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रेवेन्यू सरप्लस होने के बाद भी जयराम सरकार ने नहीं दिया था कर्मचारियों का डीए, सीएम सुक्खू ने पूर्व सरकार पर फोड़ा आर्थिक संकट का ठीकरा - CM Sukhu on Economic Crisis

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 10, 2024, 9:21 PM IST

CM Sukhu targets Jairam Thakur regarding Himachal Economic Crisis: हिमाचल प्रदेश में मानसून सत्र के दौरान वित्तीय स्थिति पर चर्चा के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्व की जयराम सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने पूर्व की भाजपा सरकार पर आर्थिक संकट का ठीकरा फोड़ा. सीएम ने कहा कि रेवेन्यू सरप्लस होने के बाद भी जयराम सरकार ने कर्मचारियों का डीए नहीं दिया था. पढ़िए पूरी खबर...

CM Sukhu targets Jairam Thakur
सीएम सुक्खू का जयराम ठाकुर पर निशाना (ETV Bharat)
सीएम सुक्खू का जयराम ठाकुर पर निशाना (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन के अंतिम दिन वित्तीय स्थिति पर चर्चा का जवाब देते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आर्थिक संकट का ठीकरा पूर्व सरकार पर फोड़ा. सीएम ने कहा कि भाजपा सरकार के समय राज्य रेवेन्यू सरप्लस की स्थिति में था, लेकिन फिर भी जयराम सरकार ने कर्मचारियों को डीए या आईआर यानी अंतरिम राहत नहीं दी. सेशन के आखिरी दिन चर्चा के दौरान भाजपा सदस्यों रणधीर शर्मा व बिक्रम ठाकुर सहित सतपाल सिंह सत्ती ने सत्ता पक्ष पर जमकर प्रहार किया. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू जब चर्चा का जवाब दे रहे थे तो आखिरी क्षणों में विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए वॉकआउट किया.

दरअसल, सीएम जब चर्चा का उत्तर दे रहे थे तो एक बिंदु पर विपक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने झूठ बोलकर सत्ता हासिल की है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने जनता को गुमराह किया है. इसके लिए सीएम और सरकार को जनता से माफी मांगनी चाहिए. विरोध जताते हुए इसी बात पर विपक्ष सदन से बाहर चला गया.

खैर, चर्चा के जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 11 दिसंबर को सत्ता में आते ही, उन्होंने जब प्रदेश की वित्तीय स्थिति को देखा तो एक महीने तक कैबिनेट विस्तार नहीं किया. सीएम ने कहा कि उन्होंने डिप्टी सीएम के साथ एक महीने तक राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए उपायों पर चर्चा की. एक महीने बाद कैबिनेट विस्तार किया और 1.16 लाख कर्मियों को ओपीएस का लाभ दिया.

सीएम ने कहा कि भाजपा के समय राज्य 1115 करोड़ रुपए के रेवेन्यू सरप्लस में था, फिर भी जयराम सरकार ने डीए को डेफर किया. पूर्व सरकार चाहती तो आईआर यानी अंतरिम राहत का भुगतान कर सकती थी. वो भी नहीं किया. संशोधित वेतनमान का इंपैक्ट आया और देनदारियां कांग्रेस सरकार पर आ गई. पूर्व सरकार के समय अंतिम साल में राजकोषीय घाटा 6336 करोड़ रुपए था, ये सर्वाधिक था.

सीएम ने कहा कि जब वित्तीय कुप्रबंधन होता है तो कुछ नजर नहीं आता. उन्होंने आंकड़े रखते हुए कहा कि पूर्व सरकार के समय 2018-19 से लेकर 2022-23 तक हिमाचल को रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट के तौर पर 47128 करोड़ रुपए मिले. इसी प्रकार जीएसटी कंपनसेशन के तौर पर पांच साल में 9000 करोड़ रुपए मिला. फिर जून 2023 में जीएसटी कंपनसेशन बंद हुआ. कांग्रेस सरकार को सत्ता में आने के बाद कुल 88 करोड़ रुपए जीएसटी कंपनसेशन के मिले.

सीएम सुक्खू ने दावा किया कि उन्होंने सत्ता में आने के बाद बीस महीने में आर्थिक स्थिति को काबू में किया. सीएम ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान सत्ता में आने के लिए भाजपा ने जनता को रेवड़ियां बांटी. भाजपा ने 125 यूनिट बिजली, ग्रामीण इलाकों में फ्री पानी, महिलाओं को बस यात्रा में पचास फीसदी छूट आदि दी. सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने यदि पहली तारीख को वेतन व पेंशन नहीं दी तो कर्मियों व पेंशनर्स ने सरकार का सहयोग किया. उन्होंने इसके लिए कर्मचारियों का आभार भी जताया.

सीएम ने कहा कि सरकार को एक साल में वेतन व पेंशन पर 24 हजार करोड़ खर्च करना पड़ता है. यदि पहली तारीख को वेतन व पेंशन देना हो तो लोन लेना पड़ता है. हमने वेतन को पांच तारीख तय की और पेंशन को दस तारीख, इसके लिए जाने वाले लोन पर ब्याज के रूप में 3 करोड़ रुपए महीने की बचत हुई है.

