शिमला: हिमाचल इन दिनों गंभीर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है. सितंबर महीने की 2 तारीख हो गई है, लेकिन प्रदेश के लाखों कर्मचारियों और अधिकारियों के खाते में सैलरी क्रेडिट नहीं हुई है जिससे सैलरी को लेकर सोशल मीडिया में खूब शोर मचा.
इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का बयान आया है. उन्होंने कहा "हम आर्थिक संकट से उभर रहे हैं. पिछले साल भी आर्थिक संकट था और हमारी सरकार ने 2200 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया. सरकार ने शराब के ठेकों की नीलामी से एक साल में 485 करोड़ रुपये की कमाई की. इसके अलावा हमने बैट लगाकर और अन्य संसाधनों से कमाई की."
सीएम ने कहा "पूर्व की भाजपा सरकार ने पांच साल में 600 करोड़ रुपये कमाए. सरकार की नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था में 20 फीसदी का सुधार हुआ है. इससे धीरे-धीरे हमारी अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटेगी और साल 2027 में हम आत्मनिर्भर बन जाएंगे."
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल के आर्थिक संकट को लेकर लोगों से सहयोग की अपील की है. उन्होंने कहा प्रदेश सरकार सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों, किसानों, बागवानों और महिलाओं का विकास करना चाहती है.
सीएम ने कहा "प्रदेश सरकार हर महीने 1200 करोड़ रुपये सैलरी पर व 800 करोड़ रुपये पेंशन पर खर्च कर रही है. यह सैलरी और पेंशन केवल विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की है. इसके अलावा बोर्ड व निगमों के कर्मचारियों के वेतन व पेंशन पर अलग से राशि खर्च होती है."
ये भी पढ़ें: हिमाचल में कांग्रेस सरकार नहीं दे पाई वेतन और पेंशन, राज्य के इतिहास में पहली बार महीने की शुरुआत में नहीं आई सैलेरी
ये भी पढ़ें: "हिमाचल पर घोर वित्तीय संकट", हर महीने सैलरी और पेंशन के लिए चाहिए इतने करोड़