लखनऊ: 27 अप्रैल को राजधानी के पारा के रहने वाले अंकुर श्रीवास्तव ने विभूतिखंड थाने में एफआईआर दर्ज कराई कि उसकी ऑडी कार निर्माण निगम के ऑफिस के बाहर से चोरी हो गई. महंगी कार और निर्माण निगम के ऑफिस के बाहर चोरी की घटना, बस पुलिस एक्टिव हुई और कार की तलाश में जुट गई. करीब 150 सीसीटीवी कैमरों को खंगालने के बाद चौकाने वाला खुलासा हुआ.
डीसीपी ईस्ट प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि पारा इलाके में विक्रम नगर के रहने वाले अंकुर श्रीवास्तव निर्माण निगम में एडी 2 के पद पर तैनात हैं. उन्होंने 27 अप्रैल को विभूतिखंड थाने में सूचना दी थी कि वह 12 बजे अपनी ऑडी कार से निर्माण निगम आए थे. ऑफिस पहुंचने पर उन्होंने कार सड़क किनारे खड़ी कर दी. करीब 4 बजे जब वो वापस आए तो देखा उनकी गाड़ी वहां पर नहीं थी. अंकुर की शिकायत पर तत्काल चोरी की एफआईआर दर्ज कर टीम गठित कर दी गई.
डीसीपी ने बताया कि कार की तलाश के लिए निर्माण निगम के आस पास करीब 150 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई. इस दौरान सामने आया कि ऑडी कार को खुद उसके मालिक और एफआईआर दर्ज करवाने वाले अंकुर ने ही चोरी की थी जिसके बाद अंकुर को मय ऑडी कार गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में अंकुर ने बताया कि वर्ष 2019 में उसकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया था लेकिन एक्सीडेन्टल गाड़ी होने के कारण गाड़ी की कीमत 10 लाख से ज्यादा नहीं मिल पा रहे थे.
गाड़ी की वैल्यू वर्तमान समय में 40 लाख रुपया है. ऐसे में उसने अपने दिल्ली के रहने वाले गाड़ियों का वर्कशॉप चलाने वाले दोस्त हितेश से पूरी बात बताई. इसके बाद दोनो ने तय किया कि वो गाड़ी को चोरी दिखाकर बीमा क्लेम प्राप्त कर लेगें और गाड़ी को भी कटवा देंगें. ऐसे में गाड़ी चोरी की झूठी एफआईआर दर्ज करा आज अंकुर दिल्ली लेकर गाड़ी जा रहा था. हालांकि पुलिस ने रास्ते में ही उसे गिरफ्तार कर लिया.
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