गोरखपुर: योगी आदित्यनाथ मंगलवार को गोरखपुर में "रोड टू स्कूल" अभियान का शुभारंभ किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सशक्त और समर्थ राष्ट्र की सबसे बड़ी उपलब्धि शिक्षा है. इसके बगैर जीवन में पूर्ति की कल्पना नहीं की जा सकती. इसीलिए प्राचीन काल से ही शिक्षा को सर्व सुलभ करने को लेकर के लगातार मंथन चलता रहा है. इसके लिए अलग-अलग समय में अलग-अलग प्रयास हुए हैं. यही वजह है कि भारत के प्राचीन गुरुकुल की प्रणाली हम सबके लिए आज भी एक प्रेरणा है. यह अभियान स्कूल चलो अभियान का ही एक हिस्सा है. सीएम ने कहा कि रोड टू स्कूल अभियान के माध्यम से ग्रामीण परिवेश के बच्चों को प्राथमिक स्कूलों से जोड़ने, उन्हें शिक्षित बनाने के साथ सशक्त और समर्थ बनाया जाएगा. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर अशोका लीलैंड की लर्निंग लिंक काम करेगी. रोड टू स्कूल में जो बच्चे ड्रॉप आउट कर लिए या जो स्कूल नहीं जा रहे हैं, उन्हें फिर से जोड़कर उन्हें शिक्षित और समर्थ बनाया जायेगा.
जनपद गोरखपुर में 'निपुण भारत मिशन' के अंतर्गत बेसिक शिक्षा विभाग, अशोक लीलैंड लिमिटेड एवं लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन द्वारा 'रोड टू स्कूल' कार्यक्रम के प्रथम चरण के शुभारंभ अवसर पर... https://t.co/CraCzNCh6p
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 20, 2024
पहले एडमिशन तो होता था लेकिन बच्चे स्कूल नहीं जाते थेः सीएम ने कहा कि 2017 से विद्यालयों में बच्चे पहले तो एडमिशन नहीं ले पाते थे. एडमिशन लेते तो उसमें से आधे बच्चे ऐसे होते थे, जो स्कूल नहीं जाते थे. इसका परिणाम था कि नौवीं क्लास में एडमिशन लेने वालों की संख्या पहली क्लास में एडमिशन लेने वालों की संख्या की तुलना में आधी रह जाती थी. सीनियर सेकेंडरी स्तर पर उसमें और कमी आ जाती थी. स्नातक करने वालों की संख्या में 25 से प्रतिशत कम हो जाती थी. इसमें भी क्वालिटी का ध्यान नहीं दिया जाता था. हम लोगों ने 2017 में "स्कूल चलो अभियान" शुरू किया, स्कूल जिसका अच्छा परिणाम आया. अब रेडी टू स्कूल इस अभियान को और मजबूती प्रदान करेगा. सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद में एक करोड़ 34 लाख से बढ़कर एक करोड़ 92 लाख पहुंच गई है. यह संख्या बताती है कि बच्चे स्कूल जाना चाहते थे लेकिन उनको ले जाने का कोई माध्यम नहीं बन पा रहा था. इनको प्रेरित और प्रोत्साहित करने का कोई माध्यम नहीं बन पा रहा था. फिर इन बच्चों के लिए हम कुछ कार्यक्रम अपनाकर आगे बढ़ा सके.
मैकाले ने शिक्षा पद्धति को भटाने के लिए बनाया थाः योगी ने कहा कि जब मैकाले आधुनिक शिक्षा प्रणाली भारत में लागू की तो उससे पहले उसने पूरे भारत के अंदर भ्रमण किया. पूरे देश के अंदर उसने उत्तर से दक्षिण सर्वत्र गया. इसके बाद उसने ब्रिटेन में वायसराय को पत्र लिखकर भेजा. जिसमें लिखा कि मैंने भारत का भ्रमण किया है. भारत एक ऐसा देश है, जहां कि पंचायतें, संस्थाएं स्वयं अपने शिक्षण संस्थानों के प्रति आगे आकर साक्षरता के साथ-साथ लक्ष्य को बिना भेदभाव के हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबंध दिख रही हैं. भारत दुनिया में मुझे एक ऐसा देश देखने को मिला है जिस देश में मैं कहीं भी गया तो यही दिखा कि ग्रामीण क्षेत्र में लोग आपस में एक विश्वास से जुड़े हुए हैं. कोई भी अपने घर में ताला नहीं लगाता और हर व्यक्ति को एक दूसरे पर विश्वास है. जब तक भारत के अंदर परस्पर लोगों में यह विश्वास बना हुआ है भारत को अधिक दिनों तक ब्रिटिश गुलाम नहीं बना कर रख सकते. इसलिए उन्होंने उस समय की शिक्षा पद्धति को इस रूप में बनाया कि लोगों में भटकाव हो.
