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IIT दिल्ली में बीते सालों से कम रहा इस बार कैंपस प्लेसमेंट, आत्महत्याओं को देखते हुए घटाया गया CGPA - Campus Placements in IIT Delhi

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 8, 2024, 5:37 PM IST

Updated : Aug 9, 2024, 9:23 AM IST

आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर ने बताया कि बीते सालों से इस बार कैंपस प्लेसमेंट कम रहा. यह चिंता का विषय नहीं है. वहीं आत्महत्याओं को देखते हुए आईआईटी दिल्ली ने डिग्री प्राप्त करने के सीजीपीए को कम कर दिया है.

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आईआईटी दिल्ली में कैंपस प्लेसमेंट (ETV Bharat)

नई दिल्ली: आईआईटी दिल्ली में एनुअल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें कन्वोकेशन को लेकर जानकारी दी गई. कॉन्फ्रेंस में आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर रंजन बनर्जी सहित कई फ्रोफेसर मौजूद रहे. इस दौरान आईआईटी के डायरेक्टर ने बताया कि इस कैंपस में ग्रेजुएशन और पीएचडी के छात्रों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. वहीं, रिसर्च को लेकर कहा कि देश और दुनिया की कई संस्थान आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर कई चीजों पर रिसर्च कर रही है.

आईआईटी दिल्ली में कैंपस प्लेसमेंट (ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि आईआईटी दिल्ली ने बीते दिनों बारिश के कारण जो बाढ़ की स्थिति पैदा हुई, उससे आईआईटी केंपस भी अछूता नहीं था. कैंपस में भी बारिश के पानी के कारण जल जमाव से भारी नुकसान हुआ था. हालांकि, प्रशासन ने इस तरह की बारिश को संभावना से परे बताया. इसके लिए किसी भी तरह की तैयारी कम पड़ती है. दिल्ली में बारिश को देखते हुए आईआईटी ने एक कमेटी बनाई है कि आने वाले दिनों में अगर फिर ऐसे हालात होते हैं तो उसके लिए क्या उपाय करने चाहिए. उस पर कमेटी काम कर रही है.

कैंपस में छात्रों के आत्महत्या के मामले पर प्रोफेशोर रंजन बनर्जी ने कहा कि कैंपस के अंदर आत्महत्या की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने कई कमेटी बनाए हैं. साथ ही फैकल्टी और छात्रों के बीच रिश्ते सौहार्द पूर्ण हो इसके लिए भी काम किया जा रहा है. अगर किसी छात्र की मानसिक हालत ठीक नहीं है तो वैसे बच्चों के लिए काउंसलिंग की भी सुविधा की गई है.

रंजन बनर्जी ने कहा कि बीते सालों की तरह इस साल भी आईआईटी दिल्ली हर क्षेत्र में काफी अच्छा कर रही है. कैंपस प्लेसमेंट को लेकर कहा कि बीते सालों के मुकाबले इस साल कम हुआ. लेकिन यह कोई चिंता का विषय नहीं है. थोड़ा कम या ज्यादा प्लेसमेंट होने से आईआईटी के प्लेसमेंट नीति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. यहां से पढ़कर या रिसर्च कर निकलने वाले छात्रों का भविष्य उज्जवल ही रहता है. भले ही उन्हें कैंपस से नौकरी ना मिले, लेकिन वह कैंपस से बाहर जाकर अच्छा करते हैं.

चार सीजीपीए लाने पर भी डिग्री देगा आईआईटी दिल्ली: वहीं आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए आईआईटी दिल्ली ने अब डिग्री प्राप्त करने के लिए क्राइटेरिया को पांच सीजीपीए से घटाकर चार सीजीपीए कर दिया है. आईआईटी ने यह कदम छात्रों पर दबाव को कम करने के लिए उठाया है. पिछले एक साल में आईआईटी दिल्ली के चार छात्रों ने आत्महत्या की है, जिसकी वजह से यह निर्णय लिया गया है. अब चार सीजीपीए (डी ग्रेड) प्राप्त करने के बाद भी छात्र डिग्री हासिल कर सकेंगे. आईआईटी के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने बताया कि पहले छात्रों को हर सेमेस्टर में औसतन 5 सीजीपीए के साथ पास करने की अनिवार्यता थी. बीटेक की डिग्री के दौरान 4 साल में पांच सीजीपीए लाना आवश्यक होता था. इसके बिना डिग्री पूरी नहीं होती थी. अब इस बाध्यता को खत्म कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: ब्रेन कैंसर के इलाज पर काम कर रहे IIT दिल्ली के वैज्ञानिकों को प्री-क्लीनिकल ट्रायल में दिखी उम्मीद की किरण, जानें इसके बारे में

