शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की समीक्षा होगी. प्रदेश में 4 जून को घोषित हुए चुनाव परिणामों में सत्ता पर काबिज होने पर भी लोकसभा की चारों सीटों पर कांग्रेस की करारी हार हुई है. ऐसे में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रदेश में लोकसभा चुनाव में हार के कारणों का पता लगाने के लिए दो सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की है. जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया और रजनी पाटिल को हार के कारणों की समीक्षा करने का जिम्मा सौंपा गया है. जो अब जल्द ही प्रदेश के दौरे पर आ सकते हैं. इस दौरान वे चारों लोकसभा क्षेत्रों में जाकर आम लोगों और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.
सत्ता में होने पर भी कांग्रेस का रहा खराब प्रदर्शन
हिमाचल में साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था. पार्टी ने 40 सीटें जीतकर रिवाज बदलने का दावा करने वाली भाजपा की जयराम सरकार को सत्ता से बाहर किया था. ऐसे में कांग्रेस की सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार बनीं और पार्टी के सत्ता में आने पर 18 महीने में ही 16 मार्च को लोकसभा सहित विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हो गया. इस तरह से सत्ता में होने पर हाईकमान को हिमाचल की चारों लोकसभा सीटों पर इंडी गठबंधन से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस लोकसभा की चारों सीटें हार गई.
चारों लोकसभा सीटों पर देखना पड़ा हार का मुंह
यहां तक कि हिमाचल के छह बार मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के पुत्र पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत से 74,755 मतों के अंतर से चुनाव हार गए. इसी तरह से कांगड़ा सीट पर कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर के बड़े चेहरे आनंद शर्मा पर दांव खेला था, जो पार्टी के लिए उल्टा पड़ गया. हिमाचल की कांगड़ा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा सबसे अधिक 2,51,895 मतों के अंतर से चुनाव हारे हैं. वहीं, कांग्रेस का गढ़ मानी जा रही शिमला संसदीय सीट पर भी कांग्रेस के उम्मीदवार विनोद सुल्तानपुरी 91,451 मतों के अंतर से चुनाव में पिछड़ गए. इसी तरह से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के गृह संसदीय सीट पर भी कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा को भी 1,82,357 मतों के अंतर चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा.
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