रुद्रप्रयाग: बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिरोबगड़ डेंजर जोन पिछले कई दशकों से रुद्रप्रयाग और चमोली की जनता के साथ चारधाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिये नासूर बना हुआ है. सिरोबगड़ डेंजर जोन की पहाड़ी से बिना बरसात के ही बोल्डर गिरते रहते हैं, जबकि बारिश होने पर यहां घंटों तक आवाजाही बंद हो जाती है. जिससे चारधाम यात्रियों और चमोली व रुद्रप्रयाग की जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में कलियासौड़ बाईपास का निर्माण कार्य किया जा रहा था, लेकिन बीते पांच से छह वर्षों में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है, जबकि इन दिनों बाईपास का निर्माण कार्य बंद पड़ा हुआ है.
सिरोबगड़ की समस्या से निजात दिलाने के लिये ऑल वेदर सड़क परियोजना के तहत पपडासू बाईपास का निर्माण कार्य किया जा रहा है. इस बाईपास पर अलकनंदा नदी पर तीन मोटरपुल बनने हैं, लेकिन अभी तक एक भी पुल नहीं बन पाया है. इस बाईपास पर पुल बनने के बाद आवाजाही कलियासौड़ से सीधे बदरीनाथ हाईवे पर खांखरा से आगे नौगांव में होनी है. वर्ष 2017-18 से अलकनंदा नदी के ऊपर पहले मोटरपुल का निर्माण कार्य चल रहा है. कार्यदायी संस्था ने पुल का ढांचा तो खड़ा कर दिया है, लेकिन इससे आगे की कार्रवाई बंद है.पांच से छह वर्षों में जब एक पुल का निर्माण कार्य नहीं हो पाया है, तो तीन पुल बनने में कई और वर्ष लग सकते हैं. ऐसे में फिलहाल चारधाम यात्रियों और रुद्रप्रयाग समेत चमोली के लोगों को सिरोबगड़ की समस्या से निजात नहीं मिलने वाली है. कार्यदायी संस्था इन दिनों कार्य बंद करके चली गई है. मानसून सीजन भी शुरू हो गया है. ऐसे में इस बार भी सिरोबगड़ डेंजर जोन परेशानी का सबब बनेगा.
पूर्व जिला पंचायत सदस्य आशा डिमरी ने कहा कि सिरोबगड़ डेंजर जोन विगत कई सालों से नासूर बना हुआ है. बरसात के समय सिरोबगड़ की पहाड़ी से लगातार भूस्खलन होता रहता है, जिससे चारधाम तीर्थयात्री और चमोली समेत रुद्रप्रयाग की जनता परेशान रहती है. उन्होंने कहा कि सिरोबगड़ डेंजर जोन के विकल्प के रूप में कलियासौड़ बाईपास का निर्माण कार्य कर रही कार्यदायी संस्था का कुछ अता-पता नहीं है. छह सालों में एक भी पुल बनकर तैयार नहीं हो पाया है.
लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने कहा कि शीघ्र ही बाईपास का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. सिरोबगड़ डेंजर जोन पर हाईवे के दोनों किनारे जेसीबी मशीन तैनात है, जिससे भूस्खलन होने पर हाईवे को त्वरित गति से खोला जाएगा. उन्होंने कहा कि सुरक्षित आवाजाही के लिये हाईवे के दोनों छोरों पर पुलिस और पीआरडी के सुरक्षा जवान भी तैनात किए गए हैं.
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