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किसानों की जमीन छीन इस ब्रिटिश गर्वनर ने कभी जमींदारों को किया था मालामाल, अब कब्र को लेकर उठे सवाल, RSS ने जताई ये आपत्ति - British Governor Cornwallis Tomb

गाजीपुर में ब्रिटिश गर्वनर की कब्र को लेकर सवाल उठे हैं. यह सवाल आरएसएस ने उठाए हैं. आखिर आरएसएस को क्या आपत्ति है चलिए जानते हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 6, 2024, 1:19 PM IST

ब्रिटिश गवर्नर लार्ड कार्निवालिस के इसी प्रतीक को लेकर आपत्ति.
ब्रिटिश गवर्नर लार्ड कार्निवालिस के इसी प्रतीक को लेकर आपत्ति. (Photo Credit-Etv Bharat)
ब्रिटिश गवर्नर लार्ड कार्निवालिस की कब्र को लेकर चिट्ठी लिखने वाले आरएसए कार्यकर्ता नीतीश दुबे. (Video Credit-Etv Bharat)
गाजीपुर :
भारत में 1793 ईस्वी में बंगाल में स्थायी बन्दोबस्त के रूप में लार्ड कार्निवालिस ने नई राजस्व पद्धति शुरू की थी. इसके तहत राजस्व के लिए जमींदारों को जमीन का मालिक बनाकर किसानों को अपनी ही जमीन का किराएदार बना दिया गया था. लार्ड कार्निवालिस की मृत्यु भारत में हुई थी. इसके बाद उनका शव गाजीपुर के गोरा बाजार में दफन किया गया था. अब उनकी कब्र को लेकर विवाद उभर गया है. आरएसएस के पूर्व विस्तारक नीतीश कुमार की ओर से कब्र पर बनी आकृतियों पर आपत्ति जताई गई है. नीतीश कुमार ने प्रभारी मंत्री रविंद्र जायसवाल को पत्र लिखकर इस मसले को संज्ञान में लेने की अपील की है.

आरएसएस से जुड़े नीतीश कुमार ने शिकायती पत्र में लिखा है कि गाजीपुर जनपद के दक्षिण पश्चिम पीजी कॉलेज के ठीक बगल और महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज (हॉस्पिटल) के ठीक सामने स्थित लार्ड कार्नवालिस का मकबरा अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया था. उस मकबरे में जो स्मृति के रूप में प्रतिमा बनी है. उसके ठीक नीचे एक तरफ हिंदू समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे जनेऊ और शिखाधारी ब्राह्मण दूसरी तरफ अल्पसंख्यक समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे. मौलाना को सिर झुका करके दर्शाया गया है, जिससे यह स्पष्ट संदेश जाता है कि भारत के सभी धर्म के लोगों को इन अंग्रेजों ने गुलाम बनाया था.

नीतीश कुमार के अनुसार जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजादी के 75वें अमृत महोत्सव में देश से गुलामी की मानसिकता हटाने की बात कर रहे हैं. उसी क्रम में लार्ड कार्नवालिस के मकबरे पर विचार करते हुए सरकारी दस्तावेजों से बाहर निकालने पर विचार किया जाना चाहिए. नीतीश के अनुसार जनपद पवहारी बाबा, राजा गाधि, महर्षि विश्वामित्र, नागा बाबा और मौनी बाबा के साथ ही जमदग्नि ऋषि के आश्रम के लिए जाना जाता है.


यह भी पढ़ें : हांगकांग के अंतिम ब्रिटिश गवर्नर ने कहा- चीन ने दिया धोखा

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ब्रिटिश गवर्नर लार्ड कार्निवालिस की कब्र को लेकर चिट्ठी लिखने वाले आरएसए कार्यकर्ता नीतीश दुबे. (Video Credit-Etv Bharat)
गाजीपुर : भारत में 1793 ईस्वी में बंगाल में स्थायी बन्दोबस्त के रूप में लार्ड कार्निवालिस ने नई राजस्व पद्धति शुरू की थी. इसके तहत राजस्व के लिए जमींदारों को जमीन का मालिक बनाकर किसानों को अपनी ही जमीन का किराएदार बना दिया गया था. लार्ड कार्निवालिस की मृत्यु भारत में हुई थी. इसके बाद उनका शव गाजीपुर के गोरा बाजार में दफन किया गया था. अब उनकी कब्र को लेकर विवाद उभर गया है. आरएसएस के पूर्व विस्तारक नीतीश कुमार की ओर से कब्र पर बनी आकृतियों पर आपत्ति जताई गई है. नीतीश कुमार ने प्रभारी मंत्री रविंद्र जायसवाल को पत्र लिखकर इस मसले को संज्ञान में लेने की अपील की है.

आरएसएस से जुड़े नीतीश कुमार ने शिकायती पत्र में लिखा है कि गाजीपुर जनपद के दक्षिण पश्चिम पीजी कॉलेज के ठीक बगल और महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज (हॉस्पिटल) के ठीक सामने स्थित लार्ड कार्नवालिस का मकबरा अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया था. उस मकबरे में जो स्मृति के रूप में प्रतिमा बनी है. उसके ठीक नीचे एक तरफ हिंदू समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे जनेऊ और शिखाधारी ब्राह्मण दूसरी तरफ अल्पसंख्यक समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे. मौलाना को सिर झुका करके दर्शाया गया है, जिससे यह स्पष्ट संदेश जाता है कि भारत के सभी धर्म के लोगों को इन अंग्रेजों ने गुलाम बनाया था.

नीतीश कुमार के अनुसार जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजादी के 75वें अमृत महोत्सव में देश से गुलामी की मानसिकता हटाने की बात कर रहे हैं. उसी क्रम में लार्ड कार्नवालिस के मकबरे पर विचार करते हुए सरकारी दस्तावेजों से बाहर निकालने पर विचार किया जाना चाहिए. नीतीश के अनुसार जनपद पवहारी बाबा, राजा गाधि, महर्षि विश्वामित्र, नागा बाबा और मौनी बाबा के साथ ही जमदग्नि ऋषि के आश्रम के लिए जाना जाता है.


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