जनपद गोरखपुर में आज 'निपुण भारत मिशन' के अंतर्गत बेसिक शिक्षा विभाग, उ.प्र., अशोक लीलैंड लिमिटेड व लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में संचालित 'रोड टू स्कूल' कार्यक्रम के प्रथम चरण का शुभारंभ हुआ।
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यह कार्यक्रम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को और अधिक सुदृढ़ करेगा, बल्कि… pic.twitter.com/GUamu9H2ht
पीएम मोदी ने नई शिक्षा नीति से उज्जवल भविष्य की आधारशिला रखीः सीएम योगी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी ने जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू किया है वह, उज्जवल भविष्य की एक नई आधारशिला है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कहा गया है कि एग्जांपल देकर, मॉडल देकर बच्चों को बताएंगे, उसके मॉडल उपलब्ध रहेंगे. मैथ से जुड़े हुए उसके हर प्रकार के मॉडल रहेंगे. जिससे आसानी से बच्चे उसको समझ पाएंगे. किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी. सीएम ने कहा कि स्वाभाविक रूप से इसको बच्चे एक बार जब समझ जाएंगे तो बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान उनको करने में कहीं कोई दिक्कत नहीं होने वाली है.
पहले चरण में 78 स्कूल चिन्हितः सीएम योगी ने कहा कि रोड टू स्कूल कार्यक्रम के तहत पहले 78 स्कूल चारगांव विकासखंड के लिए गए हैं. इसके बाद भटहट विकास खंड के भी सभी बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल शामिल होंगे. जिसमें पढ़ाई के नए तरीके अपनाए जाएंगे. यह एक अभिनव प्रयास है, जिसमें प्रयास होगा कि शत प्रतिशत बच्चों का नामांकन हो. सीएम ने कहा बच्चों का एडमिशन करवाना और फिर उसको योग्य बनाकर आत्मनिर्भर बनाने की प्रक्रिया के साथ भी जोड़ना है. जब व्यक्ति आत्मनिर्भर होगा तो समाज और राष्ट्र आत्मनिर्भर होगा.
क्या है रोड टू स्कूलः रोड टू स्कूल सरकारी प्राथमिक उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालयों के छात्रों के बीच सीखने के अंतराल के मुद्दों पर कार्य करता है. इसमें छात्रों के समग्र विकास के लिए एक आधारभूत ढांचा तैयार करने पर खासा जोर है. रोड टू स्कूल में एक ऐसे मापनयोग्य मॉडल पर काम किया जाता है, जिससे बच्चों के शैक्षिक और सह शैक्षिक, दोनों के विकास के साथ विद्यालय में उनकी उपस्थिति में सुधार किया जा सके और ड्राप आउट की समस्या दूर हो सकेय
पहले चरण में 50 रिसोर्स पर्सन तैनातः प्रोजेक्ट ‘रोड टू स्कूल’ के तहत प्रत्येक दो विद्यालय के लिए एक रिसोर्स पर्सन की तैनाती की व्यवस्था है. चरगांवा ब्लॉक में सभी 78 विद्यालयों के सापेक्ष 50 रिसोर्स पर्सन की तैनाती कर दी गई है. दूसरे चरण में भटहट ब्लॉक में भी 50 रिसोर्स पर्सन तैनात किए जाएंगे. रिसोर्स पर्सन को दिए गए दायित्व की निगरानी व मार्गदर्शन के लिए प्रत्येक ब्लॉक के लिए पांच वरिष्ठ रिसोर्स पर्सन की तैनाती रहेगी. इसके अलावा विद्यालयों में बच्चों के स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण कार्यक्रम गतिविधियों को लागू करने के लिए प्रत्येक ब्लॉक में पांच प्रोजेक्ट एसोसिएट रहेंगे. रोड टू स्कूल प्रोजेक्ट में प्रत्येक विद्यालय को शिक्षण सहायक सामग्री और बच्चों को गणितीय योग्यता में दक्ष बनाने के लिए गणित किट प्रदान की जाएगी. खेलो इंडिया कार्यक्रम के अनुरूप बच्चों में खेल की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए एक खेल किट भी दी जाएगी.