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आंगनबाड़ी केंद्रों में खिचड़ी की जगह ड्राई फ्रूट देने पर भी विचार, विभाग की बैठक में सीएम सुक्खू ने अधिकारियों दिए ये निर्देश - CM Sukhu meeting

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं एवं निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को योजनाओं को समय पर पूरा करने के आदेश दिए. साथ ही उन्होंने कई योजनाओं की समीक्षा भी की. बैठक में कैबिनेट मंत्री धनीराम शांडिल भी मौजूद रहे.

CM SUKHU MEETING
अधिकारियों से बैठक करते सीएम सुक्खू (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 11, 2024, 7:09 PM IST

शिमला: हिमाचल में जिला कांगड़ा के लुथान एवं जिला मंडी के सुंदरनगर में बनाए जा रहे मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सुखाश्रय परिसरों का कार्य डेढ़ साल में पूरा होगा.सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 132 करोड़ की लागत से 400 आश्रितों के लिए बनाए जा रहे परिसर के कार्य को 20 जुलाई से पहले शुरू करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं एवं निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए आदेश जारी किए. उन्होंने इस परिसर को डेढ़ वर्ष के भीतर तैयार किया जाना सुनिश्चित किया जाए. सुंदरनगर में बनने वाले परिसर का नक्शा व निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा.

इनको मिलेगी सुविधा

इन परिसरों में अनाथ बच्चों, विधवाओं, एकल नारियों एवं वृद्धजनों को सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. उन्होंने इन परिसरों को अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित करने के निर्देश दिए, ताकि सभी आवासियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा सकें.मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की समीक्षा करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे अनाथ बच्चों को होस्टल की सुविधा न मिलने पर सरकार किराए के रूप में 3000 रुपये प्रतिमाह प्रदान करेगी. उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को अनाथ बच्चों को करियर काउंसलिंग प्रदान करने और इस संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा इन बच्चों को व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के लिए कोचिंग सुविधा प्रदान की जाएगी.

पात्रों को 27 वर्ष तक हर महीने मिलेंगे 1 हजार

सीएम सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के तहत पात्र विधवाओं एवं एकल नारियों के प्रत्येक बच्चे को 27 वर्ष की आयु तक 1000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे. 18 से 27 वर्ष की आयु के सभी पात्र बच्चों को मुफ्त उच्च शिक्षा की सुविधा भी दी जा रही है. इस योजना के तहत सभी पात्र महिलाओं को हिमकेयर योजना के अंतर्गत मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिसकी प्रीमियम राशि सरकार देगी. मुख्यमंत्री ने विभाग को इंदिरा गांधी मातृ शिशु संकल्प योजना को सुदृढ़ करने के लिए गर्भवती व स्तनपान करवाने वाली महिलाओं और तीन साल की उम्र तक के बच्चों को पोषण संबंधी सहायता उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में खिचड़ी के बजाय ड्राई फ्रूट देने की संभावनाओं को भी तलाशा जाना चाहिए. उन्होंने बच्चों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने और अच्छे प्रबंधन के लिए प्री-नर्सरी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को एकीकृत करने के भी निर्देश दिए.

कोटला में बनेगा आदर्श राज्य स्तरीय नशा निवारण केंद्र

सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विधवाओं तथा एकल नारियों को घर निर्माण के लिए दी जाने वाली वित्तीय सहायता को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया है. उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आय सीमा को तीन लाख रुपये प्रतिवर्ष निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर के कोटला बड़ोग में आदर्श राज्य स्तरीय नशा निवारण केंद्र बनाया जाएगा. जिसके लिए निविदा प्रक्रिया 20 जुलाई 2024 तक पूर्ण की जाएगी. इसके अतिरिक्त जिला सोलन में कंडाघाट क्षेत्र के टिक्करी में करीब 300 दिव्यांग जनों को शिक्षा प्रदान करने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस निर्मित किया जाएगा.

ये भी पढे़ं: कगंना रनौत 'थप्पड़ कांड': विशाल ददलानी के इस कमेंट पर भड़कीं सोना मोहपात्रा, बोलीं- पैसा कमाके देश से...

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शिमला: हिमाचल में जिला कांगड़ा के लुथान एवं जिला मंडी के सुंदरनगर में बनाए जा रहे मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सुखाश्रय परिसरों का कार्य डेढ़ साल में पूरा होगा.सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 132 करोड़ की लागत से 400 आश्रितों के लिए बनाए जा रहे परिसर के कार्य को 20 जुलाई से पहले शुरू करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं एवं निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए आदेश जारी किए. उन्होंने इस परिसर को डेढ़ वर्ष के भीतर तैयार किया जाना सुनिश्चित किया जाए. सुंदरनगर में बनने वाले परिसर का नक्शा व निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा.

इनको मिलेगी सुविधा

इन परिसरों में अनाथ बच्चों, विधवाओं, एकल नारियों एवं वृद्धजनों को सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. उन्होंने इन परिसरों को अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित करने के निर्देश दिए, ताकि सभी आवासियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा सकें.मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की समीक्षा करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे अनाथ बच्चों को होस्टल की सुविधा न मिलने पर सरकार किराए के रूप में 3000 रुपये प्रतिमाह प्रदान करेगी. उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को अनाथ बच्चों को करियर काउंसलिंग प्रदान करने और इस संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा इन बच्चों को व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के लिए कोचिंग सुविधा प्रदान की जाएगी.

पात्रों को 27 वर्ष तक हर महीने मिलेंगे 1 हजार

सीएम सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के तहत पात्र विधवाओं एवं एकल नारियों के प्रत्येक बच्चे को 27 वर्ष की आयु तक 1000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे. 18 से 27 वर्ष की आयु के सभी पात्र बच्चों को मुफ्त उच्च शिक्षा की सुविधा भी दी जा रही है. इस योजना के तहत सभी पात्र महिलाओं को हिमकेयर योजना के अंतर्गत मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिसकी प्रीमियम राशि सरकार देगी. मुख्यमंत्री ने विभाग को इंदिरा गांधी मातृ शिशु संकल्प योजना को सुदृढ़ करने के लिए गर्भवती व स्तनपान करवाने वाली महिलाओं और तीन साल की उम्र तक के बच्चों को पोषण संबंधी सहायता उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में खिचड़ी के बजाय ड्राई फ्रूट देने की संभावनाओं को भी तलाशा जाना चाहिए. उन्होंने बच्चों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने और अच्छे प्रबंधन के लिए प्री-नर्सरी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को एकीकृत करने के भी निर्देश दिए.

कोटला में बनेगा आदर्श राज्य स्तरीय नशा निवारण केंद्र

सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विधवाओं तथा एकल नारियों को घर निर्माण के लिए दी जाने वाली वित्तीय सहायता को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया है. उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आय सीमा को तीन लाख रुपये प्रतिवर्ष निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर के कोटला बड़ोग में आदर्श राज्य स्तरीय नशा निवारण केंद्र बनाया जाएगा. जिसके लिए निविदा प्रक्रिया 20 जुलाई 2024 तक पूर्ण की जाएगी. इसके अतिरिक्त जिला सोलन में कंडाघाट क्षेत्र के टिक्करी में करीब 300 दिव्यांग जनों को शिक्षा प्रदान करने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस निर्मित किया जाएगा.

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