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26 जून को ही कोचिंग के खिलाफ हुई थी कंप्लेन, दो रिमाइंडर पर भी नहीं हुई कार्रवाई, जानिए लापरवाही की कहानी - Delhi Coaching Center Accident

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 28, 2024, 10:59 PM IST

Delhi Coaching Incident: दिल्ली कोचिंग सेंटर में हुए हादसे में लापरवाही हर स्तर पर सामने आने लगी है. बताया जा रहा है कि कोचिंग के खिलाफ शिकायत 26 जून को ही हुई थी, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया. कोई कार्रवाई नहीं हुई. पढ़ें पूरी खबर

कंप्लेन के दिन ही हुए थे सस्पेंड.
कंप्लेन के दिन ही हुए थे सस्पेंड. (फाइल फोटो)

नई द‍िल्‍लीः द‍िल्‍ली के ओल्‍ड राजेंद्र नगर, करोल बाग के 'राऊ आईएएस स्‍टडी सर्कल' के बेसमेंट में अवैध तरीके से चल रही 'लाईब्रेरी' में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत ने सभी को हिलाकर रख द‍िया है. कोच‍िंग सेंटर में तीन बच्‍चों की मौत के मामले में द‍िल्‍ली पुल‍िस की ओर से दर्ज एफआईआर में भी ज‍िक्र क‍िया गया है क‍ि संस्‍थान के पास लाईब्रेरी की अनुमत‍ि के कोई कागजात नहीं हैं. अवैध तरीके से चल रही लाइब्रेरी की एक कंप्लेंट 26 जून को द‍िल्‍ली सरकार के जन श‍िकायत आयोग (PGC) में की गई थी. शिकायतकर्ता ने दो बार रिमाइंडर भी भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

18 जुलाई को शिकायतकर्ता ने भेजा था रिमाइंडर.
18 जुलाई को शिकायतकर्ता ने भेजा था रिमाइंडर. (ETV Bharat)

इस पर कार्रवाई करने के ल‍िए आयोग ने द‍िल्‍ली नगर न‍िगम (MCD) के करोल बाग जोन के ब‍िल्‍ड‍िंग व‍िभाग के एग्‍जीक्‍यूट‍िव इंजीन‍ियर कुमार महेंद्र को ज‍िम्‍मा सौंपा था. गौर करने वाली बात यह है क‍ि ज‍िस द‍िन यह कंप्‍लेंट र‍िसीव हुई थी उस द‍िन न‍िगम अध‍िकारी को कम‍िश्‍नर अश्‍व‍िनी कुमार ने सस्‍पेंड कर द‍िया था. इस बीच देखा जाए तो राजेंद्र नगर के ज‍िस कोच‍िंग सेंटर में बीते द‍िवस शन‍िवार को जो हादसा हुआ है, उसको लेकर किशोर सिंह कुशवाहा नाम के शख्‍स की तरफ से द‍िल्‍ली सरकार का कंप्‍लेंट कर अंदेशा जताया गया था.

26 जून को जन शिकायत आयोग ने मामले पर कार्रवाई का दिया था आदेश.
26 जून को जन शिकायत आयोग ने मामले पर कार्रवाई का दिया था आदेश. (ETV Bharat)

एक महीना पहले अनहोनी की जताई थी आशंकाः जन श‍िकायत आयोग को गत 26 जून को ऑनलाइन कंप्‍लेंट फाइल कर कुशवाहा ने कहा था क‍ि वो करोल बाग का रहने वाला है और राऊ आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में ब‍िना अनुमति और एनओसी के क्लास रूम का संचालन किया जा रहा है. इस सेंटर में चलने वाली टेस्‍ट कक्षाओं पर भी सवाल खड़े करते हुए छात्रों एवं स्टाफ दोनों की ज‍िंदगी के साथ खतरा पैदा करने वाला बताया था. साथ ही क‍िसी बड़ी दुर्घटना होने की संभावना जताई थी. कई और भी गंभीर आरोप लगाते हुए अवैध जगह पर कक्षा संचालित करने वाले बड़े-बड़े यूपीएससी कोचिंग संस्थानों के ख‍िलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह क‍िया था.

