लखनऊ: देश ही नहीं एशिया में राजगिद्ध (रेड हेडेड वल्चर) के संरक्षण के लिए कैम्पियरगंज रेंज (गोरखपुर वन प्रभाग) में स्थापित ‘जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र’ का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे. इसके लिए 6 सितंबर की तिथि प्रस्तावित है. इस जटायु संरक्षण केंद्र का शिलान्यास मुख्यमंत्री ने 7 अक्टूबर 2020 को किया था. जटायु संरक्षण केंद्र का उद्घाटन करने के बाद 6 सितंबर को ही मुख्यमंत्री स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित मानीराम क्षेत्र के सोनबरसा गांव में 634.66 करोड़ रुपये की पांच विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी करेंगे.
राजगिद्ध जटायु की गाथा तो रामायण काल से ही सभी जानते हैं. लेकिन, पर्यावरणीय खतरे के चलते जटायु के वंशजों के अस्तित्व पर ही संकट आ गया. योगी सरकार ने इस संकट को दूर करने का निर्णय लिया है. राजगिद्ध के संरक्षण और संवर्धन के लिए गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज (भारीवैसी) में जटायु संरक्षण और संवर्धन केंद्र बनाया गया है. इस केंद्र के जरिये राजगिद्धों की संख्या बढ़ेगी ही, विलुप्त होती प्रजातियों में शामिल इन जीवों को देखने के लिए सैलानियों की आमद बढ़ने से ईको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा.
जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र की स्थापना पर कुल 2 करोड़ 80 लाख 54 हजार रुपये की लागत आई है. इसमें ब्रीडिंग एवरी, होल्डिंग एवरी, हॉस्पिटल एवरी, नर्सरी एवरी, वेटनरी सेक्शन, प्रशासनिक भवन, रिकवरी एवरी, गार्डरूम, जेनरेटर रूम, पाथवे का निर्माण किया गया है. इस केंद्र में कुल 8 स्टाफ कार्यरत हैं. जटायु संरक्षण केंद्र में कुल 6 राजगिद्धों (नर एवं मादा) को लाया जा चुका है. यहां राजगिद्धों की निगरानी सीसी कैमरों से की जाएगी.
गोरखपुर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) विकास यादव के मुताबिक, पांच हेक्टेयर जमीन पर बनाए गए, इस केंद्र के लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी और प्रदेश सरकार के बीच में समझौता हुआ है. गोरखपुर वन प्रभाग द्वारा बनाई गई कार्ययोजना के अनुसार इस जटायु संरक्षण केंद्र से आगामी आठ-दस साल में 40 जोड़े राजगिद्ध छोड़े जाने का लक्ष्य है.
रेल ओवरब्रिज, स्मार्ट स्कूल और स्मार्ट पंचायत भवन का होगा लोकार्पण: जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोनबरसा गांव में आयोजित समारोह में 88 करोड़ 4 लाख 98 हजार रुपये की दो विकास परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे. इसके साथ ही 546 करोड़ 19 लाख 11 हजार रुपये की तीन विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे. लोकार्पण और शिलान्यास की इन परियोजनाओं की कुल लागत 634 करोड़ 66 लाख 9 हजार रुपये है. लोकार्पण की प्रमुख परियोजना बालापार-टिकरिया मार्ग स्थित रेल समपार संख्या-6 के स्पेशल टू लेन रेल ओवरब्रिज शामिल है.इसके निर्माण पर 84 करोड़ 87 लाख 58 हजार रुपये की लागत आई है.
मुख्यमंत्री सोनबरसा गांव में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के सीएसआर फंड से जीडीए द्वारा बनवाए गए स्मार्ट स्कूल और स्मार्ट पंचायत भवन का भी लोकार्पण करेंगे. इस पर 3 करोड़ 59 लाख 40 हजार रुपये की लागत आई है. वहीं बालापार-टिकरिया-गांगी बाजार मार्ग के फोरलेन में चौड़ीकरण (लागत 519.62 करोड़), रिपोर्टिंग पुलिस चौकी सिकटौर को उच्चीकृत कर थाना सिकटौर सोनबरसा हेतु प्रशासनिक और आवासीय भवनों (लागत 26.56 करोड़) के निर्माण कार्य का शिलान्यास भी करेंगे.
गरुड़ की अदभुत शारीरिक विशेषताएं:
गरुड़ की शानदार शारीरिक विशेषताएं उन्हें आकाश में सफल शिकारी बनाती हैं.
- तेज नजर: गरुड़ की आंखें तेजबीन चील की तुलना में आठ गुना अधिक तेज होती हैं. वे जमीन पर छोटे जीवों को भी हजारों फीट की ऊंचाई से देख सकते हैं. उनके शक्तिशाली पंजे और घुमावदार चोंच शिकार को पकड़ने और चीरने के लिए अनुकूल हैं.
- चौड़े पंख: गरुड़ के चौड़े पंख हवा में लंबी दूरी तय करने और हवाओं में उड़ने में मदद करते हैं. कुछ प्रजातियों के पंखों का फैलाव आठ फीट से अधिक हो सकता है.
गरुड़ के अद्भुत अंग: रखरखाव का रहस्य: गरुड़, आकाश के राजा, न केवल अपनी तेज नजर के लिए बल्कि अपने शक्तिशाली पंजे, मजबूत चोंच और विशाल पंखों के लिए भी जाने जाते हैं. ये अंग गरुड़ों को शिकार करने, उड़ने और अपने वातावरण के साथ बातचीत करने में मदद करते हैं. गरुड़ की औसत आयु उनकी प्रजाति के आधार पर भिन्न होती है, आमतौर पर यह 20 से 50 वर्ष के बीच होती है. कुछ प्रजातियां, जैसे कि बाल्ड ईगल (Bald Eagle) और गोल्डन ईगल (Golden Eagle), आदर्श परिस्थितियों में 50 से 60 वर्ष तक भी जीवित रह सकती हैं.