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बरेली और प्रयागराज में भी मरीजों को मिलेगी सीटी स्कैन की सुविधा, 10 चिकित्सकों का पीजी में दाखिला

यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार (CT scan facility) काफी गंभीर है. शुक्रवार को बरेली और प्रयागराज में सीटी स्कैन की सुविधा की शुरुआत की गई. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इन सेवाओं का ऑनलाइन शुभारंभ किया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 9, 2024, 7:28 PM IST

लखनऊ : आमजन को निशुल्क डायग्नोस्टिक्स सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुक्रवार को बरेली और प्रयागराज में सीटी स्कैन की सुविधा की शुरुआत की गई. एनेक्सी स्थित सभाकक्ष से डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इन सेवाओं का ऑनलाइन शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को उच्च कोटि की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

सीटी मशीनें आधुनिक 32 स्लाइस तकनीक पर आधारित : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि बरेली के 300 शैय्या चिकित्सालय एवं प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय में इन मशीनों को स्थापित किया गया है. यह सीटी मशीनें आधुनिक 32 स्लाइस तकनीक पर आधारित हैं. इससे स्कैनिंग की गुणवत्ता और भी बेहतर होगी. पीपीपी मोड पर प्रदेश के 69 जनपदों को पूर्व में आच्छादित किया जा चुका है. अब प्रदेश के 71 जनपदों में यह सुविधा आमजन को समर्पित की गई है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को लेकर तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं. यूपी के 75 जिलों में बेहतर चिकित्सा को लेकर जांच के लिए उपकरण भी मांगे जा रहे हैं, ताकि प्रदेश के लोगों को जिले में इलाज मिल सके.

सरकारी अस्पतालों में तैनात 10 चिकित्सकों का पीजी में दाखिला : राजधानी के सरकारी अस्पतालों में तैनात 10 डॉक्टर पीजी की पढ़ाई करने के लिए लंबी छुट्टी पर चले गए हैं. यह सभी डॉक्टर सीएमओ के अधीन अस्पतालों में तैनात हैं. इन डॉक्टरों के जाने से मरीजों का इलाज प्रभावित हो सकता है. लिहाजा विभाग के जरिए नई भर्ती की कवायद तेज कर दी गई है. जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 10 और शहरी क्षेत्र में 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हैं. 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) हैं. 52 हेल्थ पोस्ट सेंटर, 75 हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर हैं. साथ ही 100 बेड के भी आधा दर्जन अस्पतालों का संचालन हो रहा है. इन अस्पतालों में प्रतिदिन हजारों मरीज आ रहे हैं. मरीजों को मुफ्त दवाएं, जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. इन अस्पतालों में तैनात 10 डॉक्टरों का पीजी की पढ़ाई के लिए चयन हो गया है. मरीजों की दिक्कतों को कम करने के लिए इन डॉक्टरों की जगह दूसरों को तैनात किया जाएगा.

लखनऊ : आमजन को निशुल्क डायग्नोस्टिक्स सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुक्रवार को बरेली और प्रयागराज में सीटी स्कैन की सुविधा की शुरुआत की गई. एनेक्सी स्थित सभाकक्ष से डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इन सेवाओं का ऑनलाइन शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को उच्च कोटि की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

सीटी मशीनें आधुनिक 32 स्लाइस तकनीक पर आधारित : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि बरेली के 300 शैय्या चिकित्सालय एवं प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय में इन मशीनों को स्थापित किया गया है. यह सीटी मशीनें आधुनिक 32 स्लाइस तकनीक पर आधारित हैं. इससे स्कैनिंग की गुणवत्ता और भी बेहतर होगी. पीपीपी मोड पर प्रदेश के 69 जनपदों को पूर्व में आच्छादित किया जा चुका है. अब प्रदेश के 71 जनपदों में यह सुविधा आमजन को समर्पित की गई है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को लेकर तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं. यूपी के 75 जिलों में बेहतर चिकित्सा को लेकर जांच के लिए उपकरण भी मांगे जा रहे हैं, ताकि प्रदेश के लोगों को जिले में इलाज मिल सके.

सरकारी अस्पतालों में तैनात 10 चिकित्सकों का पीजी में दाखिला : राजधानी के सरकारी अस्पतालों में तैनात 10 डॉक्टर पीजी की पढ़ाई करने के लिए लंबी छुट्टी पर चले गए हैं. यह सभी डॉक्टर सीएमओ के अधीन अस्पतालों में तैनात हैं. इन डॉक्टरों के जाने से मरीजों का इलाज प्रभावित हो सकता है. लिहाजा विभाग के जरिए नई भर्ती की कवायद तेज कर दी गई है. जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 10 और शहरी क्षेत्र में 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हैं. 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) हैं. 52 हेल्थ पोस्ट सेंटर, 75 हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर हैं. साथ ही 100 बेड के भी आधा दर्जन अस्पतालों का संचालन हो रहा है. इन अस्पतालों में प्रतिदिन हजारों मरीज आ रहे हैं. मरीजों को मुफ्त दवाएं, जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. इन अस्पतालों में तैनात 10 डॉक्टरों का पीजी की पढ़ाई के लिए चयन हो गया है. मरीजों की दिक्कतों को कम करने के लिए इन डॉक्टरों की जगह दूसरों को तैनात किया जाएगा.


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