शिकायत के बाद 26 जून को अधिकारी को दिया गया था कार्रवाई का आदेश.
शिकायत के बाद 26 जून को अधिकारी को दिया गया था कार्रवाई का आदेश. (ETV Bharat)

अधिकारी की दोबारा नहीं हुई नियुक्तिः सरकार ने इस शिकायत पर 'डेट ऑफ एक्शन' के रूप में 18 जुलाई, 2024 भी निर्धारित की और करोल बाग के बिल्डिंग विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर कुमार महेंद्र को नियुक्त किया गया, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई. इस पर शिकायतकर्ता ने स्‍टूडेंट सेफ्टी का हवाला देते हुए दो रिमाइंडर क्रमश: 15 जुलाई और 22 जुलाई करवाया, उस पर भी कुछ नहीं हुआ.

द‍िलचस्‍प बात है क‍ि द‍िल्‍ली सरकार की पीजीसी ने ज‍िस न‍िगम अध‍िकारी को कोच‍िंग सेंटर की म‍िली श‍िकायत पर कार्रवाई करने को न‍िर्देश‍ित क‍िया था, उस अध‍िकारी को 26 जून को ही एमसीडी कम‍िश्‍नर अश्‍व‍िनी कुमार ने अनुशासनात्मक कार्यवाही के चलते तत्‍काल प्रभाव से न‍िलंब‍ित कर द‍िया था. अब सवाल यह उठता है क‍ि अगर पीजीसी की ओर से न‍ियुक्‍त अध‍िकारी को कंप्‍लेंट पर कार्रवाई करने से पहले एमसीडी कम‍िश्‍नर ने न‍िलंब‍ित कर द‍िया तो दूसरे अध‍िकारी को इसकी ज‍िम्‍मेदारी क्यों नहीं सौंपी गई, जबकि 22 जुलाई तक शिकायत पर दो र‍िमाइंडर भी भेजा गया था. और 27 जुलाई को तीन मासूम छात्रों की मौत बेसमेंट में भरे पानी में डूब जाने से हो गई.

यह भी पढ़ेंः जानिए, दिल्ली के कोचिंग सेंटर में जान गंवाने वाले कौन हैं तीनों UPSC स्टूडेंट्स?

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नई द‍िल्‍लीः द‍िल्‍ली के ओल्‍ड राजेंद्र नगर, करोल बाग के 'राऊ आईएएस स्‍टडी सर्कल' के बेसमेंट में अवैध तरीके से चल रही 'लाईब्रेरी' में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत ने सभी को हिलाकर रख द‍िया है. कोच‍िंग सेंटर में तीन बच्‍चों की मौत के मामले में द‍िल्‍ली पुल‍िस की ओर से दर्ज एफआईआर में भी ज‍िक्र क‍िया गया है क‍ि संस्‍थान के पास लाईब्रेरी की अनुमत‍ि के कोई कागजात नहीं हैं. अवैध तरीके से चल रही लाइब्रेरी की एक कंप्लेंट 26 जून को द‍िल्‍ली सरकार के जन श‍िकायत आयोग (PGC) में की गई थी. शिकायतकर्ता ने दो बार रिमाइंडर भी भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

18 जुलाई को शिकायतकर्ता ने भेजा था रिमाइंडर.
18 जुलाई को शिकायतकर्ता ने भेजा था रिमाइंडर. (ETV Bharat)

