आजमगढ़ः जिले में पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार सीएम योगी आदित्यनाथ सोमवार को 11:00 बजे पुलिस लाइन पहुंचे. यहां से कार के जरिए सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचे और अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के साथ मंडलीय समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया. जबकि मऊ और बलिया के अधिकारी ऑनलाइन जुड़े थे. सीएम ने विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की अधिकारियों के साथ समीक्षा की.
अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा किए जाने को लेकर भाजपा के एमएलसी रामसूरत राजभर ने कुछ मामलों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया. उन्होंने सीएम से कहा कि छोटे-छोटे मामले भी तहसील और थाने पर नहीं सुने जाते हैं. जब हम इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करते हैं, तो वहां भी सुनवाई नहीं होती. उच्च अधिकारियों के फोन नहीं उठाते. उच्च न्यायालय के निर्देशों का भी पालन अधिकारी नहीं कर रहे हैं. एमएलसी रामसूरत राजभर की शिकायत को सुनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक के दौरान डीएम और एसपी सहित अन्य अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि इस तरीके की शिकायत फिर नहीं आनी चाहिए.
बैठक की सूची में जिनका नाम नहीं था, उन्होंने अंदर प्रवेश नहीं दिया गया. यहां तक की भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद नीलम सोनकर का नाम भी सूची में नहीं था, जिन्हें पुलिसकर्मियों ने वापस कर दिया. लेकिन फिर फोन करने पर वापस बैठक में बुला लिया गया. इसी तरह निरहुआ का भी नाम नहीं था. इन्हें भी वापस भेजा गया फिर बाद में बुला लिया गया. बैठक में नगर विकास मंत्री एके शर्मा, मंत्री दारा सिंह चौहान, मंत्री दानिश अंसारी, एमएलसी विजय बहादुर पाठक, एमएलसी रामसूरत राजभर, पूर्व एमएलसी यशवंत सिंह के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों में मंडल आयुक्त मनीष चौहान, डीआईजी वैभव कृष्ण, डीएम विशाल भारद्वाज, एसपी हेमराज मीणा आदि उपस्थित रहे.