देहरादून: वन महकमे में वर्कचार्ज कर्मियों को लेकर जल्द सब कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार कर लेगी. खास बात ये है कि कर्मियों के नियमितीकरण पर महज वन महकमे को लेकर ही विचार नहीं होगा बल्कि तैयार की गई रिपोर्ट का प्रदेशस्तरीय प्रभाव भी देखा जाएगा. हाल ही में कैबिनेट बैठक के दौरान वार्कचार्ज कर्मियों के नियमितीकरण को लेकर सब कमेटी का गठन किया गया था.
उत्तराखंड वन विभाग में वर्कचार्ज कर्मियों के नियमितीकरण पर कैबिनेट द्वारा गठित सब कमेटी विचार कर रही है. हालांकि, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन राज्य सरकार इस प्रकरण पर निर्णय लेते हुए मामले का अंतिम समाधान करना चाहती है. पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक के दौरान इसके लिए एक सब कमेटी का गठन करने का फैसला किया गया. इसके बाद से ही यह सब कमेटी वर्कचार्ज कर्मियों के नियमितीकरण पर विचार कर रही है. सब कमेटी अपनी रिपोर्ट जल्द ही तैयार करने जा रही है, जिसके बाद यह रिपोर्ट कैबिनेट में रखी जाएगी.
उत्तराखंड वन विभाग में वर्कचार्ज कर्मियों के नियमितीकरण का मामला नया नहीं है. राज्य स्थापना के बाद वन विभाग के कुछ कर्मियों को नियमितकरण का लाभ दिया गया था, जबकि कई कर्मचारियों को विभिन्न आपत्तियों के मद्देनजर नियमित करने की प्रक्रिया से हटा दिया गया था. ऐसे में इन कर्मचारियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. वन विभाग के इन वर्कचार्ज कर्मियों के नियमितीकरण से सरकार सकते में है. इस पर फाइनल फैसला चाहती है.
उत्तराखंड वन विभाग की जिम्मेदारी देख रहे कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं कि सब कमेटी अपनी पहली बैठक कर चुकी है. इस दौरान कई विषयों पर बातचीत की गई है. फैसला लेने के दौरान यह भी देखा जाएगा कि इसका प्रदेश स्तर पर इसका क्या असर पड़ेगा.
उत्तराखंड में विभिन्न विभागों के कर्मचारी नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं. खास तौर पर उपनल कर्मचारी भी नियमितीकरण को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हैं. जाहिर है कि यदि वन विभाग में नियमितीकरण को लेकर कोई निर्णय लिया जाता है तो राज्य के बाकी विभागों के कर्मचारी भी इसी फैसले को आगे रखकर नियमितीकरण की मांग को और तेज करेंगे.