धर्मशाला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा के विंटर सेशन के पहले दिन जमकर विपक्ष पर हमला बोला. उन्होंने कहा हिमाचल के इतिहास में ये पहली बार हुआ है कि चर्चा विपक्ष ला रहा है और स्वीकार सत्ता पक्ष कर रहा है, यह भी पहली बार है कि विपक्ष भाग रहा है और हम सदन में बैठे हुए हैं.
तपोवन में मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा "भाजपा एक अनुशासित पार्टी थी, लेकिन अब उनमें अनुशासनहीनता आ गई है. अब नेता प्रतिपक्ष खुद को संभालें या अपनी कुर्सी संभालें, इसलिए भ्रष्टाचार पर चर्चा के समय वह इधर-उधर जा रहे हैं, क्योंकि उल्टा चोर कोतवाल को नहीं डांट सकता." दो साल में हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के चोर दरवाजे बंद किए हैं. सीएम ने कहा कि भाजपा ने नियम-67 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाया कि भ्रष्टाचार पर सरकार चर्चा करे. विडंबना ऐसी है कि भ्रष्टाचार पर चर्चा के समय नेता प्रतिपक्ष सदन में उपस्थित ही नहीं थे.
पिछली डबल इंजन सरकार में भ्रष्टाचार के मामले में जिस स्वास्थ्य मंत्री को हटा दिया गया था, वही आज ईमानदारी का तमगा पहनकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। pic.twitter.com/fnT7GWp9cI
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) December 18, 2024
आंतरिक कलह से पांच गुटों में बंटी भाजपा
सीएम ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, जब पूर्व में स्वास्थ्य मंत्री थे और उनके कार्यकाल में पीपीई किट घोटाला हुआ, उसके बाद उन्हें एक आंतरिक राजनीतिक षडयंत्र के तहत स्वास्थ्य मंत्री के पद से हटा दिया गया फिर आंतरिक राजनीति चली और आज डॉ. राजीव बिंदल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं. कहीं ना कहीं भाजपा में इतनी आंतरिक कलह है कि भाजपा पांच गुटों में बंटी है.विपक्ष के पास नहीं थे फैक्टससीएम ने कहा कि भाजपा के विधायक यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि भ्रष्टाचार कहां हुआ है. नियम-67 के तहत भ्रष्टाचार पर चर्चा को हमने स्वीकार किया, जब चर्चा शुरू हुई तो फैक्टस कुछ नहीं थे, बल्कि यह कहा गया कि जंगल कट रहे हैं, माइनिंग हो रही है. फैक्टस कल हम लाएंगे और जो भी भ्रष्टाचार में लिप्त व्यक्ति होंगे, जिनके खिलाफ साक्ष्य होंगे, हमारी सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.
बीजेपी के 28 में से 14 विधायक रहे मौजूद
सीएम ने कहा "राजनीतिक जीवन में आरोप-प्रत्यारोप चलते रहते हैं, लेकिन भाजपा की ऐसी दुर्दशा मैंने पहले कभी नहीं देखी. जुम्मा-जुम्मा 28 भाजपा विधायक जीतकर आए हैं और भ्रष्टाचार पर चर्चा में 14 ही विधायक सदन में बैठे थे. मुझे लगता है कि मैं ऐसी बात कहूंगा तो कल 28 के 28 विधायक आएंगे और मेरे रिप्लाई से पहले वे वॉकआउट भी कर जाएंगे. रिप्लाई के समय विपक्ष बैठा रहे तो स्वाद आता है."
विपक्षी विधायकों पर हाईकमान का दबाव
सीएम ने कहा कि मैं जानता हूं भाजपा हाईकमान का भाजपा विधायकों पर बहुत दबाव है. भ्रष्टाचार भाजपा के कार्यकाल में हुआ है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर परेशानी में हैं, मैं उनकी परेशानी समझता हूं, जब कुर्सी की लड़ाई होती है तो ना तो डॉ. बिंदल और ना ही जयराम ठाकुर को बुरा मानना चाहिए, मैं तो कई बार कुर्सी से हटा हूं.