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स्विटजरलैंड-स्ट्रिया की तरह बदलेगी शिमला की सूरत, यहां जानिए दुनिया के दूसरे सबसे लंबे रोपवे की खूबियां

शिमला में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे बनने जा रहा है. इससे ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी साथ ही शहर की तस्वीर भी बदलेगी.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 13 minutes ago

कॉन्सेप्ट इमेज
शिमला में बनेगा दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे (कॉन्सेप्ट इमेज)

शिमला: ब्रिटिश हुकूमत के समय से ही शिमला देश व दुनिया के सैलानियों का पसंदीदा पर्यटन स्थल रहा है. अब इस शहर की सूरत में स्विट्जरलैंड व आस्ट्रिया की तरह रोपवे की सहूलियत का रंग भी जुड़ जाएगा. शिमला में दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे बनने जा रहा है. इसकी आरंभिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. साथ ही अब न्यू डवलपमेंट बैंक ने इसके एडवांस टेंडर की मंजूरी भी दे दी है. ऐसे में जिज्ञासा है कि शिमला रोपवे की खूबियां क्या-क्या होंगी और इसके आजादी से पहले की देश की समर कैपिटल कैसे बदल जाएगी. ट्रैफिक जाम की समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा. पर्यावरण साफ रखने में मदद मिलेगी और साथ ही सैलानियों के लिए रोपवे की सैर का आकर्षण होगा. यहां क्रमवार जानते हैं कि क्या है पूरा प्रोजेक्ट और इससे शिमला में क्या-क्या बदलाव होंगे.
रोपवे से जुड़ी कुछ खास बातें
1. परियोजना की कुल लागत 1734.40 करोड़ है
2. इसे न्यू डवलपमेंट बैंक यानी एनडीबी और राज्य सरकार के सहयोग से बनाया जाएगा.
3. अस्सी फीसदी फंडिंग एनडीबी की होगी और 20 फीसदी शेयर राज्य सरकार का होगा.
4. ये एशिया का पहला दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे होगा.
5. इस रोपवे की लंबाई 13.79 किलोमीटर होगी, इसे तारादेवी शिमला रोपवे के नाम से जाना जाएगा.
6. इस रोपवे के माध्यम से शिमला व आसपास के 15 स्टेशन जुड़ेंगे.
7. इसके निर्माण का जिम्मा रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डवलपमेंट कॉरपोरेशन का होगा.
8. स्विटजरलैंड व आस्ट्रिया के विशेषज्ञों का मार्गदर्शन भी लिया जाएगा.
9. इस रोपवे पर 2025 के मार्च महीने में काम शुरू करने का लक्ष्य है.
10. इस रोपवे को हिमाचली टच देने के लिए रूट की लाइनों के नाम हिमाचल के राज्य पक्षी मोनाल सहित यहां की पहचान सेब व देवदार के नाम पर रखे जाएंगे.
11. रोपवे के लिए शिमला में 90 चार्जिंग स्टेशन स्थापित होंगे. इनमें से 44 स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं.
12. आरंभ में एक घंटे में तारादेवी से शिमला के लिए एक हजार लोग रोपवे में सफर कर सकेंगे.
13. इसी तरह एक घंटे में एक बार आने व जाने में दो हजार लोग सफर कर सकेंगे.
14. अनुमान है कि रोपवे शिमला के आसपास के 60 किलोमीटर का एरिया कवर करेगा.
15. शिमला को ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी। पीक टूरिस्ट सीजन में जाम की समस्या आम है.
16. रोपवे की ट्राली के ऊपर सोलर पैनल स्थापित किए जाएंगे.
17. शिमला में रोपवे के लिए मां तारादेवी, कोर्ट कॉम्पलेक्स चक्कर, टूटीकंडी पार्किंग एरिया, आईएसबीटी, टनल नंबर 103, रेलवे स्टेशन, विक्ट्री टनल, ओल्ड बस स्टैंड, लक्कड़ बाजार एरिया, आईजीएमसी अस्पताल, संजौली, नवबहार, सचिवालय व लिफ्ट के पास बोर्डिंग एरिया होंगे.
18. दुनिया का सबसे लंबा रोपवे बोलीविया में है, ये 32 किलोमीटर के करीब है.
19. रोपवे में शिमला की आम जनता के लिए किराया साधारण रहेगा.
20. सैलानियों के लिए किराए का स्लैब राज्य सरकार तय करेगी। ये आम जनता से अलग होगा.

13 स्टेशन होंगे स्थापित

पहला स्टेशन तारादेवी में बनेगा. इसके बाद ज्यूडिशियल कॉम्पलेक्स, टूटीकंडी पार्किंग, न्यू ISBT टूटीकंडी, रेलवे स्टेशन, ओल्ड ISBT शिमला, लिफ्ट, सचिवालय छोटा शिमला, नव बहार, संजौली, आईजीएमसी, आइस स्केटिंग रिंक और टनल 103 के नजदीक ये स्टेशन बनेंगे.