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नई दिल्ली: आईआईटी दिल्ली में एनुअल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें कन्वोकेशन को लेकर जानकारी दी गई. कॉन्फ्रेंस में आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर रंजन बनर्जी सहित कई फ्रोफेसर मौजूद रहे. इस दौरान आईआईटी के डायरेक्टर ने बताया कि इस कैंपस में ग्रेजुएशन और पीएचडी के छात्रों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. वहीं, रिसर्च को लेकर कहा कि देश और दुनिया की कई संस्थान आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर कई चीजों पर रिसर्च कर रही है.

आईआईटी दिल्ली में कैंपस प्लेसमेंट (ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि आईआईटी दिल्ली ने बीते दिनों बारिश के कारण जो बाढ़ की स्थिति पैदा हुई, उससे आईआईटी केंपस भी अछूता नहीं था. कैंपस में भी बारिश के पानी के कारण जल जमाव से भारी नुकसान हुआ था. हालांकि, प्रशासन ने इस तरह की बारिश को संभावना से परे बताया. इसके लिए किसी भी तरह की तैयारी कम पड़ती है. दिल्ली में बारिश को देखते हुए आईआईटी ने एक कमेटी बनाई है कि आने वाले दिनों में अगर फिर ऐसे हालात होते हैं तो उसके लिए क्या उपाय करने चाहिए. उस पर कमेटी काम कर रही है.

कैंपस में छात्रों के आत्महत्या के मामले पर प्रोफेशोर रंजन बनर्जी ने कहा कि कैंपस के अंदर आत्महत्या की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने कई कमेटी बनाए हैं. साथ ही फैकल्टी और छात्रों के बीच रिश्ते सौहार्द पूर्ण हो इसके लिए भी काम किया जा रहा है. अगर किसी छात्र की मानसिक हालत ठीक नहीं है तो वैसे बच्चों के लिए काउंसलिंग की भी सुविधा की गई है.

रंजन बनर्जी ने कहा कि बीते सालों की तरह इस साल भी आईआईटी दिल्ली हर क्षेत्र में काफी अच्छा कर रही है. कैंपस प्लेसमेंट को लेकर कहा कि बीते सालों के मुकाबले इस साल कम हुआ. लेकिन यह कोई चिंता का विषय नहीं है. थोड़ा कम या ज्यादा प्लेसमेंट होने से आईआईटी के प्लेसमेंट नीति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. यहां से पढ़कर या रिसर्च कर निकलने वाले छात्रों का भविष्य उज्जवल ही रहता है. भले ही उन्हें कैंपस से नौकरी ना मिले, लेकिन वह कैंपस से बाहर जाकर अच्छा करते हैं.

चार सीजीपीए लाने पर भी डिग्री देगा आईआईटी दिल्ली: वहीं आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए आईआईटी दिल्ली ने अब डिग्री प्राप्त करने के लिए क्राइटेरिया को पांच सीजीपीए से घटाकर चार सीजीपीए कर दिया है. आईआईटी ने यह कदम छात्रों पर दबाव को कम करने के लिए उठाया है. पिछले एक साल में आईआईटी दिल्ली के चार छात्रों ने आत्महत्या की है, जिसकी वजह से यह निर्णय लिया गया है. अब चार सीजीपीए (डी ग्रेड) प्राप्त करने के बाद भी छात्र डिग्री हासिल कर सकेंगे. आईआईटी के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने बताया कि पहले छात्रों को हर सेमेस्टर में औसतन 5 सीजीपीए के साथ पास करने की अनिवार्यता थी. बीटेक की डिग्री के दौरान 4 साल में पांच सीजीपीए लाना आवश्यक होता था. इसके बिना डिग्री पूरी नहीं होती थी. अब इस बाध्यता को खत्म कर दिया गया है.

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Last Updated : Aug 9, 2024, 9:23 AM IST
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