प्रयागराज: नोएडा के सेक्टर 49 में कोविड गाइडलाइन का उल्लघंन कर जुलूस निकालने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव, रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी, अफजाल अंसारी और अब्बास अंसारी को बड़ राहत दी. कोर्ट ने 23 अप्रैल तक इन सभी के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर लगी रोक बढ़ा दी है. सभी आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कार्रवाई को चुनौती दी है.
कोविड गाइडलाइंस का उल्लघंन करने पर इनके खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया गया है. मामला 188 आईपीसी में दर्ज है, इसलिए इस मामले में आपराधिक कार्रवाई की जानी है या नहीं इस पर सरकार को फैसला लेना है. इससे पहले गृह सचिव संजीव गुप्ता ने बताया था कि यह सरकारी नीति का मसला है और निर्णय लेने के लिए दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा था.
राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि अभी लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लागू है. इसलिए नीतिगत फैसला नहीं लिया जा सकता. जून 2024 के अंत तक फैसला लिया जाएगा. कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह और प्रमुख सचिव न्याय से एक हफ्ते में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है. इस याचिका पर अगली सुनवाई 23अप्रैल को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने इन नेताओं की तरफ से अलग-अलग दाखिल याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया. फरवरी 2022 में इन नेताओं ने नोएडा में रैली की थी. इस दौरान कोविड नियमों और गाइडलाइंस का उल्लघंन कर भीड़ इकट्ठी की गयी थी और जुलूस निकाला गया था. इसको लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी. पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है. एसीजेएम गौतमबुद्धनगर ने उस पर संज्ञान भी लिया है. इसमें कोर्ट ने सरकार के निर्णय लिए जाने तक उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.