सीएम ने कहा कि उन्होंने आबकारी नीति से 485 करोड़ की कमाई की है. वैट में दो बार बढ़ोतरी की, जिससे 416 करोड़ की आय हुई. इसी प्रकार मिनरल पॉलिसी से आने वाले समय में 500 करोड़ रुपए की कमाई होगी. ये सभी स्टेप आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए उठाए गए. सीएम ने कहा कि उनकी सरकार बिजली बोर्ड को भी पैरों पर खड़ा करेगी. सब्सिडी खत्म की जाएगी. साथ ही सीएम ने कहा कि 2027 में हिमाचल को आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनाएंगे.

ये भी पढ़ें: "अवैध मस्जिद निर्माण का मामला उठाने पर कांग्रेस के मंत्री को पड़ी है डांट, कैबिनेट से हटाने तक पहुंची बात"

सीएम सुक्खू का जयराम ठाकुर पर निशाना (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन के अंतिम दिन वित्तीय स्थिति पर चर्चा का जवाब देते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आर्थिक संकट का ठीकरा पूर्व सरकार पर फोड़ा. सीएम ने कहा कि भाजपा सरकार के समय राज्य रेवेन्यू सरप्लस की स्थिति में था, लेकिन फिर भी जयराम सरकार ने कर्मचारियों को डीए या आईआर यानी अंतरिम राहत नहीं दी. सेशन के आखिरी दिन चर्चा के दौरान भाजपा सदस्यों रणधीर शर्मा व बिक्रम ठाकुर सहित सतपाल सिंह सत्ती ने सत्ता पक्ष पर जमकर प्रहार किया. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू जब चर्चा का जवाब दे रहे थे तो आखिरी क्षणों में विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए वॉकआउट किया.

दरअसल, सीएम जब चर्चा का उत्तर दे रहे थे तो एक बिंदु पर विपक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने झूठ बोलकर सत्ता हासिल की है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने जनता को गुमराह किया है. इसके लिए सीएम और सरकार को जनता से माफी मांगनी चाहिए. विरोध जताते हुए इसी बात पर विपक्ष सदन से बाहर चला गया.

खैर, चर्चा के जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 11 दिसंबर को सत्ता में आते ही, उन्होंने जब प्रदेश की वित्तीय स्थिति को देखा तो एक महीने तक कैबिनेट विस्तार नहीं किया. सीएम ने कहा कि उन्होंने डिप्टी सीएम के साथ एक महीने तक राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए उपायों पर चर्चा की. एक महीने बाद कैबिनेट विस्तार किया और 1.16 लाख कर्मियों को ओपीएस का लाभ दिया.

सीएम ने कहा कि भाजपा के समय राज्य 1115 करोड़ रुपए के रेवेन्यू सरप्लस में था, फिर भी जयराम सरकार ने डीए को डेफर किया. पूर्व सरकार चाहती तो आईआर यानी अंतरिम राहत का भुगतान कर सकती थी. वो भी नहीं किया. संशोधित वेतनमान का इंपैक्ट आया और देनदारियां कांग्रेस सरकार पर आ गई. पूर्व सरकार के समय अंतिम साल में राजकोषीय घाटा 6336 करोड़ रुपए था, ये सर्वाधिक था.

सीएम ने कहा कि जब वित्तीय कुप्रबंधन होता है तो कुछ नजर नहीं आता. उन्होंने आंकड़े रखते हुए कहा कि पूर्व सरकार के समय 2018-19 से लेकर 2022-23 तक हिमाचल को रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट के तौर पर 47128 करोड़ रुपए मिले. इसी प्रकार जीएसटी कंपनसेशन के तौर पर पांच साल में 9000 करोड़ रुपए मिला. फिर जून 2023 में जीएसटी कंपनसेशन बंद हुआ. कांग्रेस सरकार को सत्ता में आने के बाद कुल 88 करोड़ रुपए जीएसटी कंपनसेशन के मिले.

सीएम सुक्खू ने दावा किया कि उन्होंने सत्ता में आने के बाद बीस महीने में आर्थिक स्थिति को काबू में किया. सीएम ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान सत्ता में आने के लिए भाजपा ने जनता को रेवड़ियां बांटी. भाजपा ने 125 यूनिट बिजली, ग्रामीण इलाकों में फ्री पानी, महिलाओं को बस यात्रा में पचास फीसदी छूट आदि दी. सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने यदि पहली तारीख को वेतन व पेंशन नहीं दी तो कर्मियों व पेंशनर्स ने सरकार का सहयोग किया. उन्होंने इसके लिए कर्मचारियों का आभार भी जताया.

सीएम ने कहा कि सरकार को एक साल में वेतन व पेंशन पर 24 हजार करोड़ खर्च करना पड़ता है. यदि पहली तारीख को वेतन व पेंशन देना हो तो लोन लेना पड़ता है. हमने वेतन को पांच तारीख तय की और पेंशन को दस तारीख, इसके लिए जाने वाले लोन पर ब्याज के रूप में 3 करोड़ रुपए महीने की बचत हुई है.

सीएम ने कहा कि उन्होंने आबकारी नीति से 485 करोड़ की कमाई की है. वैट में दो बार बढ़ोतरी की, जिससे 416 करोड़ की आय हुई. इसी प्रकार मिनरल पॉलिसी से आने वाले समय में 500 करोड़ रुपए की कमाई होगी. ये सभी स्टेप आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए उठाए गए. सीएम ने कहा कि उनकी सरकार बिजली बोर्ड को भी पैरों पर खड़ा करेगी. सब्सिडी खत्म की जाएगी. साथ ही सीएम ने कहा कि 2027 में हिमाचल को आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनाएंगे.

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