इस पर कार्रवाई करने के ल‍िए आयोग ने द‍िल्‍ली नगर न‍िगम (MCD) के करोल बाग जोन के ब‍िल्‍ड‍िंग व‍िभाग के एग्‍जीक्‍यूट‍िव इंजीन‍ियर कुमार महेंद्र को ज‍िम्‍मा सौंपा था. गौर करने वाली बात यह है क‍ि ज‍िस द‍िन यह कंप्‍लेंट र‍िसीव हुई थी उस द‍िन न‍िगम अध‍िकारी को कम‍िश्‍नर अश्‍व‍िनी कुमार ने सस्‍पेंड कर द‍िया था. इस बीच देखा जाए तो राजेंद्र नगर के ज‍िस कोच‍िंग सेंटर में बीते द‍िवस शन‍िवार को जो हादसा हुआ है, उसको लेकर किशोर सिंह कुशवाहा नाम के शख्‍स की तरफ से द‍िल्‍ली सरकार का कंप्‍लेंट कर अंदेशा जताया गया था.

26 जून को जन शिकायत आयोग ने मामले पर कार्रवाई का दिया था आदेश.
26 जून को जन शिकायत आयोग ने मामले पर कार्रवाई का दिया था आदेश. (ETV Bharat)

एक महीना पहले अनहोनी की जताई थी आशंकाः जन श‍िकायत आयोग को गत 26 जून को ऑनलाइन कंप्‍लेंट फाइल कर कुशवाहा ने कहा था क‍ि वो करोल बाग का रहने वाला है और राऊ आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में ब‍िना अनुमति और एनओसी के क्लास रूम का संचालन किया जा रहा है. इस सेंटर में चलने वाली टेस्‍ट कक्षाओं पर भी सवाल खड़े करते हुए छात्रों एवं स्टाफ दोनों की ज‍िंदगी के साथ खतरा पैदा करने वाला बताया था. साथ ही क‍िसी बड़ी दुर्घटना होने की संभावना जताई थी. कई और भी गंभीर आरोप लगाते हुए अवैध जगह पर कक्षा संचालित करने वाले बड़े-बड़े यूपीएससी कोचिंग संस्थानों के ख‍िलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह क‍िया था.

शिकायत के बाद 26 जून को अधिकारी को दिया गया था कार्रवाई का आदेश.
शिकायत के बाद 26 जून को अधिकारी को दिया गया था कार्रवाई का आदेश. (ETV Bharat)

अधिकारी की दोबारा नहीं हुई नियुक्तिः सरकार ने इस शिकायत पर 'डेट ऑफ एक्शन' के रूप में 18 जुलाई, 2024 भी निर्धारित की और करोल बाग के बिल्डिंग विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर कुमार महेंद्र को नियुक्त किया गया, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई. इस पर शिकायतकर्ता ने स्‍टूडेंट सेफ्टी का हवाला देते हुए दो रिमाइंडर क्रमश: 15 जुलाई और 22 जुलाई करवाया, उस पर भी कुछ नहीं हुआ.

द‍िलचस्‍प बात है क‍ि द‍िल्‍ली सरकार की पीजीसी ने ज‍िस न‍िगम अध‍िकारी को कोच‍िंग सेंटर की म‍िली श‍िकायत पर कार्रवाई करने को न‍िर्देश‍ित क‍िया था, उस अध‍िकारी को 26 जून को ही एमसीडी कम‍िश्‍नर अश्‍व‍िनी कुमार ने अनुशासनात्मक कार्यवाही के चलते तत्‍काल प्रभाव से न‍िलंब‍ित कर द‍िया था. अब सवाल यह उठता है क‍ि अगर पीजीसी की ओर से न‍ियुक्‍त अध‍िकारी को कंप्‍लेंट पर कार्रवाई करने से पहले एमसीडी कम‍िश्‍नर ने न‍िलंब‍ित कर द‍िया तो दूसरे अध‍िकारी को इसकी ज‍िम्‍मेदारी क्यों नहीं सौंपी गई, जबकि 22 जुलाई तक शिकायत पर दो र‍िमाइंडर भी भेजा गया था. और 27 जुलाई को तीन मासूम छात्रों की मौत बेसमेंट में भरे पानी में डूब जाने से हो गई.

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