नई दिल्ली: दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर चुनाव आगामी 25 मई को होने जा रहे हैं. चुनावों से पहले कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है लेकिन अब पार्टी ने इसको थामने और पीछे छोड़कर आगे बढ़ने की कवायद तेज कर दी है. कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट, पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह और डॉ. सीपी जोशी को दिल्ली की तीन लोकसभा सीटों पर बड़ी जिम्मेदारी देते हुए आब्जर्वर नियुक्त किया है. सचिन पायलट को नॉर्थ ईस्ट लोकसभा क्षेत्र का ऑब्जर्वर नियुक्त किया है. हालांकि, पार्टी ने उन नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, जो कि खुद के राज्यों में वर्चस्व की लड़ाई लड़ते रहे हैं.
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए इस दिशा में काम करने के निर्देश भी दिए हैं. इन सभी नियुक्तियों को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे की मंजूरी दी गई है. नॉर्थ ईस्ट के अलावा नॉर्थ वेस्ट और चांदनी चौक सीट पर ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं. नॉर्थ वेस्ट संसदीय क्षेत्र (एससी) पर चौधरी बीरेंद्र सिंह को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है जबकि राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रहे कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता डॉ. सीपी जोशी को चांदनी चौक लोकसभा सीट का ऑब्जर्वर बनाया गया है.
इस बीच देखा जाए तो दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. इंडिया गठबंधन के सीट शेयरिंग फॉर्म्युला के तहत कांग्रेस ने तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. नॉर्थ ईस्ट, नॉर्थ वेस्ट और चांदनी चौक सीट प्रमुख रूप से शामिल हैं. नॉर्थ ईस्ट लोकसभा सीट से कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, नॉर्थ वेस्ट (एससी) सीट से डॉ. उदित राज को टिकट दिया गया है. कांग्रेस के बुजुर्ग नेता जेपी अग्रवाल पर एक बार फिर दांव लगाते हुए पार्टी ने उनको चुनावी मैदान में उतारा हुआ है. तीनों प्रत्याशियों की ओर से नामांकन पर्चे दाखिल किए जा चुके हैं.
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लवली, चौहान समेत कई नेता छोड़ चुके कांग्रेस: बताते चलें कि दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर नामांकन प्रक्रिया कल सोमवार को समाप्त हो गई है. इसके बाद आज मंगलवार को नामांकन जांच का कार्य किया जाएगा. वहीं, नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 9 मई है. नामांकन दाखिल करने से पहले कांग्रेस पार्टी में कन्हैया कुमार और उदित राज की सीट को लेकर नेताओं में बड़ी नाराजगी खुलकर सामने आई है. इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अरविंदर सिंह लवली ने इस नाराजगी के बीच पद और पार्टी दोनों को ही छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली है. दिल्ली के पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान के अलावा पूर्व विधायक नसीब सिंह और नीरज बसौया भी कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अमित मलिक भी बीजेपी में चले गए हैं.
कन्हैया व उदित राज की सीट पर है सबसे ज्यादा नाराजगी: इस सब राजनीतिक उथल पुथल के बीच अब नामांकन पर्चा दाखिल करने के बाद अब पार्टी चुनाव को मजबूती से लड़ने की रणनीति बनाने में जुट गई है. कांग्रेस में और बगावत पैदा नहीं हो इसको लेकर कई बड़े नेताओं को इन तीनों सीटों पर ऑब्जर्वर के तौर पर नियुक्त किया गया है. सचिन पायलट की युवाओं के बीच में एक अच्छी पकड़ मानी जाती है. वह राहुल गांधी के काफी करीबी नेताओं में माने जाते हैं. नॉर्थ ईस्ट सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार भी राहुल गांधी के करीबी नेता बन चुके हैं. वह कांग्रेस की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं. कन्हैया कुमार की सीट पर सबसे ज्यादा असंतोष बना हुआ है. इस सभी को थामते हुए अब चुनाव में आगे बढ़ने की रणनीति पर काम किया जा रहा है.
हाल में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए थे चौधरी बीरेंद्र सिंह: इसके अलावा चौधरी बीरेंद्र सिंह को डॉ. उदित राज की नॉर्थ वेस्ट सीट पर ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है. बीरेंद्र सिंह कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और हरियाणा के बड़े चेहरे के रूप में भी जाने जाते हैं. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में चौधरी बीरेंद्र सिंह केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं लेकिन इस बार वह हाल ही में बीजेपी छोड़कर फिर से कांग्रेस में आ गए हैं. इसके बाद उनको यह बड़ी जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में दी है. हालांकि, उनके बेटे को कांग्रेस ने हरियाणा की किसी सीट से टिकट नहीं दी है. राजस्थान के बड़े चेहरे और कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में डॉ. सीपी जोशी का नाम शामिल है. उनको पार्टी ने चांदनी चौक लोकसभा सीट की जिम्मेदारी दी है. हालांकि, जेपी अग्रवाल को टिकट देने को लेकर कार्यकर्ताओं में कोई नाराजगी नहीं है. इस बार वह 80 साल की उम्र में लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
इन चार सीटों पर लड़ रही आम आदमी पार्टी: दिल्ली की सात सीटों में से आम आदमी पार्टी जिन चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है उनमें ईस्ट दिल्ली, वेस्ट दिल्ली, नई दिल्ली और साउथ दिल्ली लोकसभा सीट प्रमुख रूप से शामिल हैं. वेस्ट दिल्ली से कांग्रेस के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, बाकी तीन सीटों पर आप पार्टी ने अपने तीन मौजूदा विधायकों को लोकसभा टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है.
सचिन पायलट और चौधरी बीरेंद्र सिंह कांग्रेस के उन नेताओं में भी शुमार रहे हैं जिनकी अपने गृह राज्यों की कांग्रेस सरकार में हमेशा टकराव की राजनीति चरम पर रही है. सचिन पायलट भले ही गहलोत सरकार में डिप्टी सीएम रहे थे लेकिन उनका पूर्व सीएम अशोक गहलोत के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा. इस तरह से हरियाणा के कद्दावर नेता माने जाने वाले बुजुर्ग नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार में टकराव रहा. दोनों नेताओं के बीच सूबे में वर्चस्व की लड़ाई रही. वहीं, अब इन नेताओं को कांग्रेस में उठे राजनीतिक घमासान के बीच दिल्ली चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
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