नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले के आरोपी सीएम अरविंद केजरीवाल के मेडिकल चेकअप के दौरान, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल को शामिल होने की अनुमति दे दी है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने ये आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि सुनीता केजरीवाल, अरविंद केजरीवाल के मेडिकल चेकअप के लिए गठित मेडिकल बोर्ड से मिल सकती हैं और उनकी डाइट पर चर्चा कर सकती हैं. कोर्ट ने आदेश दिया कि सुनीता केजरीवाल को अरविंद केजरीवाल की सभी मेडिकल रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए.
इससे पहले कोर्ट ने इस याचिका पर 3 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वकील एन. हरिहरन ने कहा था कि केजरीवाल के मेडिकल चेक अप के दौरान उनकी पत्नी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान जुड़े रहने की अनुमति दी जाए. उन्होंने कहा था कि जब मेडिकल बोर्ड बैठे तो सुनीता केजरीवाल भी इनपुट देना चाहती हैं. अरविंद केजरीवाल इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.
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बता दें कि 21 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट से अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी से संरक्षण न मिलने के बाद ईडी ने 21 मार्च को ही देर शाम को अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अंतरिम जमानत पर रिहा किया था. वहीं इस मामले में केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को गिरफ्तार किया था. केजरीवाल ने अपनी सीबीआई गिरफ्तारी को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
शराब घोटाला मामले में केजरीवाल को छोड़कर सभी आरोपियों की भूमिका की जांच पूरी- सीबीआई
नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने स्पष्ट किया है कि उसने उत्पाद शुल्क नीति मामले में अन्य सभी आरोपियों की भूमिका की जांच पूरी कर ली है, लेकिन वह अभी भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका की जांच कर रही है. सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने राऊज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि सीबीआई सुप्रीम कोर्ट को इस बाबत बताएगी कि 4 जून के बाद इस मामले में क्या नया मोड़ आया है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सीबीआई के चार्जशीट पर 8 जुलाई को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि, "दिल्ली आबकारी घोटाला में केजरीवाल की भूमिका की जांच की जा रही है. केजरीवाल के खिलाफ जांच लगभग पूरी हो चुकी है. सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया और के. कविता की ओर से पेश वकीलों ने आरोप लगाया कि सीबीआई गुमराह करने वाला और भ्रमपूर्ण बयान दे रही है. 22 मार्च को कोर्ट के एक आदेश में ये साफ कहा गया है कि जांच पूरी हो चुकी है. ऐसे में सीबीआई का मार्च में दिया गया बयान गलत है कि जांच पूरी हो चुकी थी. अब जो स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई है वो जांच पूरी होने के दावे के विपरीत है."
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