परियोजना की कुल लागत 1734.40 करोड़
परियोजना की कुल लागत 1734.40 करोड़ (ETV BHARAT)

शुरुआती चरण में होंगे 222 कैबिन

इसके अलावा शुरुआती चरण में इस सिस्टम में 222 कैबिन लगाए जाएंगे और कंप्लीट स्टेज पर 660 कैबिन होगें. प्रत्येक कैबिन में 8 से 10 लोगों की ले जाने की क्षमता होगी. वहीं, 2 से 3 मिनट के भीतर स्टेशन पर लोगों के लिए कैबिन उपलब्ध हो जाएगा. प्रोजेक्ट पीपीपी मोड पर न्यू डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से बनाया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश सरकार की भी इसमें हिस्सेदारी है और जल्द ही निर्माण की शुरुआत कर दी जाएगी.

कितना होगा किराया?

रोपवे का किराया ज्यादा नहीं होगा. बस किराए के आसपास ही शुल्क होगा. मतलब लोगों को बस किराए में ही रोपवे की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. रोपवे से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही स्थानीय लोगों को भी ट्रैफिक से छुटकारा मिलेगा. शिमला रोपवे मार्ग का कार्य वर्ष 2025 में पहली मार्च से शुरू करने का लक्ष्य है. इस परियोजना में न्यू डेवलपमेंट बैंक यानी एनडीबी की ओर से फैक्ट फाइंडिंग मिशन के तहत इसी साल 2 जून से 10 जून तक निरीक्षण किया जा चुका है. एनडीबी ने कॉन्सेप्ट नोट को इसी साल 12 जुलाई को मंजूरी दी थी.

शिमला शहर को ट्रैफिक से मिलेगी निजात
शिमला शहर को ट्रैफिक से मिलेगी निजात (ETV BHARAT)

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के अनुसार, 'इस रोपवे के बनने से शिमला की पहचान में एक और लैंडमार्क जुड़ जाएगा. राजधानी शिमला में 15 स्टेशनों को आपस में जोड़ने वाला ये देश और एशिया का पहला इतना लंबा रोपवे होगा.' डिप्टी सीएम के पास परिवहन विभाग भी है. राजधानी शिमला में ट्रैफिक जाम की समस्या दूर करने और पर्यटन को बढ़ावा देने में ये रोपवे काम आएगा. डिप्टी सीएम ने अग्रिम टेंडर की मंजूरी मिलने पर खुशी जताई है.

ये भी पढ़ें: शिमला को 1734 करोड़ रुपये की सौगात, दुनिया के दूसरे सबसे लंबे रोपवे के टेंडर को मिली मंजूरी

शिमला: ब्रिटिश हुकूमत के समय से ही शिमला देश व दुनिया के सैलानियों का पसंदीदा पर्यटन स्थल रहा है. अब इस शहर की सूरत में स्विट्जरलैंड व आस्ट्रिया की तरह रोपवे की सहूलियत का रंग भी जुड़ जाएगा. शिमला में दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे बनने जा रहा है. इसकी आरंभिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. साथ ही अब न्यू डवलपमेंट बैंक ने इसके एडवांस टेंडर की मंजूरी भी दे दी है. ऐसे में जिज्ञासा है कि शिमला रोपवे की खूबियां क्या-क्या होंगी और इसके आजादी से पहले की देश की समर कैपिटल कैसे बदल जाएगी. ट्रैफिक जाम की समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा. पर्यावरण साफ रखने में मदद मिलेगी और साथ ही सैलानियों के लिए रोपवे की सैर का आकर्षण होगा. यहां क्रमवार जानते हैं कि क्या है पूरा प्रोजेक्ट और इससे शिमला में क्या-क्या बदलाव होंगे.
रोपवे से जुड़ी कुछ खास बातें
1. परियोजना की कुल लागत 1734.40 करोड़ है
2. इसे न्यू डवलपमेंट बैंक यानी एनडीबी और राज्य सरकार के सहयोग से बनाया जाएगा.
3. अस्सी फीसदी फंडिंग एनडीबी की होगी और 20 फीसदी शेयर राज्य सरकार का होगा.
4. ये एशिया का पहला दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे होगा.
5. इस रोपवे की लंबाई 13.79 किलोमीटर होगी, इसे तारादेवी शिमला रोपवे के नाम से जाना जाएगा.
6. इस रोपवे के माध्यम से शिमला व आसपास के 15 स्टेशन जुड़ेंगे.
7. इसके निर्माण का जिम्मा रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डवलपमेंट कॉरपोरेशन का होगा.
8. स्विटजरलैंड व आस्ट्रिया के विशेषज्ञों का मार्गदर्शन भी लिया जाएगा.
9. इस रोपवे पर 2025 के मार्च महीने में काम शुरू करने का लक्ष्य है.
10. इस रोपवे को हिमाचली टच देने के लिए रूट की लाइनों के नाम हिमाचल के राज्य पक्षी मोनाल सहित यहां की पहचान सेब व देवदार के नाम पर रखे जाएंगे.
11. रोपवे के लिए शिमला में 90 चार्जिंग स्टेशन स्थापित होंगे. इनमें से 44 स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं.
12. आरंभ में एक घंटे में तारादेवी से शिमला के लिए एक हजार लोग रोपवे में सफर कर सकेंगे.
13. इसी तरह एक घंटे में एक बार आने व जाने में दो हजार लोग सफर कर सकेंगे.
14. अनुमान है कि रोपवे शिमला के आसपास के 60 किलोमीटर का एरिया कवर करेगा.
15. शिमला को ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी। पीक टूरिस्ट सीजन में जाम की समस्या आम है.
16. रोपवे की ट्राली के ऊपर सोलर पैनल स्थापित किए जाएंगे.
17. शिमला में रोपवे के लिए मां तारादेवी, कोर्ट कॉम्पलेक्स चक्कर, टूटीकंडी पार्किंग एरिया, आईएसबीटी, टनल नंबर 103, रेलवे स्टेशन, विक्ट्री टनल, ओल्ड बस स्टैंड, लक्कड़ बाजार एरिया, आईजीएमसी अस्पताल, संजौली, नवबहार, सचिवालय व लिफ्ट के पास बोर्डिंग एरिया होंगे.
18. दुनिया का सबसे लंबा रोपवे बोलीविया में है, ये 32 किलोमीटर के करीब है.
19. रोपवे में शिमला की आम जनता के लिए किराया साधारण रहेगा.
20. सैलानियों के लिए किराए का स्लैब राज्य सरकार तय करेगी। ये आम जनता से अलग होगा.

