बागेश्वर: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने इंश्योरेंस कंपनी को बीमा की राशि का एकमुश्त भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही 50 हजार मानसिक उत्पीड़न के रूप में भी देने के लिए कहा है.
घटनाक्रम के मुताबिक, 20 मार्च 2020 को दुग नाकुरी तहसील के किरोली निवासी दिनेश सिंह गड़िया ने जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया. जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी टाटा हिटैची सुपर मशीन का 18 फरवरी 2019 को बीमा कराया. 25 मई 2019 को मशीन जब एनएस कॉर्पोरेशन की खान से खड़िया निकालने के लिए खान सफाई का काम कर रही थी. इसी बीच अचानक ऊपर से बोल्डर गिर गया और आधी मशीन बोल्डरों से दब गई. इससे मशीन को भारी क्षति पहुंची. इसकी सूचना उन्होंने 27 मई 2019 को इंश्योरेंस कंपनी को दी. इसके बाद बीमा कंपनी ने स्वयं के खर्च पर मशीन की मरम्मत करने को कहा. जिसका भुगतान वह बाद में कर देंगे.
कंपनी के कहने के अनुसार उन्होंने 20 लाख रुपए खर्च कर मशीन की मरम्मत की. जब उन्होंने बिल भुगतान के लिए कंपनी में लगाए तो उन्होंने मात्र 8 लाख 50 हजार का क्लेम बनाया, जो न्यायोचित नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें पॉलिसी के अनुसार क्षतिपूर्ति नहीं की गई. उनका आर्थिक के साथ ही मानसिक उत्पीड़न भी हुआ है. मामले में 22 फरवरी 2024 को अंतिम बहस हुई.
पत्रावलियां देखने और गवाहों को सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार जायसवाल, सदस्य रमेश चंद्र सनवाल और हंसी रौतेला ने 24 फरवरी 2024 को फैसला सुनाया. शाखा प्रबंधक इंश्योरेंस कंपनी बागेश्वर को पीड़ित दिनेश गड़िया को 13 लाख 52 हजार 332 रुपए का भुगतान एकमुश्त करने के निर्देश दिए हैं. आदेश का अनुपालन नहीं करने पर 8 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज देना होगा. इसके अलावा 50 हजार रुपये मानसिक वेदना क्षतिपूर्ति और 20 हजार वाद व्यय देने के भी निर्देश दिए हैं.
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