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मर्ज हुए स्कूलों में कार्यरत मिड-डे मील वर्करों की दूर हुई टेंशन, सीएम सुक्खू ने लिया अहम फैसला - Himachal Mid Day Meal Workers

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 17, 2024, 6:35 PM IST

CM Sukhu took a big decision for Mid-day meal workers: हिमाचल में मर्ज किए गए स्कूलों में कार्य कर रहे मिड डे मील वर्करों के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बड़ा फैसला लिया है. अब इन मिड डे मील वर्करों को उनके पास के स्कूलों में समायोजित किया जाएगा.

सीएम सुक्खू ने शिक्षा विभाग के साथ की बैठक
सीएम सुक्खू ने शिक्षा विभाग के साथ की बैठक (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल में मर्ज किए गए स्कूलों में कार्य कर रहे मिड डे मील वर्करों के लिए राहत की खबर हैं. प्रदेश में सैंकड़ों स्कूलों के मर्ज हुए स्कूलों सरप्लस मिड-डे मील वर्करों की नौकरी बची रहेगी. ऐसे सभी मिड डे मील
कार्यकर्ताओं को समीपवर्ती स्कूलों में समायोजित किया जाएगा. ये निर्णय शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हुई शिक्षा विभाग की बैठक में लिया गया.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "विद्यालयों के विलय के कारण सरप्लस मिड-डे मील कार्यकर्ताओं को समीपवर्ती स्कूलों में समायोजित किया जाएगा और उनकी सेवाओं को समाप्त नहीं किया जाएगा. प्रदेश सरकार विभिन्न पहलों के माध्यम से वर्तमान शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है. जिसके लिए शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सरकारी स्कूलों का विलय किया जा रहा है".

सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिष्द और जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों का पुनर्गठन किया जाएगा. इसका उद्देश्य प्रदेश के विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना है.

भाजपा के समय गिरा शिक्षा का स्तर: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण हिमाचल गुणात्मक शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर 21वें स्थान पर फिसल गया है. ऐसे में सरकारी शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार प्रमुखता से कार्य कर रही है. सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षकों का ज्ञानवर्धन करने और उन्हें विश्वस्तरीय शिक्षण पद्धतियों की जानकारी प्रदान करने के लिए विदेशों में शिक्षण भ्रमण करवाया, ताकि छात्रों को इसका लाभ मिल सके.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा, खेल और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्रों के लिए भी इस तरह के भ्रमण कार्यक्रम आयोजित करवाएगी. ताकि विद्यार्थियों की प्रतिभा में और निखार आ सके. प्रदेश सरकार शैक्षणिक संस्थानों में खेल अधोसंरचना उन्नयन करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है. जिसके लिए 6 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के विद्यार्थियों के लिए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है.

उन्होंने कहा कि 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के विद्यार्थी अंडर 14 टूर्नामेंट्स में भाग ले सकते हैं और इन टूर्नामेंट में 6 से 11 आयु वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अलग खेल प्रतियोगिताओं आयोजित की जाएगी. प्रदेश में खेल गतिविधियों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने खिलाड़ियों की डाइट मनी में उल्लेखनीय वृद्धि की है. इसके अंतर्गत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की डाइट मनी को 240 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये किया गया है.

जिला स्तरीय प्रतियोगिता में 300 रुपये और खंड स्तरीय प्रतियोगिताओं में 240 रुपये दिए जाते हैं. प्रदेश के बाहर प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की डाइट मनी को बढ़ाकर 500 रुपये किया गया है. इसके अतिरिक्त खिलाड़ियों को सुविधा प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य के बाहर आयोजित होने वाले आयोजनों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की यात्रा सुविधा में भी वृद्धि की गई है.

ये भी पढ़ें: सुखविंदर सरकार के सामने वेतन-पेंशन का संकट, अगले साल 3257 करोड़ रुपए के तौर पर ऊंट के मुंह में जीरे समान रह जाएगी रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट

शिमला: हिमाचल में मर्ज किए गए स्कूलों में कार्य कर रहे मिड डे मील वर्करों के लिए राहत की खबर हैं. प्रदेश में सैंकड़ों स्कूलों के मर्ज हुए स्कूलों सरप्लस मिड-डे मील वर्करों की नौकरी बची रहेगी. ऐसे सभी मिड डे मील
कार्यकर्ताओं को समीपवर्ती स्कूलों में समायोजित किया जाएगा. ये निर्णय शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हुई शिक्षा विभाग की बैठक में लिया गया.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "विद्यालयों के विलय के कारण सरप्लस मिड-डे मील कार्यकर्ताओं को समीपवर्ती स्कूलों में समायोजित किया जाएगा और उनकी सेवाओं को समाप्त नहीं किया जाएगा. प्रदेश सरकार विभिन्न पहलों के माध्यम से वर्तमान शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है. जिसके लिए शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सरकारी स्कूलों का विलय किया जा रहा है".

सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिष्द और जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों का पुनर्गठन किया जाएगा. इसका उद्देश्य प्रदेश के विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना है.

भाजपा के समय गिरा शिक्षा का स्तर: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण हिमाचल गुणात्मक शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर 21वें स्थान पर फिसल गया है. ऐसे में सरकारी शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार प्रमुखता से कार्य कर रही है. सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षकों का ज्ञानवर्धन करने और उन्हें विश्वस्तरीय शिक्षण पद्धतियों की जानकारी प्रदान करने के लिए विदेशों में शिक्षण भ्रमण करवाया, ताकि छात्रों को इसका लाभ मिल सके.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा, खेल और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्रों के लिए भी इस तरह के भ्रमण कार्यक्रम आयोजित करवाएगी. ताकि विद्यार्थियों की प्रतिभा में और निखार आ सके. प्रदेश सरकार शैक्षणिक संस्थानों में खेल अधोसंरचना उन्नयन करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है. जिसके लिए 6 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के विद्यार्थियों के लिए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है.

उन्होंने कहा कि 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के विद्यार्थी अंडर 14 टूर्नामेंट्स में भाग ले सकते हैं और इन टूर्नामेंट में 6 से 11 आयु वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अलग खेल प्रतियोगिताओं आयोजित की जाएगी. प्रदेश में खेल गतिविधियों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने खिलाड़ियों की डाइट मनी में उल्लेखनीय वृद्धि की है. इसके अंतर्गत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की डाइट मनी को 240 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये किया गया है.

जिला स्तरीय प्रतियोगिता में 300 रुपये और खंड स्तरीय प्रतियोगिताओं में 240 रुपये दिए जाते हैं. प्रदेश के बाहर प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की डाइट मनी को बढ़ाकर 500 रुपये किया गया है. इसके अतिरिक्त खिलाड़ियों को सुविधा प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य के बाहर आयोजित होने वाले आयोजनों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की यात्रा सुविधा में भी वृद्धि की गई है.

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