जयपुर. जिले की सबसे बड़ी हिंगोनिया गौशाला में हजारों गायें भीषण गर्मी से झुलस रही हैं. सैकड़ों गाय हीट वेव की चपेट में आ चुकी हैं. ये हालात तब हैं, जब शहर के दोनों निगम और श्री कृष्ण बलराम सेवा ट्रस्ट इस गौशाला को संभाल कर रही हैं. हालांकि, अब नगर निगम प्रशासन ने इसकी सुध लेते हुए यहां पानी का छिड़काव करना शुरू किया है. साथ ही ग्रेटर निगम महापौर ने ग्रीन शेड लगाने के लिए निजी कोष से 5 लाख रुपए भी दिए हैं. उन्होंने गौशाला प्रबंधन का काम देख रही ट्रस्ट को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए सात दिन का अल्टीमेटम भी दिया है.
गर्मी के मौसम को देखते हुए राज्य सरकार ने गोवंश को बचाने के लिए एडवाइजरी जरूर जारी की है, लेकिन उसकी पालना जयपुर के सबसे बड़ी हिंगोनिया गोशाला में नहीं हो रही है. यहां छाया के पर्याप्त संसाधन नहीं होने की वजह से गोवंश हीट वेव की चपेट में आ रहे हैं. हर दिन होने वाली गायों की मौत में 20% गाय हीट वेव से मर रही हैं. ऐसे में शुक्रवार को ग्रेटर नगर निगम की महापौर और निगम के अधिकारी यहां मौके का जायजा लेने पहुंचे. तपती धूप और हीटवेव में गायों को लेकर नाकाफी इंतजामों पर नाराजगी जताते हुए हिंगोनिया का प्रबंधन देख रही श्री कृष्ण बलराम ट्रस्ट के पदाधिकारी को लताड़ लगाई और व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए 7 दिन का अल्टीमेटम भी दिया. इस दौरान ग्रेटर निगम महापौर सौम्या गुर्जर ने श्री कृष्ण बलराम ट्रस्ट पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पूछा कि हर महीने करीब 2 करोड़ रुपए की राशि देने के बाद भी गायों की स्थिति क्यों बदहाल है.
ट्रस्ट पर बरसीं महपौर : महापौर ने कहा कि आसमान से आग बरस रही है. 47 डिग्री के तापमान में बिना छाया के गायों का खड़ा रहना आहत करता है. यहां गौशाला का काम देख रही ट्रस्ट को समय रहते सभी प्रबंध करने चाहिए थे, लेकिन अब वो अपने निजी कोष से यहां ग्रीन नेट लगवा रही हैं. इसके अलावा फायर व्हीकल से गायों के बाड़ों में छिड़काव करवाया जा रहा है, ताकि टेंपरेचर में कुछ गिरावट आ सके. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने यहां पानी की टंकी लगवाने की घोषणा तो की थी, लेकिन वो घोषणा सिर्फ कागजों में दबी रह गई. अब यहां पानी की टंकी बनाने से लेकर शेड लगवाने तक का सभी काम ग्रेटर निगम करेगा. उन्होंने बताया कि यहां हर दिन करीब 70 गोवंश की मौत हो रही है, जिसके मुख्य कारण में गर्मी भी शामिल है. साथ ही ट्रस्ट को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा है कि यदि उनसे गौशाला नहीं संभल रही हो, तो इस शहर में बहुत सारे धर्मात्मा लोग हैं, जो गाय माता की निस्वार्थ रूप से सेवा करना चाहते हैं, वो इस कार्य को करने के लिए तैयार हैं. ट्रस्ट गौ माता की सेवा नहीं कर सकता, तो ये बर्दाश्त नहीं होगा. यदि ये व्यवस्था नहीं सुधरी तो निश्चित रूप से कार्रवाई होगी.
गाय ज्यादा शेड कम : इस पर ट्रस्ट के पदाधिकारी सफाई देते नजर आए. उन्होंने कहा कि बीते 1 साल में यहां 6000 गोवंश बढ़ गए हैं. हालांकि, यहां तीन शेड निर्माणाधीन है और ट्रस्ट ने दानदाताओं के सहयोग से यहां कुछ बाड़ों में ग्रीन शेड भी लगाई है. निगम के अधिकारी भी यहां समय-समय पर आते रहते हैं. उन्हें व्यक्तिगत रूप से बताते हैं कि गायों की संख्या बढ़ रही है, उस हिसाब से शेड नहीं बने हैं. पानी की टंकी की समस्या है, लेकिन सरकारी प्रक्रिया जटिल है. इसलिए उसमें समय लगता है. ट्रस्ट के पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यहां गोवंश की संख्या 19 हजार से अधिक है, लेकिन उसके अनुसार शेड नहीं है, जिसकी वजह से गाय हीट वेव का शिकार हो रही हैं और इसकी संख्या कुल मरने वाली गायों की संख्या का करीब 20% है.
- वर्तमान में गौशाला में 19000 से ज्यादा गोवंश
- बीते 1 साल में बढ़ा 6000 गोवंश
- हिंगोनिया गौशाला में फिलहाल 62 टीन शेड
- एक शेड के नीचे 100 से 500 गोवंश को मिल पाती है छाया
- 1000 क्षमता वाले 6 टीन शेड की और जरूरत
- 1000 गौवंश के लिए टीन शेड निर्माणाधीन
इस दौरान महापौर ने यहां बने पशु चिकित्सालय, आईसीयू का भी जायजा लिया. साथ ही यहां एक बछड़े को मिल्क बोटल से दूध पिलाया. उधर, हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने भी यहां गौशाला में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए चार महीने का वेतन देने की भी की घोषणा की है. साथ ही पार्षदों से भी इस पुनीत कार्य में अपना योगदान देने का आह्वान किया है. आपको बता दें कि यहां करीब 19 हजार गायें हैं. इनमें 6000 गायों के लिए छाया के इंतजाम नहीं है, जिसकी वजह से इन गायों को 12 घंटे धूप में खड़े रहना पड़ता है, और हीट वेव झेलनी पड़ती है. इसकी वजह से वो काल का ग्रास भी बन रही हैं.