देहरादून: उत्तराखंड में 5 फरवरी से विधानसभा सत्र आहूत होने जा रहा है. तय कार्यक्रम के अनुसार 8 फरवरी तक सदन की कार्यवाही चलेगी. दरअसल, विधानसभा सत्र आहूत किए जाने की मुख्य वजह सदन के भीतर यूनिफॉर्म सिविल कोड को पारित करना है. दरअसल, पहले भी राज्य सरकार इस बात को कह चुकी है कि जल्द ही उच्च का मसौदा राज्य सरकार को मिल जाएगा. उसके बाद उसे सदन के पटल पर रखकर प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा. वहीं, सीएम धामी की ओर से बताया गया है कि आगामी 2 फरवरी को ड्राफ्ट कमेटी सरकार को मसौदा सौंपेगी जिसके बाद उसे सदन में रखा जाएगा.
यूसीसी ड्राफ्ट पर कांग्रेस की निगाह: कांग्रेस का कहना है कि यूसीसी का मसौदा उन्हें मिलने के बाद सदन के भीतर विपक्ष चर्चा करेगी. साथ ही सदन की कार्रवाई के दौरान सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के पास तमाम मुद्दे हैं. गौर हो कि, उत्तराखंड में जब से यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की कवायद तेज है तब से ही लगातार यूसीसी चर्चाओं का विषय बना हुआ है. शुरुआती दौर में जब यूसीसी को प्रदेश में लागू करने का मामला सामने आया था, उस दौरान तमाम संगठनों ने इसके प्रारूप को लेकर सवाल उठाए थे. इसके बाद जब यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने लोगों से सुझाव लेने शुरू किया तो उसे दौरान भी विरोध जैसी तमाम बातें निकलकर सामने आई.
घोषणा के बाद से ही चर्चाओं में रहा UCC मुद्दा: इसके अलावा, कभी यूनिफॉर्म सिविल कोड के ड्राफ्ट के मिलने की संभावना चर्चाओं का विषय रही तो कभी मसौदा तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल बढ़ाए जाने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा. ऐसे में पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड का मामला चर्चाओं का विषय बना हुआ है.
-
इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, जिसमें विस्तृत रूप से सुझावों और विचारों को आमंत्रित किया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। जिसे समिति 2 फरवरी, 2024 को प्रदेश सरकार को सौंपेगी।#UCCInUttarakhand
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) January 29, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, जिसमें विस्तृत रूप से सुझावों और विचारों को आमंत्रित किया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। जिसे समिति 2 फरवरी, 2024 को प्रदेश सरकार को सौंपेगी।#UCCInUttarakhand
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) January 29, 2024इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, जिसमें विस्तृत रूप से सुझावों और विचारों को आमंत्रित किया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। जिसे समिति 2 फरवरी, 2024 को प्रदेश सरकार को सौंपेगी।#UCCInUttarakhand
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) January 29, 2024
लगातार बढ़ाया गया कार्यकाल: दरअसल, यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल 26 जनवरी को पूरा हो रहा था, उसे ठीक एक दिन पहले यानी 25 जनवरी को उत्तराखंड सरकार ने अगले 15 दिन के लिए बढ़ा दिया है. यही नहीं, 25 जनवरी को समिति का कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद ही विधानसभा सचिवालय ने 5 फरवरी से विधानसभा सत्र आहूत करने का आदेश भी जारी कर दिया है. ऐसे में इस विधानसभा सत्र के दौरान यूसीसी का मसौदा सदन में पारित किया जाएगा.
5 फरवरी से विधानसभा सत्र आहूत होने और यूसीसी पारित होने के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार ने 5 से 8 फरवरी तक सत्र आहूत किया है, ऐसे में देखते है कि इसके एजेंडे क्या होते हैं. उसके बाद ही वो अपनी बात को रखेंगे. लेकिन अगर सरकार कुछ भी थोपने का काम करेगी तो विपक्ष सवाल उठाएगा. साथ ही यूसीसी पर कहा कि प्रदेश में तमाम धर्म और जाति के लोग रहते हैं, उसका रहन-सहन अलग-अलग है. ऐसे में जब यूसीसी का मसौदा सामने होगा, तब उस पर विस्तृत रूप से विपक्ष चर्चा करेगा. साथ ही कहा कि विपक्ष के पास मुद्दे हैं, जिसके जरिए सत्र के दौरान सरकार को घेरेंगे.
इसे भी पढ़ें-