनाने के आरोप की जांच के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) से रिपोर्ट मांगी है.

विजेंदर गुप्ता ने दी सीवीसी के कदम की जानकारी : बीजेपी के नेता विजेंदर गुप्ता ने कहा है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग यानी सीवीसी ने दिल्ली के सीएम हाउस में अवैध निर्माण और वित्तीय अनियमितताओं के बारे में रिपोर्ट सौंपने के लिए सीपीडब्ल्यूडी को लिखा है. विजेंदर गुप्ता का ये भी कहना है कि सीवीसी ने आश्वासन दिया है कि तथ्यात्मक रिपोर्ट आने के बाद जरूरी एक्शन लिया जाएगा. बता दें कि दिल्ली के सीएम हाउस में सौंदर्यीकरण को शीशमहल का नाम देकर अरविंद केजरीवाल को बीजेपी लगातार घेरती रही है.

शीशमहल मामले में बढ़ी केजरीवाल की मुसीबत
शीशमहल मामले में बढ़ी केजरीवाल की मुसीबत (ETV BHARAT)

आवास के सौंदर्यीकरण पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप : भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के आवास के सौंदर्यीकरण पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिसमें वित्तीय अनियमितता की गई है. भाजपा ने इस मामले को उठाते हुए केजरीवाल से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की थी. वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) ने इन आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा पर राजनीतिक दुर्भावना का आरोप लगाया है. 'शीश महल' घोटाले में ये मामला है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास की रूपरेखा को बड़े स्तर पर बदला गया, जिसमें करीब 44.78 करोड़ रुपये का खर्च आया था. जबकि स्वीकृत राशि 43.70 करोड़ रुपये थी, लेकिन दस्तावेजों के मुताबिक इसमें 1.08 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च किया गया.

शिकायत के आधार पर सीपीडब्ल्यूडी को सौंपा गया जांच का जिम्मा : सीवीसी ने कहा है कि शिकायत के आधार पर सीपीडब्ल्यूडी को जांच का जिम्मा सौंपा गया है, जिससे इस मामले में वास्तविक तथ्यों का पता चल सके और अगर कोई अनियमितताएं पाई जाती हैं, तो उचित कार्रवाई की जा सके. देखने वाली बात यह होगी कि सीपीडब्ल्यूडी की जांच से इस मामले में क्या नए तथ्य सामने आते हैं और क्या इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं.

सीएम हाउस निजी संपत्ति नहीं -AAP : दिल्ली के सीएम हाउस में करोड़ रुपए खर्च किए जाने के मसले पर अरविंद केजरीवाल ने तो अब तक खुद कोई जवाब नहीं दिया लेकिन उनकी आम आदमी पार्टी ने जरूर ये बयान दिया कि दिल्ली का सीएम हाउस निजी संपत्ति नहीं है. आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया था.


आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, इस खर्च का विवरण कुछ इस प्रकार है:
- आंतरिक सजावट पर 11.30 करोड़ रुपये खर्च किये गए.
- पत्थर और संगमरमर के फर्श पर 6.02 करोड़ रुपये खर्च किए.
- आंतरिक परामर्श पर 1 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
- विद्युत फिटिंग और उपकरणों पर 2.58 करोड़ रुपये खर्च.
- अग्निशमन प्रणाली पर 2.85 करोड़ रुपये खर्च किए.
- अलमारी और सामान फिटिंग पर 2.51 करोड़ रुपये खर्च किए.
- मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय पर 8.11 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किए गए,

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