13 स्टेशन होंगे स्थापित

पहला स्टेशन तारादेवी में बनेगा. इसके बाद ज्यूडिशियल कॉम्पलेक्स, टूटीकंडी पार्किंग, न्यू ISBT टूटीकंडी, रेलवे स्टेशन, ओल्ड ISBT शिमला, लिफ्ट, सचिवालय छोटा शिमला, नव बहार, संजौली, आईजीएमसी, आइस स्केटिंग रिंक और टनल 103 के नजदीक ये स्टेशन बनेंगे.

परियोजना की कुल लागत 1734.40 करोड़
परियोजना की कुल लागत 1734.40 करोड़ (ETV BHARAT)

शुरुआती चरण में होंगे 222 कैबिन

इसके अलावा शुरुआती चरण में इस सिस्टम में 222 कैबिन लगाए जाएंगे और कंप्लीट स्टेज पर 660 कैबिन होगें. प्रत्येक कैबिन में 8 से 10 लोगों की ले जाने की क्षमता होगी. वहीं, 2 से 3 मिनट के भीतर स्टेशन पर लोगों के लिए कैबिन उपलब्ध हो जाएगा. प्रोजेक्ट पीपीपी मोड पर न्यू डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से बनाया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश सरकार की भी इसमें हिस्सेदारी है और जल्द ही निर्माण की शुरुआत कर दी जाएगी.

कितना होगा किराया?

रोपवे का किराया ज्यादा नहीं होगा. बस किराए के आसपास ही शुल्क होगा. मतलब लोगों को बस किराए में ही रोपवे की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. रोपवे से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही स्थानीय लोगों को भी ट्रैफिक से छुटकारा मिलेगा. शिमला रोपवे मार्ग का कार्य वर्ष 2025 में पहली मार्च से शुरू करने का लक्ष्य है. इस परियोजना में न्यू डेवलपमेंट बैंक यानी एनडीबी की ओर से फैक्ट फाइंडिंग मिशन के तहत इसी साल 2 जून से 10 जून तक निरीक्षण किया जा चुका है. एनडीबी ने कॉन्सेप्ट नोट को इसी साल 12 जुलाई को मंजूरी दी थी.

शिमला शहर को ट्रैफिक से मिलेगी निजात
शिमला शहर को ट्रैफिक से मिलेगी निजात (ETV BHARAT)

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के अनुसार, 'इस रोपवे के बनने से शिमला की पहचान में एक और लैंडमार्क जुड़ जाएगा. राजधानी शिमला में 15 स्टेशनों को आपस में जोड़ने वाला ये देश और एशिया का पहला इतना लंबा रोपवे होगा.' डिप्टी सीएम के पास परिवहन विभाग भी है. राजधानी शिमला में ट्रैफिक जाम की समस्या दूर करने और पर्यटन को बढ़ावा देने में ये रोपवे काम आएगा. डिप्टी सीएम ने अग्रिम टेंडर की मंजूरी मिलने पर खुशी जताई है.

ये भी पढ़ें: शिमला को 1734 करोड़ रुपये की सौगात, दुनिया के दूसरे सबसे लंबे रोपवे के टेंडर को मिली मंजूरी

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