भिलाई : ठग इंसानों को ठगने के लिए रोज नए-नए तरीके निकालते हैं.लेकिन कई बार जागरुक लोग भी ठगों के झांसे में आकर मोटी रकम गवां बैठते हैं.ऐसा ही मामला भिलाई में सामने आया.जहां कांग्रेस की महिला नेता गुरमीत कौर धनई को नेहरु नगर निवासी श्रेयस जैन ने खुद को फाइनेंसर एडवाइजर बताकर तीन माह में रकम दोगुनी करने का झांसा दिया.इसके बाद शातिर ने महिला से पैसे लेकर उसे आईपीओ में इन्वेस्ट करने की बात कही.श्रेयस की बातों में आकर गुरमीत कौर धनई ने श्रेयस को पैसे दे दिए.लेकिन श्रेयस ने महिला के साथ ठगी कर ली.
कैसे की ठगी : स्टील कॉलोनी निवासी कांग्रेस नेत्री गुरमीत कौर धनई की शिकायत पर नेहरू नगर निवासी श्रेयस जैन के खिलाफ प्राथमिकी की गई है. कुछ महीने पहले कांग्रेस नेत्री की मुलाकात श्रेयस से हुई थी.श्रेयस ने बताया कि यदि वो अपने पैसों को आईपीओ में निवेश करती हैं तो कुछ ही महीनों में दोगुना फायदा होगा. गुरमीत ने पति की मौत के बाद मिले रुपयों और अपनी सारी जमापूंजी को श्रेयस को सौंप दिया.श्रेयस को तीन किस्तों में अक्टूबर से नवंबर 2023 के बीच 56 लाख रुपए दे दिए.
तीन महीने बाद हुआ ठगी का अहसास : तीन महीने बीतने के बाद कांग्रेस की महिला नेता ने श्रेयस से रुपयों के बारे में पूछा.श्रेयस ने आइपीओ शेयर में निवेश किए जाने की जानकारी देते हुए जल्द ही रुपये देने की बात कही. इसके बाद भी जब पैसे वापस नहीं हुए तो गुरमीत ने आरोपी के पिता संजय से मुलाकात की.पिता ने भी दो चार दिन में पैसे देने की बात कही.लेकिन इसके बाद श्रेयस ने गुरमीत का फोन उठाना बंद कर दिया.जिसके बाद पीड़िता ने ठगी का एहसास होने पर सुपेला थाने में शिकायत दर्ज कराई.
''आईपीओ में निवेश करने के नाम पर महिला के साथ 56 लाख की ठगी की गई है.तीन महीने बाद जब महिला ने अपने पैसे मांगे तो नेहरू नगर निवासी आरोपी ने घुमाना शुरु किया. पैसे जब नहीं मिले तो महिला ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है.जिसकी जांच पुलिस कर रही है.'' राजेश मिश्रा, सुपेला टीआई
महादेव सट्टा के आरोपी को उत्तराखंड पुलिस ने दबोचा : वहीं दूसरे मामले में उत्तराखंड पुलिस ने भिलाई के युवक को अरेस्ट किया है. आरोपी के खिलाफ पुलिस ने धारा 420,120 बी, 66 डी आईटी एक्ट के तहत जुर्म दर्ज किया है. छावनी प्रभारी चेतन सिंह चन्द्राकर के मुताबिक उत्तराखंड पुलिस छावनी थाना पहुंची. इसके बाद वारंटी के छावनी एरिया में होने की जानकारी दी. इसके बाद बसंत टॉकीज के पास रहने वाले राजू बाघ को पकड़कर उत्तराखंड पुलिस को सौंपा गया. राजू महादेव सट्टा गिरोह के अकाउंट्स का काम देखता था.